NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
महाराष्ट्र में कल से शुरू होगा किसान आन्दोलन
किसानों कल से शुरू होने वाला “लौंग मार्च” राज्य सरकार को अपनी आवाज़ सुनाने की एक और मज़बूत कोशिश होगी I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Mar 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
farmers protest

महाराष्ट्र राज्य किसान सभा (अखिल भारतीय किसान सभा) ने नासिक से मुंबई तक का मार्च निकालने का निर्णय लिया है, इस 200 किलोमीटर लम्बे मार्च में 50000 किसान शामिल होंगे I बताया जा रहा है कि इसमें मर्द और औरत दोनों बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे I ये मार्च नासिक से 6 मार्च 2018 को शुरू होगा और 12 मार्च तक मुंबई पहुँचेगा I जिसके बाद किसानों द्वारा महाराष्ट्र की विधान सभा का घेराव किया जायेगा I किसानों का कहना है कि ये घेराव तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती I

उनकी मुख्य मांगे हैं कर्ज़ माफ़ किये जाएँ, लाभकारी कीमतें दी जाएँ, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों लागू की जाए, Forest Right Act (FRA) को सख्ती से लागू किया जाए, मंदिर की जमीनों और चारागाह भूमि पर जोतने वाले को हक दिये जाए I इसके आलावा उनकी माँगे हैं  कि किसानों और खेत मज़दूरों को पेंशन मिले, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को मज़बूत किया जाए, कीट और ख़राब मौसम की वजह से ख़राब होने वाली फसल पर मुआवज़ा मिले , बुलेट ट्रेन, बड़े हाईवे जैसे पूँजी परस्त निर्माणों के लिए किसानों की ज़मीन छीने जाने पर रोक लगे I इसके आलावा नासिक, थाने और पालघर के इलाकों में नदी को जोड़े जाने की स्कीम को पूरी तरह बदला जाए जिससे आदिवासियों के गाँव ना डूबें और महाराष्ट्र के बाकि सूखा ग्रसित इलाकों तक पानी पहुँच सके I  .

अखिल भारतीय किसान सभा महाराष्ट्र में पिछले 2 सालों से किसानों की इन्ही मागों को उठा रही है I ये सब मार्च 2016 में शुरू हुआ जब AIKS ने नासिक के बीचो बीच CBS चौक पर दो दिन की घेरा बंदी की जिसमें 1 लाख किसान शामिल हुए थे, जिस वजह से पूरा शहर रुक गया था I इस वजह से मजबूरन बीजेपी के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नविस को AIKS के लोगों को विधान सभा के सत्र के बीच में बुलाना पड़ा और आश्वासन देना पड़ा I

जब ये माँगे नहीं मानी गयीं तो मई 2016 में AIKS के नेतृत्व में 10000 किसानों के साथ थाणे में ताबूत यात्रा निकली गयी, इसका मकसद किसानों की आत्महत्याओं के मुद्दे को उठाना था I

मई 2016 में ही मराठवाडा के औरंगाबाद में सूखे, कर्ज़ माफ़ी और लाभदायक कीमतों के मुद्दों को लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया गया I

इसके बाद अक्टूबर में 50000 आदिवासियों,किसानों, महिलाओं,युवाओं और छात्रों ने AIKS, AIDWA, DYFI और SFI के बैनर तले आदिवासी विकास मंत्री के घर का घेराव किया I ये घेराव पालघर इलाके में किया गया और ये 2 दिन तक चला , इस विरोध प्रदर्शन का नतीजा ये निकला कि उन्हें FRA और कुपोषित आदिवासी बच्चों की मौतों के मुद्दों को सुलझाने के लिखित आश्वासन दिए गए I

मई 2017 में AIKS द्वारा सूखे के मुद्दे, कर्ज़ माफ़ी और लाभदायक कीमतों की माँगों को लेकर विधर्भ इलाके के खामगाँव में विरोध प्रदर्शन किया गया I

