NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पलामू : प्रशासन के संरक्षण में पत्थर खनन जारी, आदिवासी मुश्किल में, बंजर हो रहे खेत
ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (AIPF) व पीयूसीएल पलामू प्रमण्डल इकाई की संयुक्त जांच टीम ने छितरपुर प्रखण्ड के पत्थर खनन से प्रभावित हो रहे चीरू पंचायत स्थित उरांव आदिवासियों के भलही गाँव का दौरा किया। जिसने वहाँ पत्थर खनन स्थल का मुआयना कर स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
अनिल अंशुमन
28 Jan 2019
पलामू : पत्थर खनन

कभी बंधुआ मुक्ति आंदोलन के लिए चर्चित रहा झारखंड का पलामू प्रमंडल इन दिनों वैध–अवैध पत्थर खनन कारोबार का बड़ा ‘हब’ बनता जा रहा है। जिस पर मुख्य वर्चस्व है उन्हीं दबंग शक्तियों का जिन्हें पुराने दौर के जनआंदोलनों ने नियंत्रित रहने को बाध्य कर दिया था। लेकिन वर्तमान शासन–प्रशासन से दिये जा रहे संरक्षण ने फिर से उन्हें अपनी दबंगता चलाने की पूरी छूट दे दी है।

पत्थर खनन और क्रशर उद्योग जो इस इलाके में अवैध कमाई का एक बड़ा जरिया बना हुआ है। उसमें सबसे अधिक इन्हीं का वर्चस्व है। जो जब जहां चाहतीं हैं, अपने बंदूकधारी कारिंदों के बल पर पत्थर खनन का बुलडोजर चला दे रहीं हैं। इनके वर्चस्व का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि खनन व पर्यवरण के सारे नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन किए जाने के बावजूद सारा शासन–प्रशासन इन्हीं की लठैती में लगा हुआ है। जबकि इनके वैध–अवैध पत्थर खनन ने इलाके के सभी छोटे बड़े पहाड़ों व पत्थर के टीलों को नष्ट कर विशाल गड्ढे बना दिये हैं। पत्थर निकालने के लिए दिन-रात किए जा रहे बड़े–बड़े विस्फोटों से जहां आसपास के गांवों के अधिकांश मकानों में दरारें पड़ गयी हैं वहीं, विस्फोट से उठनेवाले धूल के भयावह गुबार से बहुसंख्य आबादी को सांस से संबंधित बीमारी हो रही है। हर तरफ फैली सफ़ेद गर्द ने पूरी बहुफ़सली खेती–बाड़ी को चौपट कर दिया है। मनमाने खनन से हो रहे बड़े बड़े गड्ढों के कारण इलाके के भूजल का स्तर इतना नीचे चला गया है कि लगभग सारे जलस्रोत सूख चुके हैं। इन संकटपूर्ण स्थितियों को झेल रहे स्थानीय ग्रामीणों द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर जिले के सभी आला अधिकारियों तक कई–कई बार गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय पुलिस–प्रशासन के पास जाने पर उल्टे इन्हें ही कानून हाथ में नहीं लेने की हिदायत देकर भगा दिया जाता है।

इन्हीं स्थितियों के मद्देनजर 23 जनवरी को ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (AIPF) व पीयूसीएल पलामू प्रमण्डल इकाई की संयुक्त जांच टीम ने छितरपुर प्रखण्ड के पत्थर खनन से प्रभावित हो रहे चीरू पंचायत स्थित उरांव आदिवासियों के भलही गाँव का दौरा किया। जिसने वहाँ पत्थर खनन स्थल का मुआयना कर स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी ली। ग्रामीणों ने टीम को खनन कंपनी के मालिक की धौंस–धमकी व दहशत से किए जा रहे अवैध पत्थर खनन कार्य के सभी साक्ष्य और इससे हो रहे जान माल व पर्यावरण के नुकसान को भी दिखलाया।

जांच दल की रिपोर्ट

जांच दल के सदस्य : गोकुल बसंत (वरीष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता), नंदलाल जी, अनिल अंशुमन (एआईपीफ), एस॰एम पाठक( पीयूसीएल), दिव्या गौतम(आईसा), धीरज कुमार (एआईपीएफ) थे। इस जांच से निम्नलीखित तथ्य सामने आए : -

टोला की स्थिति: चीरू पंचायत के भलही टोला में लगभग 150 ओरांव आदिवासी परिवार हैं। जो टोला में लगभग 4 पीढ़ी से रह रहे हैं टोला से लगभग 150 लोग रोजगार के लिए दिल्ली, मुंबई,गुजरात एवं अन्य जगह पलायन कर गए हैं।

कानून का उल्लंघन कर हो रहा खनन कार्य: लगभग तीन साल से पत्थर खनन का कार्य कानून का उल्लंघन कर हो रहा है। खनन का कार्य टोला के घर मकानों से सिर्फ 25-30 मीटर की दूरी से किया जा रहा है। वन भूमि खनन क्षेत्र से सिर्फ  150 मीटर की दूरी पर है। खनन का कार्य  ग्राम सभा की स्वीकृति के बिना ही शुरू कर दिया गया। ग्राम सभा से NOC नहीं मिला है।

