NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मध्यप्रदेश : शक्कर कारखाने को बचाने के लिए सड़क पर उतरे किसान और मज़दूर
सहकारी शक्कर कारखाना कैलारस की स्थायी बंदी की कार्रवाई के ख़िलाफ़ किसान सभा, सीटू और सीपीएम कार्यकर्ताओं ने दिवाली के दिन विरोध प्रदर्शन किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
28 Oct 2019
workers protest

पूरा देश जब रविवार को दिवाली मना रहा था उस समय मध्य प्रदेश के चंबल इलाके के कैलारस तहसील के किसान और शक्कर मिल के कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे। क्योंकि सहकारी शक्कर कारखाना कैलारस की स्थायी बंदी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जिसे 2009- 10 में अस्थायी रूप से बंद किया गया था। इसके खिलाफ किसान सभा, सीटू और सीपीएम कार्यकर्ताओं ने दिवाली के दिन विरोध प्रदर्शन किया और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।

कैलारस का कारखाना इस जिले का एकमात्र सहकारी शक्कर कारखाना है। जिसे स्थायी रूप से बंद घोषित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा समापन अधिकारी (लिक्विडेटर) की नियुक्ति कर दी गई है। पंजीयक, सहकारी समितियां मध्य प्रदेश एम के अग्रवाल ने आदेश जारी कर उपसंचालक सहकारी संस्थाएं जिला मुरैना अनुभा सूद को समापन अधिकारी नियुक्त किया है। इसके बाद इस कारखाने को स्थाई रूप से बंद घोषित कर दिया जाएगा।

a2242539-0dfb-4136-b3b6-823b3465b037.jpg

मध्य प्रदेश किसान सभा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं कारखाने के श्रमिक, कर्मचारियों और किसानों ने इसका पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह कारखाना क्षेत्र की जीवन रेखा है जिससे हजारों किसान परिवार व सैकड़ों श्रमिकों-कर्मचारियों के परिवार जुड़े हुए हैं। उनकी आजीविका चल रही है एक और सरकार इन्वेस्टर्स मीट बुलाती है और तमाम तरह की सुविधाएं देकर के कारखाने लगाने के लिए उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करती है दूसरी तरफ पूर्व से लगे हुए कारखाने को बंद किया जा रहा है यह अत्यंत आपत्तिजनक है।

मध्य प्रदेश किसान सभा के नेता अशोक तिवारी ने कहा कि डकैत प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए 1965 में सहकारी शक्कर कारखाना कैलारस जिला मुरैना की आधारशिला रखी गई थी, 1971 में यह कारखाना शुरू हुआ जिसमें  जौरा कैलारस, सबलगढ़, विजयपुर के लगभग 30000 किसान परिवार व पंद्रह सौ कर्मचारियों श्रमिकों के परिवार प्रत्यक्ष रूप से जुड़े जिससे क्षेत्र के किसानों व कर्मचारियों का विकास हुआ। लोगों को रोजगार मिला कृषि का विकास हुआ लेकिन पिछले दिनों से इस कारखाने पर राजनेताओं की गिद्ध दृष्टि लग गई है, जिसके चलते भाजपा के 15 साल के शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री सांसद व राजनेताओं द्वारा वायदा किये जाने के बाद भी कारखाने को 2009 -10 के बाद नहीं चलाया गया, बंद होने के बाद चालू करने की घोषणा हुई परंतु कारखाना शुरू नहीं हुआ ।

आगे उन्होंने कहा कि गत वर्ष विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पदाधिकारियों राजनेताओं ने कारखाने को शुरू कराने का वायदा किया तत्कालीन सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी 15 दिन पूर्व कारखाने को शुरू कराने का आश्वासन दिया लेकिन उसके बाद भी कारखाने को शुरू कराना तो दूर की बात है बल्कि उसको स्थाई रूप से बंद कर खुर्दबुर्द करने निजी हाथों में सौंपने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।  

