NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
न्यूनतम मजदूरी के मसले पर दिल्ली के मजदूरों की ऐतिहासिक जीत
दिल्ली के लाखों मजदूरों के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एक सुखद एहसास लेकर आया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी में 37 फीसदी वृद्धि सही है और इसे लागू किया जाए।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 Oct 2019
minimum wages

दिल्ली के लाखों मजदूरों के लिए  सोमवर 14 अक्टूबर  का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय एक सुखद एहसास लेकर आया। यह सुखद एहसास दिल्ली के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी में 37 फीसदी वृद्धि सही है और इसे लागू किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार और कई उद्योगपतियों के बीच न्यूनतम मजदूरी मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा है कि वह जनवरी 2019 में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार समिति द्वारा तय किए गए नए न्यूनतम मजदूरी अधिसूचना को लागू करे।

इससे पहले  दिल्ली उच्च न्यायलय ने दिल्ली सरकार के वेतन वृद्धि  पर रोक लगा दी थी और  दिल्ली सरकार के 31 मई को जारी हुए न्यूनतम मजदूरी से जुड़े  नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। इसी नोटिफिकेशन में  दिल्ली के मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी में 37 % की वृद्धि की गई थी |इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट मे था , जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम राहत देते हुए  दिल्ली सरकार निर्देश दिया कि वह इस दौरन न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का पुनर्गठन करे और नई दरों को तय करने  के लिए अपनी पद्धति को संशोधित करे।

दिल्ली सरकार ने नवंबर 2018 में फिर से न्यूनतम मजदूरी बोर्ड का गठन किया और न्यूनतम मजदूरी को अंतिम रूप दिया। जो इस प्रकार है अकुशल श्रमिक 14,842 / - रूपये प्रति महीन। इसे ही सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। सोमवर को न्यूनतम वेतन मामले की सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और दिल्ली सरकार को भी न्यूनतम मजदूरी को  अधिसूचित करने को कहा। इसलिए इसमें अब डीए  जोड़ने के बाद इसे अधिसूचित किया जाएगा।

नियोक्ताओं द्वारा उठाए गए सभी आपत्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है। एक न्यूनतम मजदूरी बोर्ड के माध्यम से जिसमें श्रमिकों, नियोक्ताओं और सरकार के प्रतिनिधि  शामिल  होते हैं। मई 2017 में, सरकार ने  इसी बोर्ड सिफारिश के बाद न्यूनतम मजदूरी में 37% की वृद्धि की घोषणा की थी। हालांकि, दिल्ली में विभिन्न उद्योग निकायों द्वारा इस आदेश की काफ़ी आलोचना की थी। ट्रेड यूनियनों ने वृद्धि का स्वागत किया था और इसे श्रमिकों के लिए एक बहुत ही आवश्यक राहत बतया  था।

बाद में, उद्योग निकाय इस मामले को अदालत में ले गए, उद्योग मालिको ने बहस करते हुए कहा कि वृद्धि बहुत अधिक और अन्यायपूर्ण है । उन्होंने तर्क दिया कि बढ़ी हुई दरों को तय करने में प्रक्रियाओ का पालन नही किया गया है।

इस मामले को उच्च न्यायालय ने कई महीनों तक सुनवाई की और दिसंबर 2017 में निर्णय को सुरिक्षित रख लिया था । आखिरकार, अगस्त 2018 में, उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय दिया की कि दिल्ली सरकार  मजदूरी में बढ़ोतरी करने का आदेश अस्थिर था क्योंकि उसमें उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। जिसके बाद दिल्ली सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई थी। इसमें कई ट्रेड यूनियन भी शामिल हुए |

इस बीच, दिल्ली के ट्रेड यूनियनों ने सुप्रीम कोर्ट  के इस आदेश का स्वागत किया है। सीआईटीयू ने बयान में कहा कि  दिल्ली के मज़दूरों के लिए ऐतिहासिक जीत  है। ऐतिहासिक फैसले से दिल्ली में संगठित और असंगठित क्षेत्रों के लाखों श्रमिक लाभान्वित होंगे। सभी स्थायी, संविदात्मक, फिक्स टर्म ,  के साथ दिहाड़ी मज़दूरों को भी इसका लाभ मिलेगा। इस संबंध में उनके द्वारा उठाए गए कदमों के लिए दिल्ली के एन.सी.टी. सीटू दिल्ली सरकार से इस लागू करने का भी आग्रह किया ।

अभी यह साफ नहीं हो पाया की क्या कोर्ट ने एरियर भुगतान आदेश दिया है नहीं ? सुप्रीम कोर्ट  आदेश का विवरण इंतजार कर रहे हैं।

minimum wage
Supreme Court
Delhi labours
delhi government
trade unions
CITU

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

दक्षिण अफ्रीका में सिबन्ये स्टिलवाटर्स की सोने की खदानों में श्रमिक 70 दिनों से अधिक समय से हड़ताल पर हैं 

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी


बाकी खबरें

  • Tapi
    विवेक शर्मा
    गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!
    18 May 2022
    गुजरात के आदिवासी समाज के लोग वर्तमान सरकार से जल, जंगल और ज़मीन बचाने की लड़ाई लड़ने को सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं।
  • श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    18 May 2022
    उत्तर प्रदेश सीपीआई-एम का कहना है कि सभी सेकुलर ताकतों को ऐसी परिस्थिति में खुलकर आरएसएस, भाजपा, विहिप आदि के इस एजेंडे के खिलाफ तथा साथ ही योगी-मोदी सरकार की विफलताओं एवं जन समस्याओं जैसे महंगाई, …
  • buld
    काशिफ़ काकवी
    मध्य प्रदेश : खरगोन हिंसा के एक महीने बाद नीमच में दो समुदायों के बीच टकराव
    18 May 2022
    टकराव की यह घटना तब हुई, जब एक भीड़ ने एक मस्जिद को आग लगा दी, और इससे कुछ घंटे पहले ही कई शताब्दी पुरानी दरगाह की दीवार पर हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
  • russia
    शारिब अहमद खान
    उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  
    18 May 2022
    चाहे वह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध हो या श्रीलंका में चल रहा संकट, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता हो या फिर अफ्रीकी देशों में हो रहा सैन्य तख़्तापलट, वैश्विक स्तर पर हर ओर अस्थिरता बढ़ती…
  • Aisa
    असद रिज़वी
    लखनऊ: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत के साथ आए कई छात्र संगठन, विवि गेट पर प्रदर्शन
    18 May 2022
    छात्रों ने मांग की है कि प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन पर लिखी गई एफ़आईआर को रद्द किया जाये और आरोपी छात्र संगठन एबीवीपी पर क़ानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License