NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रनगर दंगे के 12 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी
सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता मोहम्मद सुलेमान समेत तीन गवाह मुकर गए और उन्होंने अभियोजन का साथ नहीं दिया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 May 2019
सांकेतिक तस्वीर
Image Courtesy: Khas Khabar

मुज़फ़्फ़रनगर : उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में 2013 के दंगा मामले में एक स्थानीय अदालत ने सबूतों के अभाव में 12 लोगों को बरी कर दिया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी ने मंगलवार को दंगा मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) और 436 (आगजनी) से आरोपियों को बरी कर दिया।

अभियोजन के मुताबिक, एसआईटी ने 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। मामले के लंबित रहने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

सुनवाई के दौरान, शिकायतकर्ता मोहम्मद सुलेमान समेत तीन गवाह मुकर गए और उन्होंने अभियोजन का साथ नहीं दिया।

आरोप था कि सात सितंबर 2013 को जिले के लिसाढ गांव में दंगों के दौरान भीड़ ने घरों को आग लगा दी थी और लूटपाट की थी।

आपको यहां यह भी बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 2018 के हापुड़ मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को आगे की जांच करने का निर्देश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाश पीठ ने कहा कि 45 वर्षीय कासिम कुरैशी की हत्या मामले में आगे की जांच करने और पूरक आरोप-पत्र दायर करने के लिए राज्य पुलिस को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर फैसला निचली अदालत लेगी।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

पढ़ें : हापुड़ मॉब लिंचिंग : आगे की जांच का निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

 

Muzaffarnagar Riots Case
UttarPradesh
muzaffarnagar
muzaffarnagar riots

Related Stories

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

यूपी: मुज़फ़्फ़रनगर में स्कूली छात्राओं के यौन शोषण के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

यूपी: प्रयागराज सामूहिक हत्याकांड में पुलिस की जांच पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

यूपी: प्रयागराज हत्या और बलात्कार कांड ने प्रदेश में दलितों-महिलाओं की सुरक्षा पर फिर उठाए सवाल!

जंगलराज: प्रयागराज के गोहरी गांव में दलित परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या

पड़ताल: जौनपुर में 3 दलित लड़कियों की मौत बनी मिस्ट्री, पुलिस, प्रशासन और सरकार सभी कठघरे में

ग्राउंड रिपोर्टः आजमगढ़ में दलित बच्ची से रेप की घटना को दबाने में लगा पुलिसिया सिस्टम, न्याय के लिए भटकता परिवार 


बाकी खबरें

  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : अधूरी रही मुस्लिम पक्ष की जिरह, अगली सुनवाई 4 जुलाई को
    30 May 2022
    अदालत में मामले की सुनवाई करने के औचित्य संबंधी याचिका पर मुस्लिम पक्ष की जिरह आज भी जारी रही और उसके मुकम्मल होने से पहले ही अदालत का समय समाप्त हो गया, जिसके बाद अदालत ने कहा कि वह अब इस मामले को…
  • चमन लाल
    एक किताब जो फिदेल कास्त्रो की ज़ुबानी उनकी शानदार कहानी बयां करती है
    30 May 2022
    यद्यपि यह पुस्तक धर्म के मुद्दे पर केंद्रित है, पर वास्तव में यह कास्त्रो के जीवन और क्यूबा-क्रांति की कहानी बयां करती है।
  • भाषा
    श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल
    30 May 2022
    पेश की गईं याचिकाओं में विवादित परिसर में मौजूद कथित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करने के लिए अदालत द्वारा कमिश्नर नियुक्त किए जाने तथा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बेंगलुरु में किसान नेता राकेश टिकैत पर काली स्याही फेंकी गयी
    30 May 2022
    टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस इसके लिये जिम्मेदार है और राज्य सरकार की मिलीभगत से यह हुआ है।’’
  • समृद्धि साकुनिया
    कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 
    30 May 2022
    पिछले सात वर्षों में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित आवास में से केवल 17% का ही निर्माण पूरा किया जा सका है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License