NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
लखनऊ : तबरेज़ के साथ रोहित, अख़लाक़, पहलू सब याद आए
झारखंड में मॉब लिंचिंग का शिकार तबरेज़ अंसारी के इंसाफ की मांग को लेकर बुधवार को देशभर में हुए धरना-प्रदर्शन की कड़ी में लखनऊ में भी धरना-प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाला गया।
असद रिज़वी
27 Jun 2019
लखनऊ में धरना-प्रदर्शन

देश में बढ़ रही लिंचिंग की घटनाओं के ख़िलाफ़ बुधवार की शाम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर पर धरना-प्रदर्शन के बाद कैंडल मार्च निकाला गया। प्रदर्शनकारी जिनमें विपक्षी पार्टियों के नेता भी शामिल थे, झारखंड के सरायकेला जिले में मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज़ अंसारी के हत्यारों को सज़ा देने की मांग कर रहे थे।

222e1e41-2fcd-4565-a333-9ac083344f67.jpg

तबरेज़ अंसारी की हत्या का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी प्लेकार्ड लिए हुए थे, जिन पर तबरेज़ अंसारी के साथ रोहित वेमुला, अख़लाक़ और पहलू खान आदि मौत के ज़िम्मीदारों को भी सख़्त सज़ा देने की मांग की गई थी। 

धरने में कई समाजिक संगठनों के अलावा कांग्रेस, समजवादी पार्टी और वामदल के कई नेताओं ने भी हिस्सा लिया और तबरेज़ अंसारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की और लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के लिए नरेंद्र मोदी सरकार को ज़िम्मेदार बताया।

IMG_2363.jpg

समाज सेविका और कांग्रेस नेता सदफ़ जफ़र ने आरोप लगाया की देश में हो रही मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ मोदी सरकार कोई सख़्त क़दम नहीं उठा रही है। इसी वजह से लिंचिंग की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया की मॉब लिंचिंग करने वालों को दक्षिणपंथी संगठनों का संरक्षण प्राप्त है। सदफ़ ने कहा की यह विपक्ष की ज़िम्मेदारी है की वह देश में दलितों और अल्पसंख्यको के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाए, क्योंकि सत्ता पक्ष अत्याचारीयों के साथ नज़र आ रहा है।

प्रदर्शनकारियों को छात्र नेता पूजा शुक्ला ने भी सम्बोधित किया और नरेंद्र मोदी सरकार की निंदा करते हुए कहा की तीन तलाक़ पर क़ानून की बात करने वाली सरकार मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ क़ानून क्यों नहीं बनाती हैं। पूजा ने तबरेज़ की हत्या की निंदा करते हुए कहा की देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, इसलिए भाजपा देश में फिर  सांप्रदायिकता का महौल बना रही है।

787a1b42-2c76-4f3f-b238-af8155b82d82.jpg

वरिष्ठ पत्रकार उबैदुल्लाह नासिर ने कहा की मॉब लिंचिंग का यह तरीक़ा दरअसल हिटलर की नाज़ी पार्टी के लोगों का था! नाज़ी पार्टी के लोग जर्मनी में सड़क पर चलते यहूदियों को इसी तरह छेड़ कर मारते थे। 

उन्होंने आरएसएस पर आरोप लगते हुए कहा की आरएसएस नाज़ी पार्टी और हिटलर को अपना आदर्श मानती है और उसी के रास्ते पर चलते हुए भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।

आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने कहा कि भीड़ की हिंसा के खिलाफ सत्ता में बैठे लोगो की ख़ामोशी चिंता का विषय है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं के आरोपियों को सत्ता में बैठे लोग सम्मानित कर रहे हैं। अधिक दुखद ये है कि नागरिक समाज के द्वारा भी इसका कायदे से विरोध नहीं किया जा रहा है।

45b91555-da7d-4c7c-bff0-e8aff788ea8c.jpg

समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रवक्ता अमीक जामेई ने कहा देश के प्रधानमंत्री मोदी सबका विश्वास जीतने की झूठी बात कर रहे हैं। देश में दलितों और अल्पसंख्यको के साथ मॉब लिंचिंग बढ़ी है, जिसका ताज़ा उदहारण तबरेज़ अंसारी की लिंचिंग है! अमीक जामेई ने सरकार से प्रश्न किया कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग की रोकथाम के लिए जो दिशा-निर्देश दिए थे, अभी तक राज्यों में लागू क्यों नहीं हुए?

प्रदर्शन के अंत में घंटाघर से रूमी गेट तक पैदल मार्च निकाल कर तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा लखनऊ जिलाधिकारी के माध्यम से मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के ख़िलाफ़ समाज सेवियों द्वारा एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को भेजा गया।

TABREZ ANSARI
Justice For Tabrez
#JusticeForTabrez
mob lynching
mob violence
Not in my name
Jharkhand
Uttar pradesh
Lucknow
BJP-RSS
hindutva terorr

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण


बाकी खबरें

  • ram_navmi
    अफ़ज़ल इमाम
    बढ़ती हिंसा व घृणा के ख़िलाफ़ क्यों गायब है विपक्ष की आवाज़?
    13 Apr 2022
    हिंसा की इन घटनाओं ने संविधान, लोकतंत्र और बहुलतावाद में विश्वास रखने वाले शांतिप्रिय भारतवासियों की चिंता बढ़ा दी है। लोग अपने जान-माल और बच्चों के भविष्य को लेकर सहम गए हैं।
  • varvara rao
    भाषा
    अदालत ने वरवर राव की स्थायी जमानत दिए जाने संबंधी याचिका ख़ारिज की
    13 Apr 2022
    बंबई उच्च न्यायालय ने एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की वह याचिका बुधवार को खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चिकित्सा आधार पर स्थायी जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।
  • CORONA
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 1,088 नए मामले, 26 मरीज़ों की मौत
    13 Apr 2022
    देश में अब तक कोरोना से पीड़ित 5 लाख 21 हज़ार 736 लोग अपनी जान गँवा चुके है।
  • CITU
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन
    13 Apr 2022
    ये सभी पिछले माह 39 दिन लंबे चली हड़ताल के दौरान की गई कार्रवाई और बड़ी संख्या आंगनवाड़ी कर्मियों को बर्खास्त किए जाने से नाराज़ थे। इसी के खिलाफ WCD के हेडक्वार्टस आई.एस.बी.टी कश्मीरी गेट पर प्रदर्शन…
  • jallianwala bagh
    अनिल सिन्हा
    जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान
    13 Apr 2022
    जलियांवाला बाग के नवीकरण के आलोचकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात को नज़रअंदाज कर दिया है कि नरसंहार की कहानी को संघ परिवार ने किस सफाई से हिंदुत्व का जामा पहनाया है। साथ ही, उन्होंने संबंधित इतिहास को अपनी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License