NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
मुज़फ़्फ़रपुर में मौत के शिकार बच्चों के न्याय के लिए पटना में कैंडल मार्च
बिहार की राजधानी पटना के कारगिल चौक पर जुटा नागरिक समुदाय। मारे गए बच्चों के परिजनों पर मुकदमे की कड़ी निंदा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Jun 2019
 पटना में कैंडल मार्च और सभा

पटना :  मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार के कारण सैकड़ों की संख्या मारे गए बच्चों के न्याय के लिए मंगलवार को पटना के कारगिल चौक पर नागरिक समुदाय ने कैंडल मार्च का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में पटना शहर के कई गणमान्य नागरिकों ने हिस्सा लिया। कैंडल मार्च के उपरांत आयोजित सभा को अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह, ऐपवा की पटना नगर सचिव अनिता सिन्हा, रेशमा, रूपम झा, शशांक मुकुट शेखर, अस्मा खान, अंजुम बारी, मृणाल आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन कोरस की समता राय ने किया।

65004343_875132932850503_8383725738875944960_o.jpg

किसान महासभा के नेता राजाराम सिंह ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि मुज़फ़्फ़रपुर व अन्य इलाकों में जिन लोगों के बच्चे दिल्ली-पटना सरकार की घोर लापरवाही के कारण अकाल मृत्यु के शिकार हुए, उन्हीं के ऊपर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दिया है। उन्होंने कहा- एक न्यूज चैनल के मुताबिक 18 जून को एनएच 22 से मुख्यमंत्री के गुजरने की सूचना पाकर हरिवंशपुर के ग्रामीणों ने सड़क किनारे स्थित रोड का घेराव किया था। प्रशासन को यह नागवार गुजरा और बुखार के इलाज व पेयजल के सवाल पर इस सड़क जाम का बहाना बनाकर प्रशासन ने 19 लोगों पर नामजद एफआईआर कर दी है। यह संवेदहनहीनता की पराकाष्ठा है। ऐसे वक्त में भी सरकार दमन-उत्पीड़न से बाज नहीं आ रही है। इस गांव के 7 बच्चों की मौत चमकी बुखार के कारण हुई थी।

उन्होंने कहा कि विकास का ढिंढोरा पीटने वाले नीतीश कुमार की असलियत खुल चुकी है और इसी कारण वे बौखला गए हैं। कभी पत्रकारों को धक्का देकर बाहर करवा दे रहे हैं और कभी ग्रामीणों पर एफआईआर करवा रहे हैं लेकिन आईसीयू में बेडों की संख्या बढ़ाकर 200 नहीं करवा रहे हैं।

अन्य वक्ताओं ने कहा कि मंगल पांडेय जैसे लापरवाह स्वास्थ्य मंत्री को बिहार की जनता कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा को बिहार व देश की जनता ने और ज्यादा दुर्दिन देखने के लिए वोट नहीं किया है लेकिन लगता है कि बहुमत प्राप्त कर भाजपा के लोग सत्ता के मद में चूर हो गए हैं, यही वजह है चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की चिंता न तो केंद्र की सरकार को है न बिहार सरकार को। उन्होंने कहा कि मंगल पांडेय को अविलंब पद से बर्खास्त करना चाहिए और युद्ध स्तर पर राहत कार्य चलाया जाना चाहिए। मुज़फ़्फ़रपुर की घटना ने एक बार फिर से जाहिर कर दिया है कि बिहार सरकार का आपदा प्रबंधन बिलकुल नकारा है। बच्चों के प्रति इस प्रकार की लापरवाही घोर आपराधिक लापरवाही है और इसके लिए पूरी तरह से भाजपा-जदयू की सरकार जवाबदेह है। हम मांग करते हैं कि इंसेफेलाइटिस को आपदा घोषित करते हुए युध्द स्तर पर राहत अभियान चलाए। गांव-गांव में सक्षम डॉक्टरों की टीम भेजे और इलाज में गम्भीरता लाये और स्वास्थ्य सेवा को मुख्यमंत्री अपने अधीन लें तथा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को अविलंब बर्खास्त करें।

