NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
भारत
राजनीति
मॉब लिंचिंग पर पीएम को चिट्ठी लिखने वाले अभिनेता कौशिक सेन का दावा, मिली मौत की धमकी
फिल्म निर्माताओं, लेखकों और अभिनेताओं सहित 49 प्रतिष्ठित हस्तियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर देश में भीड़ हिंसा और पीट-पीट कर हत्या की हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी।
भाषा
25 Jul 2019
अभिनेता कौशिक सेन का दावा, मिली मौत की धमकी
image courtesy: Amar Ujala

भीड़ हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक अभिनेता कौशिक सेन ने गुरुवार को कहा कि उन्हें धमकी भरा फोन आया है। सेन ने कहा कि पुलिस को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है और उन्हें फोन नंबर भेज दिया है।


सेन ने बताया, ‘कल मुझे अज्ञात नंबर से एक कॉल आया, जिसमें मुझे पीट-पीट कर हत्या करने और असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाना बंद नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई। मुझे बोला गया कि अगर मैं अपना तरीका नहीं बदलता हूं, तो मेरी हत्या कर दी जाएगी।’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। सेन ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो, मैं इस तरह के कॉल को लेकर चिंतित नहीं हूं। मैंने कॉल के बारे में पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य लोगों को भी सूचित कर दिया है और उन्हें भी फोन नंबर भेज दिया है।’

गौरतलब है कि फिल्म निर्माताओं, लेखकों और अभिनेताओं सहित 49 प्रतिष्ठित हस्तियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर देश में भीड़ हिंसा और पीट-पीट कर हत्या की हालिया घटनाओं पर चिंता व्यक्त की थी। इसमें फिल्मकार श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, मणि रत्नम, अपर्णा सेन और केतन मेहता सहित 49 हस्तियां शामिल हैं। 

इन हस्तियों ने पीएम से शिकायत की है कि जयश्री राम का नारा उकसाने वाला बन गया है।

mob lynching
Kaushik Sen
Narendra modi
Hindutva
Violence
mob violence
Caste

Related Stories

मुस्लिम जेनोसाइड का ख़तरा और रामनवमी

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

मेघालय में कर्फ़्यू के बाद भी हिंसा, राज्यपाल सत्यपाल मलिक के काफिले पर हमला

बिहार: समस्तीपुर माॅब लिंचिंग पीड़ितों ने बिहार के गृह सचिव से न्याय की लगाई गुहार

ग़ाज़ियाबाद: श्मशान घाट हादसे में तीन गिरफ़्तार, प्रशासन के खिलाफ़ लोगों का फूटा गुस्सा!

चक्रवात ‘अम्फान’ से बंगाल में 80 लोगों की मौत, हज़ारों बेघर, एक लाख करोड़ से ज़्यादा के नुकसान का दावा

फिर हादसा, फिर मौतें : यूपी के औरैया में 24 मज़दूरों की जान गई, एमपी के सागर में 5 की मौत

महाराष्ट्र से पैदल ही अपने गांव-घर लौट रहे 14 प्रवासी मज़दूरों की मालगाड़ी से कुचलकर मौत

विशाखापत्तनम: एलजी पॉलिमर प्लांट से गैस का रिसाव, आठ की मौत, सैकड़ों मुश्किल में

नागरिकों ने की शांति की अपील, हिंसा में अब तक 22 मौतें और अन्य ख़बरें


बाकी खबरें

  • मुकुल सरल
    मदर्स डे: प्यार का इज़हार भी ज़रूरी है
    08 May 2022
    कभी-कभी प्यार और सद्भावना को जताना भी चाहिए। अच्छा लगता है। जैसे मां-बाप हमें जीने की दुआ हर दिन हर पल देते हैं, लेकिन हमारे जन्मदिन पर अतिरिक्त प्यार और दुआएं मिलती हैं। तो यह प्रदर्शन भी बुरा नहीं।
  • Aap
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक
    08 May 2022
    हर हफ़्ते की ज़रूरी ख़बरों को लेकर एक बार फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: हम सहनशील तो हैं, पर इतने भी नहीं
    08 May 2022
    हम ग़रीबी, बेरोज़गारी को लेकर भी सहनशील हैं। महंगाई को लेकर सहनशील हो गए हैं...लेकिन दलित-बहुजन को लेकर....अज़ान को लेकर...न भई न...
  • बोअवेंटुरा डे सौसा सैंटोस
    यूक्रेन-रूस युद्ध के ख़ात्मे के लिए, क्यों आह्वान नहीं करता यूरोप?
    08 May 2022
    रूस जो कि यूरोप का हिस्सा है, यूरोप के लिए तब तक खतरा नहीं बन सकता है जब तक कि यूरोप खुद को विशाल अमेरिकी सैन्य अड्डे के तौर पर तब्दील न कर ले। इसलिए, नाटो का विस्तार असल में यूरोप के सामने एक…
  • जितेन्द्र कुमार
    सवर्णों के साथ मिलकर मलाई खाने की चाहत बहुजनों की राजनीति को खत्म कर देगी
    08 May 2022
    सामाजिक न्याय चाहने वाली ताक़तों की समस्या यह भी है कि वे अपना सारा काम उन्हीं यथास्थितिवादियों के सहारे करना चाहती हैं जो उन्हें नेस्तनाबूद कर देना चाहते हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License