NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
महाराष्ट्र के पालघर के किसान बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कर रहे हैं विरोध
इस परियोजना से गुजरात के 192 और महाराष्ट्र के 120 गाँव प्रभावित होंगेI
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 May 2018
Translated by महेश कुमार
AIKS
Image Courtesy: AIKS/Facebook

खेती से जुड़े लोगों (किसानों/खेतिहर मजदूर) की दुर्दशा को उजागर करते हुए, पालघर जिले के 50,000 से अधिक किसान और ग्रामीण लोग दहनू में इकट्ठे हुए और विभिन्न परियोजनाओं, मुख्य रूप से मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल गलियारे (एमएएचएसआरसी) के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में एक रैली निकाली। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर के तहत रैली करने वाले प्रदर्शनकारियों ने प्रस्तावित एमएएचएसआरसी परियोजना से प्रभावित किसानों और ग्रामीणों के मुद्दों पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।

एमएएचएसआरसी परियोजना, या बुलेट ट्रेन परियोजना, 1.1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनेगी और इसके लिए लिए सरकार जापान से 80 लाख करोड़ रुपये  ऋण लेगी। इस परियोजना में महाराष्ट्र और गुजरात सरकार दोनों शामिल हैं और यह ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच काम करेगी। रेल गलियारा मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से निकलकर, महाराष्ट्र के ठाणे और पालघर जिलों से गुज़रेगा और गुजरात में साबरमती में समाप्त होगा। कुल 508 किमी रेलवे लाइन में से 108 किमी महाराष्ट्र के गांवों से गुज़रेगी।

बुलेट ट्रेन परियोजना के निष्पादन के लिए, राष्ट्रीय स्पीड रेल निगम को स्थानीय किसानों की आजीविका की कीमत पर गुजरात, महाराष्ट्र और दादरा और नगर हवेली में 850 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण करनी है। गुजरात में लगभग 192 गांव और महाराष्ट्र के लगभग 120 गांव इस परियोजना से प्रभावित होंगे।

महाराष्ट्र में, अधिकारियों ने किसानों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एआईकेएस का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों में से एक ने कहा, "सरकार ने लोगों को केवल मौखिक आश्वासन दिया है और मौजूदा कदम सरकार के साथ हमारी पिछली बनी समझ का उल्लंघन करता है।"

बुधवार को, एमएएचएसआर के अधिकारियों ने बुलेट ट्रेन मार्ग के लिए सर्वेक्षण करने के लिए पालघर जिले के दहानू गांव में आये। निवासियों ने कहा कि वे इस तरह के सर्वेक्षण से अनजान थे। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण के संबंध में उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया था।

सर्वेक्षण और बैठक के बारे में सूचना के बाद, बैठक को नियोजन भवन में कलेक्टर के कार्यालय में आयोजित किया गया था, वहां वसई, पालघर, दहानू और तालासरी के ग्रामीणों ने कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न परियोजनाओं के खिलाफ नारे लगाए, वे परियोजनाएं जिन्हें नागपुर-मुंबई सुपर संचार एक्सप्रेसवे और महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग  परियोजनाओं के रूप में इस क्षेत्र में स्थापित किया जाना है।

बुलेट ट्रेन परियोजना ने गुजरात किसानों के बीच असंतोष पैदा किया है। 9 अप्रैल को, किसान वडोदरा में इकट्ठे हुए जहां हितधारकों (स्टेकहोल्डर) की बैठक हुई थी। विभिन्न परियोजना से प्रभावित क्षेत्रों से वहां इकट्ठे हुए किसानों ने कहा कि बैठक के सिर्फ एक ही दिन पहले बैठक के बारे में उन्हें सूचित किया गया था।

इससे पहले भी, किसानों के संगठनों ने इंगित किया था कि हालांकि दोनों राज्य इन परियोजना में एक साथ शामिल हैं, फिर भी भूमि अधिग्रहण के लिए कानून गुजरात और महाराष्ट्र में बहुत अलग हैं। गुजरात में कानून किसानों की जमीन हासिल करने की उनकी सहमति नहीं लेता है।

