NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध
4 फरवरी को सीपीआई (एम) ने भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Feb 2019
CAB

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [सीपीआई (एम)] के  आह्वान पर , प्रस्तावित नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 (CAB) के खिलाफ देश भर में सोमवार, 4 फरवरी को विरोध प्रदर्शन किया गया। दिल्ली में जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद तपन सेन ने कहा, “भाजपा देश का विभाजन करने के लिए उन सभी उपकरणों का प्रयोग कर रही है जिसका वो कर सकती है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक भी उन्ही  प्रयासों में से एक है। इसके अलावा वो गौ रक्षा आदि के नाम पर भी देश को बांटने की कोशिश कर रही है ।

उन्होंने कहा कि यह नफरत की राजनीति है जिसे बार-बार खारिज करने की जरूरत है, और इसलिए देश भर में भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को खारिज करने के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।  उन्होंने कहा भाजपा देश विरोधी और मजदूर विरोधी हैं इसको हटाना आवश्यक है।

इसी तरह का प्रदर्शन शिमला में भी हुआ। सीपीआई (एम) ने पूर्वोत्तर राज्यों में बढ़ती नाराजगी और असंतोष के मद्देनजर जिला आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। सीपीआई (एम)  ने सरकार से आग्रह किया है कि वह बिल को पारित न करे जो कि पहले  लोकसभा में पारित हो गया और अभी राज्यसभा में लंबित है।

हिमाचल प्रदेश में सीपीआई (एम) के राज्य सचिव डॉ० ओंकार शाद ने कहा, “यह बिल जाति, पंथ, लिंग, जातीयता, संस्कृति के नाम पर भेदभाव के बिना नागरिकता देने के सामान्य अधिकार का उल्लंघन करता है। विधेयक के अनुसार धर्म आधारित पहचान के कारण विविधता में एकता को भी खतरा है।” उन्होंने सभी समान विचारधारा वाले लोगों से CAB के खिलाफ पार्टी के इस जनआंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया है।

मणिपुरी यूथ फ्रंट एसोसिएशन (MYFA), सिलचर, असम द्वारा आज नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में एक बाइक रैली का आयोजन किया गया। रैली बोल्जूर एनएच से शुरू हुई और चिरूकंडी, बेरखल, तुको, कॉलोनी इंडिया क्लब, कछार कॉलेज प्वाइंट और सिद्धार्थ रॉंगपुर सहित सिलचर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजरने के बाद मोदकपुराफुल में संपन्न हुई।

रैली में कुल 100 से अधिक बाइक सवारों ने हिस्सा लिया, जिसमें ऑल असम कोच राजबोंगशी स्टूडेंट्स यूनियन (AAKRASU) और निखिल बिष्णुप्रिया मणिपुरी स्टूडेंट्स यूनियन (NBMSU) के प्रतिनिधियों और सदस्यों ने भी भाग लिया। बाइक रैली में शामिल युवाओ ने "बीजेपी गो बैक (बीजेपी वापस जाओ) " के  नारे लगाते हुए, CAB की निंदा करते हुए हाथ में तख्तियों को पकड़े हुए पुरे शहर में रैली निकाली।

इस रैली के बारे में बात करते हुए MYFA के अध्यक्ष, सेराम हेमाजीत ने कहा कि असम में बराक घाटी के स्थनीय लोग कछारी मुस्लिम, मणिपुर, बिष्णुप्रिया और दिमास हैं।  यह जोड़ते हुए कि घाटी बांग्लादेशी शरणार्थियों के लिए कोई डंपिंग ग्राउंड नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर वर्तमान भाजपा सरकार CAB को संसद में पारित कर देती है, तो जनता बिल के कार्यान्वयन के खिलाफ अपनी जान को हाथ में ले के  लड़ेगी।"

एनबीएमएसयू के अध्यक्ष राजीब सिन्हा ने कहा, “ऐसे समय में जब बराक घाटी के स्वदेशी लोगों की रक्षा करने के प्रयास कठिन हो रहे हैं, CAB  के आने से उनमे भय है कि स्वदेशी लोगों का पूरी तरह से  उन्मूलन निश्चित रूप से सुनिश्चित करेगा। इसलिए, यदि विधेयक पारित हो जाता है तो हम मृत्यु तक लड़ेंगे।”

