NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मिर्ज़ापुर : क्या प्रशासन पत्रकार पर मुकदमा दर्ज कर अपनी नाकामी छिपा रहा है?
पत्रकार पवन जायसवाल ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि मुकदमे की कार्रवाई द्वेषपूर्ण है। सभी आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि इस ख़बर के सामने आने के बाद जिले के अधिकारियों को लताड़ लगाई गई थी,जिसके चलते अधिकारी नाराज़ हैं। साथ ही इससे पहले भी वे अवैध खनन और सिंचाई विभाग पर खबरें कर चुके हैं जिसके चलते जिले के अधिकारियों में उनके प्रति पहले से ही गुस्सा है।
सोनिया यादव
02 Sep 2019
mid day meal

उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में जिले के सियूर प्राथमिक विद्यालय में मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को नमक-रोटी परोसने का वीडियो वायरल हुआ था। अब इस प्रकरण में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई के बजाय इस घटना का खुलासा करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया है।

मिर्ज़ापुर ज़िले के डीएम अनुराग पटेल के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पत्रकार व ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि पर धारा 120-बी, 186,193 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, साझा साजिश व फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है।

पत्रकार पवन जायसवाल ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा कि मुकदमे की कार्रवाई द्वेषपूर्ण  है। सभी आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि इस खबर के सामने आने के बाद जिले के अधिकारियों को लताड़ लगाई गई थी, जिसके चलते अधिकारी नाराज हैं। साथ ही इससे पहले भी वे अवैध खनन और सिंचाई विभाग पर खबरें कर चुके हैं जिसके चलते जिला अधिकारियों में उनके प्रति पहले से ही गुस्सा है।

उन्होंने आगे कहा, 'मैंने पहले वीडियो डीएम को दिखाई थी, जिस पर तुरंत कार्रवाई हुई और दो लोगों को सस्पेंड भी कर दिया गया। तब वीडियो वायरल नहीं हुई थी, वीडियो डीएम के बयान के बाद वायरल हुई है। जिसके बाद ख़बर टीवी चैनलों पर भी चली, जिसमें प्रशासन की खूब छीछा-लेदर हुई, जिसके चलते इन लोगों का गुस्सा भड़क गया। इनका कहना है कि इससे जिले की छवि खराब हुई है।'

जाहिर है अब इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार पुलिस विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने सोमवार को बताया कि एक हिन्दी दैनिक के स्थानीय पत्रकार पवन कुमार जायसवाल, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार पाल तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश रचने, सरकारी काम में बाधा डालने, झूठी बातों को तथ्य के तौर पर पेश करने और धोखाधड़ी कर सरकार की छवि खराब करने के 'कुत्सित प्रयास' के आरोप में अहिरौरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा पिछली 31 अगस्त को खण्ड शिक्षाधिकारी प्रेम शंकर राम की तहरीर पर दर्ज किया गया है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि पत्रकार पवन ने सोची—समझी साजिश के तहत स्कूल में वीडियो तैयार किया ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके।

इस संबंध में पत्रकार पवन का कहना है कि वह तो केवल खबर कवर करने स्कूल गए थे, जो कि उनकी ड्यूटी है। जाने से पहले उन्होंने एबीएसए (असिस्टेंट बेसिक शिक्षा अधिकारी) ब्रजेश सिंह को फोन करके सूचना भी दी थी। उनके अनुसार ये पत्रकारों की स्वतंत्रता का हनन है। उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।

गौरतलब है कि गत 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खण्ड स्थित सियूर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट तलब की थी। इस मामले में स्कूल के शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई पर गाज गिरी थी। जिला प्रशासन ने प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर दो शिक्षकों मुरारी और अरविंद कुमार त्रिपाठी को निलम्बित भी किया था। फिर अब अचानक पत्रकार पर ये मुकदमा कई बड़े सवाल खड़े कर रहा है।

