NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
क्या संयुक्त राष्ट्र पर हमले के लिए इजराइल जवाबदेह होगा?
विजय प्रसाद
16 May 2015

टिपण्णी: विजय प्रसाद कहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के ठिकानों और नागरिकों पर इजराइल द्वारा किया जा रहे अनवरत हमलों की अंतराष्ट्रीय समुदाय अनदेखी करता रहेगा.

इजराइल द्वारा किये गए संभावित युद्ध अपराध के सम्बन्ध संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट्स के इतिहास को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के अफसरों द्वारा तेल अवीव में की गयी जांच में अक्सर कुछ नहीं निकलता है. वर्ष 1996 में इजराइल की सेना ने लेबनान के काना में संयुक्त राष्ट्र की चौकी पर हमला किया जिसमें लेबनान के 106 नागरिक मारे गए. संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की जांच के लिए नेदरलैंड के मेजर–जनरल फ्रेंक्लिन वान कप्पेंन को जांच के लिए नियुक्त किया. उसने अपनी जांच में कहा कि “यह कोई विशेष तकनिकी या प्रक्रिया वाली बड़ी गलती नहीं थी कि जिसकी वजह से संयुक्त राष्ट्र के परिसर में बमबारी हुयी”.

                                                                                                                           

इजराइल ने गाजा पर युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र के ठिकानों पर हमला किया जिसमें 44 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए.

अन्य शब्दों में संयुक्त राष्ट्र की चौकियों पर हमला जान बुझकर किया गया था. इजराइल ने इस सम्बन्ध में वान कप्पेन की रिपोर्ट को मानने से मना कर दिया और इसे एकतरफा करार देकर “"गलत” कहा. हालांकि संयुक्त राष्ट्र की चौकी के आस-पास आतंकियों के उपस्थित होने के कोई सबूत नहीं थे, इजराइल ने इसके लिए हिजबुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया. इस साल की जनवरी के आखिर में इजराइल ने गोलान हाईटस में एक कारवाँ पर मिसाइल से हमला किया जिसमें हिजबुल्लाह और इरान के आला अफसर मारे गए. हिजबुल्लाह ने इसका जवाब इजराइल पर राकेट हमले से दिया.

इजराइल ने लेबनान में घज़र के एक टावर पर हमला कर हालात को ओर खराब कर दिया, इस हमले में संयुक्त राष्ट्र की ड्यूटी पर मौजूद स्पेन के सैनिक मारे गए. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् ने इस हमले की "पूर्ण और व्यापक जांच” करने का आदेश दिया.

संयुक्त राष्ट्र की अंतरिम सेना के अफसर ने मुझे बताया कि इसका सवाल ही पैदा नहीं होता कि इजराइल ने जान-बुझकर टावर को निशाना बनाया हो. स्पेन के कारपोरल, इवान लोपेज़ सांचेज, जोकि नजदीक ही था ने बताया इजराइल “अपने रास्ते को तब तक दुरुस्त करते रहे” जब तक कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की चौकी पर हमला नहीं बोल दिया. सार्जेंट जूलियो जेवियर गार्सिया इससे सहमत हैं. वे कहते हैं कि इजराइल का बम्ब पहले चौकी के उत्तर में 500 मीटर दूर गिरा और उसके बाद सैनिकों ने इसमें सुधार कर सही दिशा में बम्ब को दागा”. इजराइल की एक रिपोर्ट के अनुसार -  जिसमें दो स्पेनिश तोपखाने विशेषज्ञ भी शामिल थे ने कहा कि घज़र पर हमला जान बुझकर नहीं किया गया था बल्कि यह हमला “अनुमान की गलती” के कारण हुआ था. यानी इजराइल का बम्ब पहले चौकी के उत्तर में 500 मीटर दूर गिरा और उसके बाद सैनिकों ने इसमें सुधार कर सही दिशा में बम्ब को दागा”.

स्पेनिश रक्षा मंत्री पेद्रो मोर्नेस ने अप्रैल में एक प्रेस सम्मलेन में जल्दबाजी में कहा इजराइल का हमला “नज़रंदाज़ी” और “कई गलतियों” का नतीजा था. समाजवादी राजनीतिज्ञ डिएगो लोपेज़ गर्रिदो ने दबाव देकर कहा कि सरकार फिर भी इस हमले में हुयी कारपोरल की हत्या की निंदा करती है. और मंत्री ने कहा कि "बेशक मैं इसकी निंदा" करता हूँ.

चूहों के लिए खाना

पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट जारी की गयी जिसमें यह साफ़ दर्ज किया गया है कि इजराइल ने लगातार संयुक्त राष्ट्र के आश्रयों जिनमें नागरिक रह रहे थे पर बमबारी कर उन सभी कानूनों की धज्जी उडाई जोकि युद्ध में बमबारी को लेकर बने हैं. वही रिपोर्ट यह भी बताती है कि फिलिस्तीन के विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र के किसी भी आश्रय में शरण नहीं ली थी, फिर भी इजराइल ने उन पर हमला किया. 4 मई को इजराइल सेना के प्रमुख बैनी गंत्ज़ जिसने गाजा में अंतिम युद्ध लड़ा ने कहा कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के ठिकाने से इजराइल पर मोर्टार बम दागा गया और जिसकी वजह से 4 वर्षीय इसरायली बच्चा मारा गया जिसका नाम डेनियल त्रगेमन था. गंत्ज़ को मालूम होना चाहिए थे कि यह एक झूठा बयान था. त्रगेमन की हत्या के कुछ घंटो बाद, 22 अगस्त 2014 को इजराइल की सेना के प्रवक्ता पीटर लेमेर ने कहा कि मोर्टार बम्ब संयुक्त राष्ट्र के ठिकाने से नहीं दागा गया था.

