NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या विपक्ष 'कर्नाटक मॉडल' के जरिए केंद्र की कुर्सी हासिल करेगा?
इस बार कांग्रेस समेत विपक्ष कोई चूक या सुस्ती नहीं करना चाहता, इसलिए परिणाम आने से पहले ही संभावित सरकार की कवायद शुरू हो गई है। इसी के तहत टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है तो दूसरी ओर विपक्षी एकता के लिए सोनिया गांधी ने भी मोर्चा संभाला है। 
अमित सिंह
18 May 2019
फाइल फोटो
फाइल फोटो (फोटो साभार: कांग्रेस /ट्विटर)

आम चुनाव के लिए आखिरी चरण का प्रचार थम चुका है। रविवार यानी 19 मई को आखिरी चरण के लिए मतदान होगा और 23 मई को चुनाव परिणाम आएगा। इसके साथ ही संभावित नतीजों को लेकर अभी से जोड़-तोड़ की रणनीति पर काम भी शुरू गया है।

एक तरफ जहां शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस करके सत्ताधारी दल बीजेपी ने 300 सीटें जीतने का दावा किया है, वहीं विपक्षी दलों ने आपस में बातचीत का रास्ता अख्तियार किया है। 

उनकी रणनीति को देखकर लगता है कि विपक्ष ये मान रहा है कि इस लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होगा।  

आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की है। माना जा रहा है कि यह मुलाकात चुनाव के बाद के परिदृश्य में संभावित गठबंधनों पर चर्चा करने के संदर्भ में थी।

नायडू के शनिवार शाम को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों मायावती और अखिलेश यादव से मिलने की उम्मीद है। इससे पहले नायडू ने शुक्रवार देर शाम दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इसे शिष्‍टाचार भेंट बताया था।

मीडिया में आई खबरों के अनुसार नायडू ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की थी। नायडू का एनसीपी अध्‍यक्ष शरद पवार और लोकतांत्रिक जनता दल नेता शरद यादव से भी मिलने का कार्यक्रम है। सूत्रों की मानें तो नायडू इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के भी संपर्क में हैं।

कर्नाटक मॉडल पर विचार

जानकारों का कहना है कि केंद्र में भी कर्नाटक मॉडल पर सरकार बनाने की कवायद हो रही है। इसके लिए चंद्रबाबू नायडू, चंद्रशेखर राव के अलावा कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी ने मोर्चा संभाल लिया है। सोनिया गांधी ने 23 मई को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है।  विपक्ष में सोनिया की 'सर्वमान्य छवि' है और इसी के मद्देनजर विपक्षी एकता के लिए उन्हें आगे आना पड़ा है। 

बैठक के लिए यूपीए के मौजूदा और पूर्व घटक दलों के अलावा तीसरे मोर्चे का हिस्सा समझे जाने वाले राजनीतिक दलों और नेताओं को भी न्योता भेजा गया है। सोनिया और उनकी टीम को ये एहसास है कि कई क्षेत्रीय पार्टियां ऐसी हैं जो सीधे राहुल गांधी से संवाद करने में असहज होंगी। इसलिए रणनीतिक तौर पर सोनिया गांधी को एक बार फिर आगे लाया गया है। 

दरअसल 2014 के बाद बीजेपी की त्वरित रणनीति के चलते कांग्रेस को गोवा व मणिपुर जैसे असेंबली चुनावों में सत्ता से दूर रहना पड़ा था, जबकि वह इन जगहों पर सबसे बड़ी पार्टी थी। इसी के चलते कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के समय अपनी आगामी रणनीति तैयार की थी, जिसका उसे फायदा मिला। 

इसे ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस ने नतीजे वाले दिन ही विपक्षी दलों के साथ बातचीत करने की योजना बनाई है। कांग्रेस इस बार विपक्ष की सरकार बनने की किसी भी संभावना से चूकने के लिए तैयार नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सोनिया की तरफ से मोर्चा गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता संभाल रहे हैं। 

प्रधानमंत्री पद के लिए माया-ममता-नायडू की चर्चा 

आपको बता दें कि कांग्रेस चाहती थी कि एनडीए गठबंधन से बाहर के सभी दल चुनाव परिणाम आने से पहले एक बार बैठक करें लेकिन अखिलेश और मायावती जैसे नेताओं ने नतीजों से पहले किसी भी तरह के संभावित गठजोड़ से किनारा किया है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक नायडू, माया और अखिलेश की बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी एकता का संदेश दिया जा सकता है। 

