NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
पुर्तगाल की कम्युनिस्ट पार्टी ने पब्लिक स्कूल के कर्मचारियों को हटाने की निंदा की
पुर्तगाल में पब्लिक स्कूलों में बड़े पैमाने पर कटौती ऐसे समय में हुई है जब COVID-19 के कारण स्कूलों में पेशेवरों की कमी को लेकर ख़तरा बना हुआ है जो सरकार की चिंता की कमी को दर्शाता है।
पीपल्स डिस्पैच
05 Aug 2020
पुर्तगाल की कम्युनिस्ट पार्टी
पुर्तगाल की कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीपी) और लेफ्ट ब्लाक (बीई) हटाने को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कर चुके हैं।

पुर्तगाल की कम्युनिस्ट पार्टी (पीसीपी) ने शैक्षणिक वर्ष के शुरु होने से डेढ़ महीने पहले लगभग एक हज़ार पब्लिक स्कूल कर्मचारियों को बर्खास्त करने की 4 अगस्त को निंदा की। पीसीपी ने अपने बयान में सरकारी स्कूल के कर्मचारियों के हटाने के सरकार की अस्वीकार्य फैसले पर सवाल उठाया है। इन्हें लंबे समय तक सम्मिलित किया जाना चाहिए था और अब वे अपने अनुबंधों को गंवा चुके हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ यूनियंस ऑफ वर्कर्स इन पब्लिक एंड सोशल फ़ंक्शंस ने जुलाई के अंतिम सप्ताह में शिक्षा मंत्रालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था।

पुर्तगाल में इस तरह नौकरी से निकाला जा रहा है जबकि रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले स्कूल वर्ष में स्कूलों में पेशेवरों की कमी होने वाली है। एवेसो इंटीरियर में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि “बीमारियों के जोखिम वाले 12,000 शिक्षक हैं, जिन्हें कोविड-19 के कारण अगले साल स्कूल की कक्षाएं छोड़नी पड़ सकती हैं। ये स्थिति सभी स्कूल समूहों को प्रभावित कर सकती है”।

नेशनल फेडरेशन ऑफ यूनियंस ऑफ वर्कर्स इन पब्लिक एंड सोशल फंक्शंस ने अपने बयान में कहा, “सरकार सार्वजनिक स्कूलों के उन एक हज़ार से अधिक गैर-शिक्षण कर्मचारियों को बर्खास्त कर रही है जिनके 2017 में निश्चित अवधि के रोज़गार अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यहां, एक बार फिर सरकार ने पब्लिक स्कूल के नगरपालिका से जुड़े बजटीय कमी के कारणों को लेकर समस्या को सुलझाने के बजाय इन श्रमिकों को हटाने का फैसला किया जिनका ओपन-एंडेड कॉन्ट्रेक्ट है।”

फेडरेशन ने आगे कहा, "इस बात पर ज़ोर दिया जाना चाहिए कि जो कुछ दांव पर लगा है वह प्रक्रिया की वैधता नहीं है, बल्कि इन कर्मचारियों के समेकन के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है। सरकार ऐसा कर सकती थी और ऐसा करने के लिए अभी भी समय है, 31 अगस्त निश्चित अवधि के अनुबंध समाप्त होने की तारीख है। शिक्षा मंत्रालय जानता था कि अगस्त 2020 में इन कर्मचारियों के अनुबंध समाप्त हो जाएंगे। लेकिन, जानबूझकर उसने इस अनिश्चितता को दूर करने के लिए इस समय में कुछ नहीं किया।”

इससे पहले, पीसीपी के सदस्यों ने विधायी सत्र की अंतिम नियमित सुनवाई में स्कूल कर्मियों का मुद्दा उठाया था। वामपंथी ब्लॉक (बीई) के विधायकों ने आने वाले स्कूल वर्ष में स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों दोनों सहित जोखिम वाले समूह के पेशेवरों को लेकर चिंता जताई है।

 

Portugal
portugal communist party
portugese
portugese communist party

Related Stories

पुर्तगाल में एलईआईसीए प्लांट के श्रमिकों ने वेतन के भेदभाव का विरोध किया

पुर्तगालः पीसीपी ने COVID-19 के मामले में ताज़ा वृद्धि के ख़िलाफ़ एनएचएस को मज़बूत करने का आह्वान किया

पुर्तगाल : कोरोना महामारी के बीच जारी है कार्नेशन क्रांति की सालगिरह की तैयारी

पुर्तगालः सेंटर-लेफ्ट सोशलिस्ट एक बार फिर विजयी


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License