"2016 में, गुजरात सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में कुछ बदलाव किए और नए अधिनियम के साथ आए थे जिसमें किसानों की सहमति की आवश्यकता नहीं थी और जमीन जबरन अधिग्रहित की जा सकती थी। इसके विपरीत महाराष्ट्र में भूमि केवल किसानों के साथ वार्ता के बाद ही अधिग्रहित की जाएगी। एक ही परियोजना के लिए, दो राज्य सरकारें भूमि अधिग्रहण के लिए अलग-अलग कानूनों के जरिए काम कर रही हैं, "जयपुर पटेल, अध्यक्ष खेदुत समाज (गुजरात) ने कहा।

हालांकि, महाराष्ट्र राज्य के अधिकारियों के कार्यों से पता चलता है कि वे किसानों की आजीविका को छीन रहे हैं। बीजेपी की अगुआई वाली राज्य सरकार के कृत्य से किसानों, कृषि उपज की कम कीमतों और जलवायु के प्रतिकूल प्रभावों के कारण पहले ही किसानों पर संकट बढ़ गया है और अब भूमि के अधिग्रहण से तो उनकी कमर ही टूट जायेगीI

AIKS
पालघर
बुलेट ट्रेन
मुंबई-अहमदाबाद रूट

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

‘तमिलनाडु सरकार मंदिर की ज़मीन पर रहने वाले लोगों पर हमले बंद करे’

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

हरियाणा: हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकार्ताओं के आंदोलन में अब किसान और छात्र भी जुड़ेंगे 

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

महाराष्ट्र: किसानों की एक और जीत, किसान विरोधी बिल वापस लेने को एमवीए सरकार मजबूर

मुंबई महापंचायत: किसानों का लड़ाई जारी रखने का संकल्प  


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी प्रकरणः 14 मई की सुबह आठ बजे से शुरू होगा मस्जिद का सर्वे, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मुस्लिम पक्ष
    13 May 2022
    वाराणसी के कलेक्टर कौशल राज शर्मा के मुताबिक शनिवार की सुबह 8 से 12 बजे के बीच ज्ञानवापी के सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। पुलिस कमिश्‍नर ए.सतीश गणेश ने दोनों पक्षों से शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल…
  • एम. के. भद्रकुमार
    रूसी तेल की चिकनाहट पर लड़खड़ाता यूरोपीय संघ 
    13 May 2022
    तेल निर्यात करने वाले अंतराष्ट्रीय संगठन ओपेक ने यूरोपीय संघ को इस बात की चेतावनी दी है कि प्रतिबंधों के कारण संभावित रूप से हाथ से निकल चुके 7 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से ज़्यादा रूसी तेल और…
  • डी राजा
    समीक्षा की कोई गुंजाइश नहीं, राजद्रोह क़ानून को विधान से हटाया जाना चाहिए
    13 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मोदी सरकार प्रक्रिया में देरी न करे। पढ़िए सीपीआई महासचिव डी राजा के विचार
  • बी. सिवरामन
    राष्ट्रीय युवा नीति या युवाओं से धोखा: मसौदे में एक भी जगह बेरोज़गारी का ज़िक्र नहीं
    13 May 2022
    एशियाई विकास बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में 15-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोज़गार होने की संभावना वृद्ध वयस्कों की अपेक्षा लगभग पांच गुना अधिक है। ऐसे समय में राष्ट्रीय युवा नीति 2021 आई है…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: दुनियाभर के कई देशों में अब भी क़हर बरपा रहा कोरोना 
    13 May 2022
    देश में आज लगातार तीसरे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा यानी 2,841 नए मामले सामने आए हैं | जबकि इस बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 3,295 मरीज़ों को ठीक किया गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License