NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
वामदलों ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और बेरोज़गारी के विरोध में 25 मई यानी कल से 31 मई तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
24 May 2022
protest
फाइल फोटो।

वामदलों ने शनिवार को जारी एक संयुक्त बयान में देशभर में अपनी इकाइयों को महंगाई और बेरोजगारी के विरुद्ध इस “संयुक्त और समन्वित राष्ट्रव्यापी संघर्ष” का आयोजन करने का निर्देश दिया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिब्रेशन ने संयुक्त रूप से इस अभियान की शुरआत कर रही है।

इसे भी पढ़े:चुनावों में वाम दलों की भूमिका

वाम दलों ने विरोध सप्ताह का आह्वान करते हुए कहा देश में लगातार छलांग मारती महंगाई के अभूतपूर्व बोझ से जनता दबी जा रही है। करोड़ों लोग इसकी मार झेल रहे हैं और बढ़ती भूख की पीड़ा के साथ गहरी गरीबी में धकेले जा रहे हैं। अभूतपूर्व महंगाई के साथ ही लगातार बढ़ रही बेरोजगारी ने लोगों की तकलीफ को और बढ़ाने का काम किया है।

वामदलों ने कहा कि पिछले एक साल में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 70 प्रतिशत, सब्जियों में 20 प्रतिशत, खाना पकाने के तेल में 23 प्रतिशत और अनाज की कीमतों में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। करोड़ों भारतीयों के मुख्य आहार गेहूं की कीमत में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी जा रही है, जिससे गेंहूँ लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। गेहूं की सरकारी खरीद घटी है। केंद्र सरकार ने पिछले साल के मुकाबले आधी से भी कम गेंहूँ की खरीद की है। 4.44 हजार करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले इस साल खरीद मात्र 2 हजार करोड़ टन से अधिक नहीं होगी।

इसे भी पढ़े: जहाँगीरपुरी हिंसा : "हिंदुस्तान के भाईचारे पर बुलडोज़र" के ख़िलाफ़ वाम दलों का प्रदर्शन

उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और गेहूं की भारी कमी इस चौतरफा महंगाई को बढ़ा रही है। कोयले की कमी के कारण बिजली की लागत बढ़ रही है।

इन परिस्थितियों में वामपंथी दलों की मांग है कि केंद्र सरकार को सभी पेट्रोलियम उत्पादों पर जितने भी उपकर/अधिभार हैं उन्हें तुरंत वापस लेने चाहिए और कीमतों में बढ़ोतरी, विशेष रूप से रसोई गैस सिलेंडरों की कीमतों को वापस लेना चाहिए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गेहूं की आपूर्ति बहाल की जानी चाहिए। इस महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना होगा।

हालंकि वाम दलों के इस आह्वान के बाद सरकार ने डीज़ल ,पैट्रोल और गैस के दामों में बढ़ोतरी के मुक़ाबले मामूली कटौती की है। लेकिन विपक्ष इस कटौती को नाकाफी है।

इसे भी देखे: दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च

वाम दलों की मुख्यमांग:

• पेट्रोलियम उत्पादों पर सभी अधिभार/उपकर वापस लो।

• सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गेहूं की आपूर्ति बहाल करो।

• सभी आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर दाल और खाद्य तेल का वितरण करके सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करो।

• प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण को बढ़ाकर सभी गैर-आयकर भुगतान करने वाले परिवारों को प्रति माह 7,500 रुपये भत्ता दो।

• मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाया जाए। बेरोजगारी भत्ते के लिए एक केंद्रीय योजना का कानून बनाया जाए।

• शहरी इलाकों के लिए रोजगार गारंटी योजना का कानून बनाया जाए।

• तमाम खाली पदों पर तुरंत बहाली करो।

वामपंथी दलों ने देश भर में अपनी सभी इकाइयों को 25-31 मई के बीच महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ इस एकजुट और संगठित देश-व्यापी संघर्ष में तालमेल स्थापित करने का भी निर्देश दिया है ।

इसे भी देखे: जहांगीरपुरी हिंसा: वाम दलों ने जारी की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट

Inflation
left parties
unemployment
 CPI
CPI(M)
CPIML

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

नौजवान आत्मघात नहीं, रोज़गार और लोकतंत्र के लिए संयुक्त संघर्ष के रास्ते पर आगे बढ़ें

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

बिहार बजट सत्र: विधानसभा में उठा शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर भर्ती का मामला 

बिहार : सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली को लेकर करेंगे आंदोलन

झारखंड: राज्य के युवा मांग रहे स्थानीय नीति और रोज़गार, सियासी दलों को वोट बैंक की दरकार


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License