NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
भारत
पाकिस्तान के मशहूर शायर फैज़ अहमद फैज़ की बेटी को दिल्ली में एक सम्मेलन में भाग लेने से रोका गया
मुनीज़ा हाशमी का ये मसला भारत की छवि पर एक दाग है क्योंकि भारत की छवि ‘अतिथि देवो भव’ की है और वो हमेशा ही शांति की बात करने वालों के साथ रहा है|
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
14 May 2018
Faiz Ahmed Faiz
Image Courtesy: India.com

फैज़ अहमद फैज़ की बेटी मोनीज़ा हाशमी जानी-मानी टीवी और मीडिया हस्ती है| उन्हें इन दिनों दिल्ली में चल रहे 15वें एशिया मीडिया समिट में स्पीकर के तौर पर बुलाया गया थाI लेकिन मोनीज़ा हाशमी को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया गया|
बता दें कि इस सम्मेलन का आयोजन एशिया-पैसेफिक इंस्टीट्यूट फॉर ब्रॉडकास्टिंग डेवलपमेंट (एआईबीडी) करती हैI पहली बार इसका आयोजन भारत में हुआ हैI जिस देश में भी इसका आयोजन होता है वहाँ की सरकार इसकी मेज़बानी करती हैI भारत सरकार और कार्यक्रम के आयोजकों की तरफ अभी तक इस मामले में किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया हैI

ये कोई नई घटना नहीं है जब किसी पाकिस्तान नागरिक को भारत में आने के लिए रोका गया हो| परन्तु 2012 में यूपीए सरकार ने पाक नागिरकों के लिए एक विशेष दिशा-निर्देश जारी किये थे, जिसके तहत ही वो भारत में आने का वीज़ा प्राप्त कर सकेंगे| मोनीज़ा हाशमी को भी वीज़ा क़ानूनी तौर पर ही मिला था फिर भी उन्हें सम्मेलन में भाग न लेने देना एक गंभीर बात है | अंतिम समय में उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया, वक्ताओं की नई लिस्ट जारी की गई|

हमारे पास ऐसे कई उदाहरण है जहाँ कई दक्षिणपंथी संगठनों, जो की वर्तमान सरकार के सहयोगी है , उनके द्वारा कई बार पाक से आये कलाकारों, खिलाड़ियों, पत्रकारों और कई साहित्यकारों को कार्यक्रम में भाग लेने से रोका गया हो या उनके कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न किया गया हो| परन्तु इस बार फैज़ अहमद फैज़ की बेटी मोनीज़ा हाशमी को किसी उपद्रवी लोगों ने नहीं बल्कि सरकार ने अपमानित करने का काम किया है| क्योंकि वह एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आमंत्रित थीं| इस सम्मेलन की मेज़बानी भारत सरकार के विभाग कर रहे थे और इसकी पूरे आयोजन की ज़िम्मेदारी भारत सरकार की थी|

हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार यह पहली बार नहीं है कि फैज़ की बेटियाँ-  मुनीज़ा और सलीमा हाश्मी-  ने भारत में इस तरह के तकलीफों का सामना किया है। इस साल फरवरी में, 11 फरवरी को फैज़ की जयंती मनाने के लिए लखनऊ में एक समारोह के लिए दोनों को आमंत्रित किया गया था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव और समारोह के आयोजक  लेखक डीपी त्रिपाठी ने कहा, "केवल सलीमा को वीज़ा मिला जो कार्यक्रम से दो दिन पहले आया था जिससे उनका आना असंभव हो गया। एक को यह पूछने की ज़रूरत है कि यह सरकार फैज़ के वंशजों को इस तरह क्यों अपमानित कर रही है "|

