NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
आंदोलन
घटना-दुर्घटना
समाज
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के गवाह की हत्या मामले में एक जुलाई से सुनवाई करेगी सत्र अदालत
अपने दो भाइयों के हत्याकांड के चश्मदीद गवाह अशफ़ाक़ की मुज़फ़्फ़रनगर जिले के खतौली में इस साल मार्च में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
18 Jun 2019
Riots
फोटो साभार: boomlive.in

उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के 2013 के दंगों में 6 साल बाद भी अभी इंसाफ नहीं हो पाया है। यही नहीं मामला बढ़ने पर गवाह या तो मुकर रहे हैं या मारे जा रहे हैं।

मुज़फ़्फ़रनगर की एक अदालत ने जिले में हुए दंगों के एक मामले के चश्मदीद गवाह की हत्या से जुड़े मामले को सुनवाई के लिए सत्र अदालत के पास भेज दिया।

अब इस मामले में एक जुलाई से सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश कुमार गौतम ने सोमवार को छह आरोपियों के खिलाफ हत्या के मामले को सुनवाई के लिए सत्र अदालत के पास भेजा और उनसे एक जुलाई को उसके सामने पेश होने को कहा।

अपने दो भाइयों के हत्याकांड के चश्मदीद अशफ़ाक़ की मुज़फ़्फ़रनगर जिले के खतौली में इस साल मार्च में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

अशफ़ाक़ के दो भाइयों की 2013 दंगों के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

आपको यहां ये भी बता दें कि अभी 28 मई को सबूतों के अभाव में दंगों के 12 आरोपी बरी हो गए हैं। मुज़फ़्फ़रनगर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार तिवारी ने गवाहों के मुकरने पर दंगा मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) और 436 (आगजनी) से आरोपियों को बरी कर दिया।

(भाषा के इनपुट के साथ)

इसे भी पढ़ें : मुज़फ़्फ़रनगर दंगे के 12 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

muzaffarnagar
muzaffarnagar riots
Muzaffarnagar Riots Case
accused
ashfaque
UttarPradesh

Related Stories

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप

यूपी: मुज़फ़्फ़रनगर में स्कूली छात्राओं के यौन शोषण के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

यूपी: प्रयागराज सामूहिक हत्याकांड में पुलिस की जांच पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

यूपी: प्रयागराज हत्या और बलात्कार कांड ने प्रदेश में दलितों-महिलाओं की सुरक्षा पर फिर उठाए सवाल!

जंगलराज: प्रयागराज के गोहरी गांव में दलित परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या

पड़ताल: जौनपुर में 3 दलित लड़कियों की मौत बनी मिस्ट्री, पुलिस, प्रशासन और सरकार सभी कठघरे में

ग्राउंड रिपोर्टः आजमगढ़ में दलित बच्ची से रेप की घटना को दबाने में लगा पुलिसिया सिस्टम, न्याय के लिए भटकता परिवार 


बाकी खबरें

  • विकास भदौरिया
    एक्सप्लेनर: क्या है संविधान का अनुच्छेद 142, उसके दायरे और सीमाएं, जिसके तहत पेरारिवलन रिहा हुआ
    20 May 2022
    “प्राकृतिक न्याय सभी कानून से ऊपर है, और सर्वोच्च न्यायालय भी कानून से ऊपर रहना चाहिये ताकि उसे कोई भी आदेश पारित करने का पूरा अधिकार हो जिसे वह न्यायसंगत मानता है।”
  • रवि शंकर दुबे
    27 महीने बाद जेल से बाहर आए आज़म खान अब किसके साथ?
    20 May 2022
    सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान अंतरिम ज़मानत मिलने पर जेल से रिहा हो गए हैं। अब देखना होगा कि उनकी राजनीतिक पारी किस ओर बढ़ती है।
  • डी डब्ल्यू स्टाफ़
    क्या श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट की तरफ़ बढ़ रहा है बांग्लादेश?
    20 May 2022
    श्रीलंका की तरह बांग्लादेश ने भी बेहद ख़र्चीली योजनाओं को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर विदेशी क़र्ज़ लिए हैं, जिनसे मुनाफ़ा ना के बराबर है। विशेषज्ञों का कहना है कि श्रीलंका में जारी आर्थिक उथल-पुथल…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: पर उपदेस कुसल बहुतेरे...
    20 May 2022
    आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्याएं महंगाई और बेरोज़गारी है। और सत्तारूढ़ दल भाजपा और उसके पितृ संगठन आरएसएस पर सबसे ज़्यादा गैर ज़रूरी और सांप्रदायिक मुद्दों को हवा देने का आरोप है, लेकिन…
  • राज वाल्मीकि
    मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?
    20 May 2022
    अभी 11 से 17 मई 2022 तक का सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का “हमें मारना बंद करो” #StopKillingUs का दिल्ली कैंपेन संपन्न हुआ। अब ये कैंपेन 18 मई से उत्तराखंड में शुरू हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License