जहां तक चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए संभावित दावेदारों की चर्चा हो रही है तो उसमें मायावती, चंद्रबाबू नायडू और ममता बनर्जी का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। चुनाव के बाद कांग्रेस और भाजपा के बाद सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें इन्हीं नेताओं के दल को आने की उम्मीद जताई जा रही है।

इसमें मायावती का दावा सबसे मजबूत है। उत्तर प्रदेश में मायावती की पार्टी बीएसपी और अखिलेश यादव की पार्टी सपा साथ में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। अखिलेश ने जहां कई बार राज्य की राजनीति में ही रहने की बात कही है तो दलित नेता मायावती प्रधानमंत्री पद के लिए कई बार अपनी दावेदारी की चर्चा की है। ऐसे में माना यह जा रहा है कि विपक्ष की तरफ से मायावती का दावा बहुत मजबूत रहेगा।

आपको बता दें कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में कहा था कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना ज्यादा जरूरी है। इसलिए अगर पार्टी को पीएम पद नहीं भी मिलता है, तो उसे कोई समस्या नहीं होगी। 

हालांकि, इसके बाद आजाद अपने बयान से पलट गए थे लेकिन इससे यह बात सामने आ गई कि अगर एनडीए को बहुमत नहीं मिलता तो कांग्रेस ज्यादा सीटें मिलने के बाद भी सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को पीएम पद पर काबिज होने का मौका दे सकती है। 

हाल फिलहाल में कर्नाटक में कांग्रेस ने इस मॉडल को अपनाया भी है। कांग्रेस और जेडीएस ने चुनाव के बाद गठबंधन किया और कांग्रेस ने ज्यादा सीटें होने के बावजूद जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया। 

जानकारों का कहना है कि जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं उसके लगता है कि 23 मई को नतीजे आने के बाद ऐसा भी हो सकता है। 
 

Rahul Gandhi
sonia gandhi
K. Chandrashekhar Rao
MAYAWATI
chandrababu
SP
BSP
Congress
BJP
Narendra modi

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • जितेन्द्र कुमार
    मुद्दा: बिखरती हुई सामाजिक न्याय की राजनीति
    11 Apr 2022
    कई टिप्पणीकारों के अनुसार राजनीति का यह ऐसा दौर है जिसमें राष्ट्रवाद, आर्थिकी और देश-समाज की बदहाली पर राज करेगा। लेकिन विभिन्न तरह की टिप्पणियों के बीच इतना तो तय है कि वर्तमान दौर की राजनीति ने…
  • एम.ओबैद
    नक्शे का पेचः भागलपुर कैंसर अस्पताल का सपना अब भी अधूरा, दूर जाने को मजबूर 13 ज़िलों के लोग
    11 Apr 2022
    बिहार के भागलपुर समेत पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 13 ज़िलों के लोग आज भी कैंसर के इलाज के लिए मुज़फ़्फ़रपुर और प्रदेश की राजधानी पटना या देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों का चक्कर काट…
  • रवि शंकर दुबे
    दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए
    11 Apr 2022
    रामनवमी और रमज़ान जैसे पर्व को बदनाम करने के लिए अराजक तत्व अपनी पूरी ताक़त झोंक रहे हैं, सियासत के शह में पल रहे कुछ लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगे हैं।
  • सुबोध वर्मा
    अमृत काल: बेरोज़गारी और कम भत्ते से परेशान जनता
    11 Apr 2022
    सीएमआईए के मुताबिक़, श्रम भागीदारी में तेज़ गिरावट आई है, बेरोज़गारी दर भी 7 फ़ीसदी या इससे ज़्यादा ही बनी हुई है। साथ ही 2020-21 में औसत वार्षिक आय भी एक लाख सत्तर हजार रुपये के बेहद निचले स्तर पर…
  • JNU
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !
    11 Apr 2022
    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दो साल बाद फिर हिंसा देखने को मिली जब कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्रों ने राम नवमी के अवसर कैम्पस में मांसाहार परोसे जाने का विरोध किया. जब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License