मुनीज़ा हाशमी हमेशा अपने देश में फ़ौज के शासन के खिलाफ रही हैं| वो शांति की एक प्रखर समर्थक और अपने पिता फैज़ अहमद फैज़ की विरासत को बढ़ाने में आगे रही हैं| वो पाकिस्तानी टेलीविज़न की दुनिया में आनेवाली पहली महिला हैं और मीडिया में उच्च पदों पर महिलाओं की भागेदारी के पक्ष में लगातार आवाज़ बुलंद करती रही हैं| वो पाकिस्तान में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने में आगे रही हैं|

अब जबकि वो अपने अनादर के बारे में बोलने या वापस अपने मुल्क पाकिस्तान में इसे एक मुद्दा बनाने के पक्ष में नहीं हैं, उनका मानना है कि इस किस्म के मसलों को दोनों मुल्कों के बीच अमन और दोस्ती के आड़े नहीं आने देना चाहिए| गौरतलब है कि उनका जन्म शिमला में हुआ थाI यह भारत के अमनपसंद लोगों के लिए शर्म की बात है कि लोकतंत्र, नागरिक अधिकारों और शांति के पक्ष में आवाज़ बुलंद करने वाली एक शख्सियत के साथ उनके दिल्ली दौरे के दौरान शर्मनाक व्यवहार किया गया|

मुनीज़ा हाशमी का ये मसला भारत की छवि पर एक दाग के है | क्योंकि भारत की छवि ‘अतिथि देवो भव’ की है और वो हमेशा ही शांति की बात करने वालों के साथ रहा है| परन्तु भारत की वर्तमान सरकार उदार विचरों को पूर्ण रूप से दबाने का प्रयास कर रही है| चाहें वो देश के भीतर हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शांति और धर्मनिरपेक्षता पर बात करने वाले लोगों को ये सरकार सुनना नहीं चाहती है जो की एक लोकतान्त्रिक चुनी सरकार के लिए ठीक नहीं है|

Faiz Ahmed Faiz
participate
Delhi

Related Stories

विश्व पुस्तक मेला पर छाए भगवा राजनीति के काले बादल!


बाकी खबरें

  • cartoon
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ख़बर भी-नज़र भी: दुनिया को खाद्य आपूर्ति का दावा और गेहूं निर्यात पर रोक
    14 May 2022
    एक तरफ़ अभी कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि अगर विश्व व्यापार संगठन (WTO) भारत को अनुमति देता है, तो हमारा देश अपने खाद्य भंडार से दुनिया को खाद्य आपूर्ति कर सकता है,…
  • aadhar
    भाषा
    आधार को मतदाता सूची से जोड़ने पर नियम जल्द जारी हो सकते हैं : मुख्य निर्वाचन आयुक्त
    14 May 2022
    "यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी।"
  • IPC
    सारा थानावाला
    LIC IPO: कैसे भारत का सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है!
    14 May 2022
    वी. श्रीधर, सार्वजनिक क्षेत्र और सार्वजनिक सेवाओं पर जन आयोग के सदस्य साक्षात्कार के माध्यम से बता रहे हैं कि एलआईसी आईपीओ कैसे सबसे बड़ा निजीकरण घोटाला है।
  • congress
    रवि शंकर दुबे
    इतिहास कहता है- ‘’चिंतन शिविर’’ भी नहीं बदल सका कांग्रेस की किस्मत
    14 May 2022
    देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस चुनावों में जीत के लिए पहले भी चिंतन शिविर करती रही है, लेकिन ये शिविर कांग्रेस के लिए इतने कारगर नहीं रहे हैं।
  • asianet
    श्याम मीरा सिंह
    लता के अंतिम संस्कार में शाहरुख़, शिवकुमार की अंत्येष्टि में ज़ाकिर की तस्वीरें, कुछ लोगों को क्यों चुभती हैं?
    14 May 2022
    “बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़, मशहूर गायिका लता मंगेशकर के अंत्येष्टि कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने गए हुए थे। ऐसे माहौल में जबकि सारी व्याख्याएँ व्यक्ति के धर्म के नज़रिए से की जा रही हैं, वैसे में…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License