खनन का कार्य लगभग 25 एकड़ की रैयती जमीन पर चल रहा है जमीन को फर्जी तरीके से अंगूठा लगा कर लिया गया है। गाँव का श्मशान भी खनन क्षेत्र के कब्जे में ले लिया गया है।

खनन कार्य से पर्यावरण एवं खेती बाड़ी को नुकसान : खनन का कार्य लगभग 50 फीट ऊंचे चट्टान पर शुरू किया गया जो लगभग 200 फीट गहराई तक हो गया है। खनन  शुरू होने के बाद समुदाय द्वारा लगाए गए 1000 से ज्यादा पेड़ खनन कंपनी द्वारा काट दिये गए हैं। गाँव के लोगों ने पेड़ काटने का विरोध किया था। गाँव की गोचर जमीन नष्ट हो गई है।

खनन से ग्रामीणो की खेती बाड़ी भी नष्ट हुई है मिट्टी में खनन के धूल मिल जाने के कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता खत्म हो गई है। जल स्तर भी 50-100 फीट से 350-400 फीट नीचे चला गया है। जिन बहु-फसलीय ज़मीनों पर वे गेहूं, धान, उड़द, गन्ना, प्याज इत्यादि लगाया करते थे वे खेत अब नष्ट होकर खाली पड़े हैं। गाँव के अधिकांश चांपानल और कुएं सूख गए हैं।

तेतरी देवी ने बतलाया कि ब्लास्टिंग की वजह से उनके मिट्टी के घर और प्रधानमंत्री आवास में दरारें आ गई हैं एक मिट्टी का घर टूट गया।

खनन के कारण टीबी से मौत: ग्रामीणों ने बतलाया कि जब से पत्थर खनन का कार्य शुरू हुआ है तब से लगभग 10 व्यक्तियों की टीबी से मौत हो चुकी है। मृतकों के नाम हैं शिवनंदन उरांव, महेश उरांव,दुखन उरांव, सुदेश उरांव, गुदुआ देवी, देवन्ती देवी, करमदेव उरांव। हाल ही में 35 वर्षीय युवक बिनेश उरांव की भी टीबी से मौत हो गई।

खनन कंपनी का आतंक: ग्रामीणों ने बतलाया की खनन कंपनी के लोग खुले आम हथियार लेकर घूमते हैं एवं ग्रामीणो को उड़ाने की धमकी देते हैं।

गाँव की महिलाओं ने बतलाया कि जब वे शौच के लिए जाती हैं तो खनन कंपनी के लोग टॉर्च जलाकर परेशान करते हैं। गाँव वालों ने बतलाया की खनन का काम अभी रात को किया जा रहा है और काम शुरू होने के पहले गाँव वालों को डराने के लिए हवाई फायरिंग की जाती है। खनन मालिक अंजनी सिंह ने नंदकेशवर  उरांव के इन्दिरा आवास पर कब्जा कर लिया है

खनन कंपनी के आतंक को पुलिस का संरक्षण : ग्रामीणो द्वारा लगातार शिकायत एवं आवेदन के बावजूद पुलिस ने खनन कंपनी के मालिक अंजनी सिंह एवं उसके गुंडों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बजाय अंजनी सिंह द्वारा दायर फर्जी मामलों के आधार पर गाँव के युवाओं एवं ग्रामीणों के आंदोलन को सहयोग देने वालों की गिरफ्तारी की है। भलही के सुनील ओरांव को पुलिस ने आधी रात को गलत आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया उन्हे 4-5 दिन बाद छोड़ा गया।

पड़ोस के पट्गाई गाँव के व्यक्ति सद्दाम और अन्य 13 व्यक्ति  जो आंदोलन में भलही के गाँव वालो का साथ दे रहा था उस पर टीपीसी सदस्य होने एवं डकैती और पोकलेन जलाने के झूठे आरोप लगाकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

ग्रामीणों द्वारा धरना प्रदर्शन: भलही  टोला के ग्रामीण कई बार पथर खनन कार्य बंद करने के लिए एवं कंपनी के आतंक के खिलाफ आवेदन दे चुके हैं लेकिन खनन एवं आतंक जारी रहने के कारण ग्रामीणों ने तंग आकार 11 जनवरी 2019 से 19 जनवरी 2019 तक कलेक्ट्रेक्ट के पास धरना दिया।

अंजनी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करने का आश्वासन देकर धरना तुड़वाया गया लेकिन अब उसके खिलाफ थाना में मामला दर्ज नहीं किया जा रहा है 

Jharkhand
PALAMU
Stone mining
पत्थर खनन
tribal communities
आदिवासी अधिकार
mining mafia
raghubar govt

Related Stories

गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License