मणिपुर में इम्फाल सहित कई इलाकों में बिल के विरोध में प्रदर्शन हुए। आज थंगीबाईंड में सभा को संबोधित करते हुए, डिंडियाजैंग के लुजाई ने कहा कि CAB  के खिलाफ राज्य की रक्षा में भी आदिवासी समुदायों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने इस मुद्दे पर प्रत्येक परिवार को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

मणिपुर के जाने-माने फिल्मकार अरिबम स्याम शर्मा ने अपना पद्मश्री पुरस्कार CAB के विरोध लौटा दिया है जो 2006 में भारत सरकार द्वारा दिया गया था।

इंफाल के थांगमीबंद में अपने निवास पर मीडिया से बात करते हुए, 83 साल के प्रख्यात फिल्म निर्माता ने कहा, “मणिपुर जैसे छोटे राज्य में जहां आबादी उत्तर प्रदेश के एक जिले की आबादी से कम है, यह बिल राज्य के स्वदेशी लोग को खत्म करने का एक बहाना मात्र है। ”

उन्होंने कहा, "इस तरह के बिल को लोकसभा में पारित करना पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों पर सबसे बड़ा हमला है "

यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राज्यसभा में उक्त विधेयक को पारित करने के बारे में बयान दिया है, उन्होंने कहा, “राज्य सरकार से राज्य के स्वदेशी लोगों की रक्षा के लिए विधेयक में एक खंड सम्मिलित करने की अपील की जाएगी। जो बहुत मुश्किल है।”

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ने कहा की "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मणिपुर की सरकार उक्त बिल का विरोध नहीं कर रही है, जब नागालैंड, मेघालय और मिजोरम जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में अप्रवासियों की आमद को रोकने के लिए एक विशिष्ट विधेयक है, जो नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं।"

न्यूज़क्लिक के साथ बात करते हुए , असम में सीपीआई (एम) की राज्य समिति के सदस्य सुप्रकाश तालुकदार ने कहा, "देश भर में रैलियां की जा रही हैं, गुवाहाटी में भी रैली हुई है। इस रैली का संदेश स्पष्ट है कि पूरी तरह से इस बिल को अस्वीकार करते हैं। भाजपा नफरत की राजनीति करती है। हमारा मानना है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक पूर्वोत्तर में स्थिरता को लक्षित करने के नाम पर अनावश्यक अशांति पैदा करने का प्रयास है, ताकि लोगों में जो केंद्र सरकार के खिलाफ असंतोष है और इसके साथ लोगोका ध्यान वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके । "

Citizenship Amendment Bill
BJP
CPIM
Assam
manipur
Protection of Indigenous People
Narendra modi
Citizens’ Protest
Politics of Hate
Communal Bill
Northeast

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में फिर से हो रही कोरोना के मामले बढ़ोतरी 
    20 May 2022
    देश में दो दिनों तक गिरावट के बाद फिर से कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है। देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,259 नए मामले सामने आए हैं। 
  • पारस नाथ सिंह
    राज्यपाल प्रतीकात्मक है, राज्य सरकार वास्तविकता है: उच्चतम न्यायालय
    20 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के एक दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा कर दिया, क्योंकि तमिलनाडु के राज्यपाल ने राज्य मंत्रिमंडल की सज़ा को माफ़ करने की सलाह को बाध्यकारी नहीं माना।
  • विजय विनीत
    मुद्दा: ज्ञानवापी मस्जिद का शिवलिंग असली है तो विश्वनाथ मंदिर में 250 सालों से जिसकी पूजा हो रही वह क्या है?
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ‘न्यूज़क्लिक’ के लिए बनारस में ऐसे लोगों से सीधी बात की, जिन्होंने अपना बचपन इसी धार्मिक स्थल पर गुज़ारा।
  • पार्थ एस घोष
    पीएम मोदी को नेहरू से इतनी दिक़्क़त क्यों है?
    19 May 2022
    यह हो सकता है कि आरएसएस के प्रचारक के रूप में उनके प्रशिक्षण में ही नेहरू के लिए अपार नफ़रत को समाहित कर दी गई हो। फिर भी देश के प्रधानमंत्री के रूप में किए गए कार्यों की जवाबदेही तो मोदी की है। अगर…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी, ताज, क़ुतुब पर बहस? महंगाई-बेरोज़गारी से क्यों भटकाया जा रहा ?
    19 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में अभिसार शर्मा सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों जनता को महंगाई, बेरोज़गारी आदि मुद्दों से भटकाया जा रहा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License