इसका  नतीजा था 1 जून से 11 जून 2017 तक चलने वाला एतिहासिक किसान आन्दोलन ,इस प्रदर्शन के बाद एक समन्वय समिति का गठन किया गया I 11 जून को राज्य सरकार के मंत्रियों ने सारी दुनिया के सामने किसानों के पूरे कर्ज़ माफ़ करने का वादा किया I

लेकिन एक ही दिन के भीतर पूरी कर्ज़ माफ़ी के बजाये सरकार ने 34000 करोड़ रुपये की कर्ज़ माफ़ी करने की बात की और उसमें भी कई सारी ऐसी शर्तें जोड़ दी गयीं जिससे ज़्यादातर किसानों की कर्ज़ माफ़ी नहीं होती I ये साफ़ तौर पर किसानों के साथ धोखा था I

इस फैसले के खिलाफ जुलाई 2017 में बहुत बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए, इसमें 15 ज़िलों में की गयी सभाएं भी शामिल थीं I इसमें विभिन्न ज़िलों से 40000 हज़ार किसान आये थे, जिन्होंने 14 अगस्त 2017 को राज्य भर में चाक्का जाम किया I इस आन्दोलन का स्तर इतना बड़ा था कि इसमें 200000 से ज़्यादा किसानों ने 31 ज़िलों में 200 केन्द्रों पर हाईवे ब्लाक किये I

ये सारे विरोध प्रदर्शन शांति प्रिय ढंग से किये गए I किसानों कल से शुरू होने वाला “लौंग मार्च” राज्य सरकार को अपनी आवाज़ सुनाने की एक और मज़बूत कोशिश होगी I

महाराष्ट्र किसान आंदोलन
महाराष्ट्र
AIKS
अखिल भारतीय किसान सभा

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

‘तमिलनाडु सरकार मंदिर की ज़मीन पर रहने वाले लोगों पर हमले बंद करे’

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

हरियाणा: हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकार्ताओं के आंदोलन में अब किसान और छात्र भी जुड़ेंगे 

कृषि बजट में कटौती करके, ‘किसान आंदोलन’ का बदला ले रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

केंद्र सरकार को अपना वायदा याद दिलाने के लिए देशभर में सड़कों पर उतरे किसान

ऐतिहासिक किसान विरोध में महिला किसानों की भागीदारी और भारत में महिलाओं का सवाल

महाराष्ट्र: किसानों की एक और जीत, किसान विरोधी बिल वापस लेने को एमवीए सरकार मजबूर

मुंबई महापंचायत: किसानों का लड़ाई जारी रखने का संकल्प  


बाकी खबरें

  • असद रिज़वी
    CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा
    06 May 2022
    न्यूज़क्लिक ने यूपी सरकार का नोटिस पाने वाले आंदोलनकारियों में से सदफ़ जाफ़र और दीपक मिश्रा उर्फ़ दीपक कबीर से बात की है।
  • नीलाम्बरन ए
    तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है
    06 May 2022
    रबर के गिरते दामों, केंद्र सरकार की श्रम एवं निर्यात नीतियों के चलते छोटे रबर बागानों में श्रमिक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात: मेहसाणा कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवानी और 11 अन्य लोगों को 2017 में ग़ैर-क़ानूनी सभा करने का दोषी ठहराया
    06 May 2022
    इस मामले में वह रैली शामिल है, जिसे ऊना में सरवैया परिवार के दलितों की सरेआम पिटाई की घटना के एक साल पूरा होने के मौक़े पर 2017 में बुलायी गयी थी।
  • लाल बहादुर सिंह
    यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती
    06 May 2022
    नज़रिया: ऐसा लगता है इस दौर की रणनीति के अनुरूप काम का नया बंटवारा है- नॉन-स्टेट एक्टर्स अपने नफ़रती अभियान में लगे रहेंगे, दूसरी ओर प्रशासन उन्हें एक सीमा से आगे नहीं जाने देगा ताकि योगी जी के '…
  • भाषा
    दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा
    06 May 2022
    केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License