किसान और मज़दूरों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाया कि वो निजी लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए, इस शक़्कर मिल को निजी हाथों में सौंप रही है। किसान नेता और मध्य प्रदेश सीपीएम के पूर्व राज्य सचिव बदाल सरोज ने कहा कि जब इस मिल को बंद किया गया तो यह  घाटे में नहीं थी। बल्कि इसमें जितनी शक़्कर थी उसी को बेचकर और टैक्स में छूट देकर इसी चालू किया जा सकता था। लेकिन सरकारों में पहले बीजेपी की सरकार ने फिर अब कांग्रेस की सरकार ने जानबूझकर इसकी लागत को बढ़ाया और अब इसे औने पौने दाम पर बेचना चाहती है।

8e78f1ff-9275-4c29-97a4-0ba04b10989d.jpg

आपको बता दे कि नौ साल से बंद कैलारस के सहकारी शक्कर कारखाना काे पिछले  साल तक चलाने के लिए चार करोड़ रुपये की दरकार थी। उसको भी सहकारिता विभाग ने पूरा नहीं किया ।

कैलारस शक्कर कारखाना को फिर से चलाने के लिए कागजी कवायद बीते कई साल से चल रही है। सीएम की घोषणा को पूरा करने के लिए राज्य शासन ने तीन साल पहले नेशनल शुगर फेडरेशन के तकनीकी सलाहकारों से यह अभिमत लिया था कि कारखाने की मशीनरी की हालत क्या है और कारखाना में शक्कर का उत्पादन करने पर संभावित कितना व्यय होगा। तकनीकी सलाहकार एसके सेठ  ने कैलारस पहुंचकर शक्कर कारखाना के हाउस की मशीनरी का बारीकी से अवलोकन किया था। मशीनरी की हालत को देखने के बाद जो रिपोर्ट तैयार हुई उसमें जिक्र था कि सहकारिता विभाग यदि कारखाना की 40 साल पुरानी मशीनरी को रिपेयर कराना चाहता है तो चार करोड़ रुपये का व्यय आएगा। इस खर्च के बाद कारखाना, शक्कर का उत्पादन करने की स्थिति में आ जाएगा। जबकि नए प्लांट पर 90 करोड़ रुपये व्यय होंगे।

इसके साथ ही ये कारखाना चलने से हज़ारो लोगों की रोजी रोटी भी बच जाएगी लेकिन यहां सवाल है कि फिर इसे सरकार  पुनः चालू क्यों नहीं करना चाहती है?

अशोक तिवारी बताते हैं कि इस मिल की करीब 65 एकड़ ज़मीन शहर के प्राइम लोकेशन पर है, इस पर कई लोगों की नज़र है। उसी को हड़पने के लिए घाटे का बहाना बताकर इसे बेचा जा रहा है। यह कारखाना क्षेत्र की जीवन रेखा है जिससे हजारों किसान परिवार व सैकड़ों श्रमिकों कर्मचारियों के परिवार जुड़े हुए हैं उनकी आजीविका चल रही है।

e5d7c132-6dc0-4d68-bdab-1c77fe7f7532.jpg

प्रदर्शनकारियो ने कहा कि  नेताओ द्वारा चुनाव में कारखाने को चालू करने का वादा किया था लेकिन चालू करने का वादा कर कारखाने को बंद करने की कार्रवाई किया जाना वादाखिलाफी है। इस स्थिति से किसान व कर्मचारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने इसका पुरजोर विरोध करने, कारखाने को चलाने और किसान व कर्मचारियों का बकाया भुगतान करने के लिए जोरदार कार्रवाई शुरू कर दी है। इन लोगों ने 24 से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रविवार को लोगों ने काली दिवाली मनाई और शासन से कारखाने को चलाने की किसान कर्मचारियों के बकाया भुगतान की मांग की है। 

Madhya Pradesh
sugar factory
wokers-peasant protest
CPM
CPM workers
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License