एक ओर जहां मुज़फ़्फ़रपुर व अन्य जिलों में चमकी बुखार का कहर है तो दूसरी ओर गया व औरंगाबाद के इलाके में लोग लू से मर रहे हैं। हास्यास्पद यह है कि सरकार लू से बचने के लिए ठोस उपाय करने की बजाय धारा 144 लगा रही है। इन आपदाओं में गरीबों के ही बच्चे मारे जा रहे हैं। चाहे चमकी बुखार हो या लू का कहर अथवा पेयजल संकट, इन सबके शिकार सिर्फ मेहनतकश समुदाय के लोग हो रहे हैं। 

इस मौके पर भाकपा-माले के अभ्युदय, आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष मोख्तार, आरवाईए के राज्य सचिव सुधीर कुमार, नसीम अख्तर, जीतेन्द्र कुमार, अनय मेहता, मुर्तजा अली, राखी मेहता, बीके शर्मा, कृष्ण कुमार सिन्हा, संतोष चंदन, संतोष आर्या, अभिनव, रामजी यादव, प्राची, फहरीन, दानिश, विजय आदि समेत बड़ी संख्या में छात्र-युवा नेता, कवि व पटना के नागरिक उपस्थित थे।

नागरिक समुदाय ने बिहार की जनता से इस दुख की घड़ी में मारे गए बच्चों के न्याय के लिए आगे आने का आह्वान किया।

Bihar
muzzafarpur
PATNA
chamki bukhar
Acute Encephalitis Syndrome
Encephalitis
aes deaths
चमकी बुखार
Nitish Kumar
mangal pandey
Dr. Harshvardhan

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

पटना: विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त सीटों को भरने के लिए 'रोज़गार अधिकार महासम्मेलन'

बिहार बजट सत्र: विधानसभा में उठा शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर भर्ती का मामला 

बिहार : सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली को लेकर करेंगे आंदोलन

बिहार : आशा वर्कर्स 11 मार्च को विधानसभा के बाहर करेंगी प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • Anganwadi workers
    रौनक छाबड़ा
    हरियाणा: हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकार्ताओं के आंदोलन में अब किसान और छात्र भी जुड़ेंगे 
    08 Mar 2022
    आने वाले दिनों में सभी महिला कार्यबलों से सम्बद्ध यूनियनों की आस ‘संयुक्त महापंचायत’ पर लगी हुई है; इस संबंध में 10 मार्च को रोहतक में एक बैठक आहूत की गई है।
  • refugee crisis
    एपी
    रूस-यूक्रेन युद्ध अपडेट: संयुक्त राष्ट्र ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसे यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बताया 
    08 Mar 2022
    अमेरीका ने रूस से आयात होने वाले तेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी मुहिम शुरू की, तो दूसरी तरफ जेलेंस्की ने रूस को चिकित्सा आपूर्ति मार्ग पर हुआ समझौता याद दिलाया।
  • राज कुमार
    गोवा चुनावः कौन जीतेगा चुनाव और किसकी बनेगी सरकार?
    08 Mar 2022
    इस बार भाजपा के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है क्योंकि तमाम विपक्षी दल भाजपा को हराने के लिए लड़े हैं और ये स्थिति कांग्रेस के पक्ष में जाती है।
  • privatization of railways
    सतीश भारतीय
    निजी ट्रेनें चलने से पहले पार्किंग और किराए में छूट जैसी समस्याएं बढ़ने लगी हैं!
    08 Mar 2022
    रेलवे का निजीकरण गरीब और मध्यम वर्ग की जेब पर वजन लादने जैसा है। क्योंकि यही वर्ग व्यवसाय और आवाजाही के लिए सबसे ज्यादा रेलवे पर आश्रित है।
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक्टिव मामलों की घटकर 50 हज़ार से कम हुई
    08 Mar 2022
    देश में 24 घंटों में कोरोना के 3,993 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.12 फ़ीसदी यानी 49 हज़ार 948 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License