यूएनआरडब्ल्यूए के च्रिस गुन्नेस के मुताबिक़ “यह अत्यंत निराशाजनक है कि इजराइल सेना के एक पूर्व प्रमुख उसी दावे को दोबारा दोहराते हैं जिसका की उसी सेना के प्रवक्ता ने खंडन किया है”. संयुक्त राष्ट्र के ठिकानों पर हमले करने के बावजूद भी इजराइल बरी हो जाता है यहाँ तक कि जब इन हमलों में सेंकडों जाने चली जाती है उसपर कोई कार्यवाही नहीं होती है.

काना में मारे गए लोगों के साथ कोई इन्साफ नहीं होगा और न ही सोरिया तलेदो दक्षिण लेबनान में जहाँ स्पेनिश कर्नल मारा गया था.

गाजा युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र आश्रयों में मारे गए लोगो को यु हीं भुला दिया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र द्वारा जांच इशारा करती है कि इजराइल बड़े युद्ध अपराध में लिप्त है, लेकिन फिर भी उसके विरुद्ध कोई कार्यवही नहीं होगी. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की साख इसलिए दांव पर लगी है क्योंकि अमरिका इजराइल के विरुद्ध जांच की फाइलों को एजेंसी से अभियोजन पक्ष तक नहीं जाने देता है.

रिपोर्ट लिखी जाती हैं और दफ़न कर दी जाती हैं. जैसे कि वे इंसानों के सोचने के लिए नहीं बल्कि चूहों के खाने के लिए लिखी गई हो।

 

डिस्क्लेमर:- इस लेख में व्यक्त किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार है, यह जरूर्री नहीं है कि ये न्यूज़क्लिक के विचार से मेल खाते हों. 

 

 

 

फिलिस्तीन
गाज़ा
संयुक्त राष्ट्र
इजराइल
हमास
नेतान्याहू
अमरिका

Related Stories

गाज़ा पर 2014 के बाद से इज़रायल का सबसे बड़ा हवाई हमला

वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में फिलिस्तीन पर हुई गंभीर बहस

इज़रायली बलों द्वारा तामीमी परिवार के एक अन्य सदस्य को गिरफ्तार किया गया

"हम अपने देश लौटना चाहते हैं": ‘ग्रेट रिटर्न मार्च’ के दौरान फिलिस्तीनियों पर इज़रायल की गोलीबारी

इज़रायल का ख़ूनी और अमानवीय अतीत

इरान अमेरिका परमाणु समझौता : सफलता या ईरान का समर्पण?

क्या दक्षिणपंथी मुर्ख हैं?

इजराइल ने फिलिस्तीन के मंत्री का क़त्ल कर मानव अधिकार दिवस मनाया

असमानता और उदारवादी जनतंत्र : एक अशांत गठजोड़

असमानता और उदारवादी जनतंत्र : एक अशांत गठजोड़


बाकी खबरें

  • पीपुल्स डिस्पैच
    विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार में अड़चन डालती लॉस एंजेलिस पुलिस
    02 Jun 2022
    लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग(LAPD) ने पीपुल्स समिट की ओर से आयोजित अमेरिका के 9वें वार्षिक शिखर सम्मेलन पर निकलने वाले एक जुलूस को इजाज़त देने से इनकार कर दिया है
  • प्रेम कुमार
    राज्यसभा सांसद बनने के लिए मीडिया टाइकून बन रहे हैं मोहरा!
    02 Jun 2022
    राज्यसभा जाने के लिए अब मीडिया जगत के दिग्गजों पर भी दांव खेला जा रहा है। पहले राजस्थान में भाजपा के समर्थन से सुभाष चंद्रा और अब हरियाणा से आईटीवी नेटवर्क के कार्तिकेय शर्मा का नाम सामने आ गया है।
  • सोनिया यादव
    मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार
    02 Jun 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने एक ज़रूरी टिप्पणी में कहा कि कोर्ट महिला को सिर्फ़ इसलिए घर से बाहर निकालने की इजाज़त नहीं देगा क्योंकि वह अन्य सदस्यों को पसंद नहीं है।
  • Narmada
    न्यूज़क्लिक टीम
    परिक्रमा वासियों की नज़र से नर्मदा
    02 Jun 2022
    मध्य प्रदेश के अमरकंटक के मैकल पर्वत से निकल कर 1312 किलोमीटर का सफर कर अरब सागर में मिलने वाली नर्मदा मध्य भारत के पूर्व से पश्चिम के जानिब बहने वाली पांचवी सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा मध्य प्रदेश…
  • urmilesh
    न्यूज़क्लिक टीम
    ED के निशाने पर सोनिया-राहुल, राज्यसभा चुनावों से ऐन पहले क्यों!
    02 Jun 2022
    प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को नोटिस भेजा है. दोनो को ED के समक्ष पेश होना है. यह मामला है नेशनल हेराल्ड से जुडा. क्या यह मामला जेनुइन है या इसके पीछे…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License