आप क्या समझते हैं, हमारी केंद्र सरकार का हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की तरफ यूँ ही ध्यान चला गया? बीते सात सालों में क्या ध्यानचंद को भारत-रत्न देने पर इस सरकार ने कभी विचार किया?
आप क्या समझते हैं, हमारी केंद्र सरकार का हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की तरफ यूँ ही ध्यान चला गया? बीते सात सालों में क्या ध्यानचंद को भारत-रत्न देने पर इस सरकार ने कभी विचार किया? प्रणव मुखर्जी, अटल बिहारी बाजपेयी और नाना जी देशमुख तक 'भारत रत्न' हो गये. पर मरणोपरांत श्रेणी में ध्यानचंद को यह सम्मान देने का ध्यान न भाजपा सरकार को आया और न कांग्रेस सरकार को! सम्मान देना, नामकरण करना या नाम बदलना अपने देश की राजनीति का एक भौड़ा 'खेला' है! यह पूर्वाग्रहों और फायदे का 'खेला' है. क्या यह मुद्दा पेगासस जासूसी कांड और किसानों के आदोलन से लोगों का ध्यान हटाने के लिए उछाला गया? साथ में भाजपा के 'अयोध्या कांड' पर एक नजर! खबरें आ रही हैं कि पर्याप्त धन और समय होने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सन् 2024 से पहले पूरा नही होगा. संयोगवश, 2024 में ही लोकसभा के अगले चुनाव भी होने हैं. #HafteKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण.
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