न्यूज़क्लिक से बातचीत में स्थानीय पत्रकार पवन जयसवाल ने कई बड़े खुलासे किए हैं। उनका कहना है कि स्कूल कि जो प्रधान-अध्यापिका हैं वो करीब डेढ़ साल से स्कूल नहीं आती, बस कभी-कभी उपस्थिति दर्ज कराने चली आती हैं। इसकी जानकारी खुद शिक्षा मित्र के अधिकारियों ने उन्हें दी है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति ने इस पूरे मामले की जानकारी दी, उसे पुलिस ने रात 3 बजे अपराधियों की तरह घर से उठा लिया और जेल में बंद कर दिया है।

पवन ने कहा, 'जैसे ही मुझे मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिली, मैंने थाने में फोन करके गिरफ्तारी देने की बात भी कही। लेकिन थाने से कहा गया कि अभी इसकी आवश्यकता नहीं है, अभी मामले में जांच चल रही है।' वे कहते हैं कि हमारी मंशा केवल स्कूलों में मिड डे मील के नाम पर चल रही धांधली को उजागर करने की थी, लेकिन प्रशासन अपनी कमी छिपाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहा है।

बता दें कि स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी परोसने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव से मामले की पूरी रिपोर्ट चार हफ्ते में तलब की है। इतना ही नहीं, आयोग ने पूरे प्रदेश में मिड-डे-मील की स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी है।

जाहिर है स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले मीड डे मील को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। कुछ ही दिन पहले साफ-सफाई और बच्चों के बीच भोजन के दौरान जातिगत भेदभाव की खबरें सुर्खियां बनी, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा पत्रकार के खिलाफ किया गया ये मुकदमा निश्चित तौर पर पूरी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करता है। साथ ही पत्रकारिता में बढ़ती चुनौतियों को भी उजागर करता है।
 

mirzapur
Journalist Pawan Jaiswal
UttarPradesh
yogi sarkar
mid day meal

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला

ज्ञानवापी विवाद में नया मोड़, वादी राखी सिंह वापस लेने जा रही हैं केस, जानिए क्यों?  


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
    26 Apr 2022
    न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र भी वैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हैं तथा वे सरकार की विस्तारित इकाई बन गए हैं। पीठ ने कहा कि 1972 (ग्रेच्युटी का…
  • नाइश हसन
    हलाल बनाम झटका: आख़िर झटका गोश्त के इतने दीवाने कहां से आए?
    26 Apr 2022
    यह बहस किसी वैज्ञानिक प्रमाणिकता को लेकर कतई नहीं है। बहस का केन्द्र हिंदुओं की गोलबंदी करना है।
  • भाषा
    मस्क की बोली पर ट्विटर के सहमत होने के बाद अब आगे क्या होगा?
    26 Apr 2022
    अरबपति कारोबारी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की लगभग 44 अरब डॉलर की अधिग्रहण बोली को ट्विटर के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह सौदा इस साल पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए अभी शेयरधारकों और अमेरिकी…
  • भाषा
    कहिए कि ‘धर्म संसद’ में कोई अप्रिय बयान नहीं दिया जाएगा : न्यायालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से कहा
    26 Apr 2022
    पीठ ने कहा, “हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त आश्वासन सार्वजनिक रूप से कहने और सुधारात्मक उपायों से अवगत कराने का निर्देश देते हैं।
  • काशिफ काकवी
    मध्य प्रदेश : मुस्लिम साथी के घर और दुकानों को प्रशासन द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद अंतर्धार्मिक जोड़े को हाईकोर्ट ने उपलब्ध कराई सुरक्षा
    26 Apr 2022
    पिछले तीन महीनों में यह चौथा केस है, जहां कोर्ट ने अंतर्धार्मिक जोड़ों को सुरक्षा उपलब्ध कराई है, यह वह जोड़े हैं, जिन्होंने घर से भाग कर शादी की थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License