NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
राज्यसभा में उठी यूपी के गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग
‘‘एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है। लेकिन गन्ना किसानों का बकाया ही अब तक नहीं दिया गया है...।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Jul 2019
गन्ना किसान
Image Courtesy: Patrika

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की बकाया राशि के शीघ्र भुगतान की मांग करते हुए समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि यह राशि ब्याज सहित दी जानी चाहिए।

शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि 2018-19 में किसानों का चीनी मिलों पर 10,000 करोड़ रुपया बकाया है और मूल रकम पर इसका ब्याज करीब 2,000 करोड़ रुपये होता है। यह राशि किसानों को तत्काल दी जानी चाहिए।

नागर ने कहा ‘‘एक ओर सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है। लेकिन गन्ना किसानों का बकाया ही अब तक नहीं दिया गया है तो आय दोगुना होना बहुत ही मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 42 चीनी मिलों पर किसानों का 5,000 करोड़ रुपये बकाया है।

सपा सदस्य ने मांग की कि राज्य सरकार गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, ब्याज के साथ शीघ्र करे। उन्होंने कहा ‘‘यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसानों का भुगतान, निर्धारित 14 दिनों की अवधि के अंदर किया जाए।’’

विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

आपको बता दें कि 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 14 दिन के भीतर गन्ना बकाया भुगतान का वादा किया था। मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने भी इस बात को दोहराया और कुछ सक्रियता दिखाई लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ।

आपको यह भी जानना चाहिए कि किसान को एक एकड़ भूमि में गन्ने की फसल उगाने में कितनी मेहनत और पैसा लगता है। किसानों के मुताबिक गन्ने की फसल के लिए एक एकड़ खेत को तैयार करने, बीज, खाद, पानी और उसे बीमारी से बचाने के लिए इस्तेमाल होने पेस्टिसाइड सबका खर्चा मिलाकर अनुमानित लागत करीब 40 हज़ार से 50 हजार रुपये तक आती है। किसानों का कहना है कि इतनी लागत लगाने के बाद भी बड़ी मुश्किल से एक एकड़ जमीन में दो सौ से ढाई सौ कुन्तल तक गन्ने की पैदावार हो पाती है। यानी एक एकड़ में 60 हज़ार से 70 हज़ार रुपये तक का गन्ना पैदा होता है।

किसान इस गन्ने की फसल को सरकार द्वारा निर्धारित किये गये गन्ना मूल्य पर शुगर मिलों को उधार में बेचता है। जिसका पैसा भी किसानों को समय पर नहीं मिल पाता है। और अपना पैसा ही मांगने के लिए अगर आंदोलन करो तो पुलिस की लाठियां मिलती हैं।

(भाषा के इनपुट के साथ)

इसे पढ़ें : कर्ज़ में डूबता गन्ना किसान आंदोलन को मजबूर, मिल रहीं हैं लाठियां

GANNA KISAN
गन्ना किसान
sugarcane farmers
Uttar pradesh
SAMAJWADI PARTY
Rajya Sabha
Yogi Adityanath govt

Related Stories

योगी सरकार द्वारा ‘अपात्र लोगों’ को राशन कार्ड वापस करने के आदेश के बाद यूपी के ग्रामीण हिस्से में बढ़ी नाराज़गी

यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!

महाराष्ट्र में गन्ने की बम्पर फसल, बावजूद किसान ने कुप्रबंधन के चलते खुदकुशी की

ग्राउंड रिपोर्टः डीज़ल-पेट्रोल की महंगी डोज से मुश्किल में पूर्वांचल के किसानों की ज़िंदगी

मोदी सरकार की वादाख़िलाफ़ी पर आंदोलन को नए सिरे से धार देने में जुटे पूर्वांचल के किसान

बनारस की जंग—चिरईगांव का रंज : चुनाव में कहां गुम हो गया किसानों-बाग़बानों की आय दोगुना करने का भाजपाई एजेंडा!

यूपी चुनाव: बग़ैर किसी सरकारी मदद के अपने वजूद के लिए लड़तीं कोविड विधवाएं

यूपीः योगी सरकार में मनरेगा मज़दूर रहे बेहाल

ग्राउंड  रिपोर्टः रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गृह क्षेत्र के किसान यूरिया के लिए आधी रात से ही लगा रहे लाइन, योगी सरकार की इमेज तार-तार

लखनऊ: साढ़ामऊ अस्पताल को बना दिया कोविड अस्पताल, इलाज के लिए भटकते सामान्य मरीज़


बाकी खबरें

  • जितेन्द्र कुमार
    मुद्दा: बिखरती हुई सामाजिक न्याय की राजनीति
    11 Apr 2022
    कई टिप्पणीकारों के अनुसार राजनीति का यह ऐसा दौर है जिसमें राष्ट्रवाद, आर्थिकी और देश-समाज की बदहाली पर राज करेगा। लेकिन विभिन्न तरह की टिप्पणियों के बीच इतना तो तय है कि वर्तमान दौर की राजनीति ने…
  • एम.ओबैद
    नक्शे का पेचः भागलपुर कैंसर अस्पताल का सपना अब भी अधूरा, दूर जाने को मजबूर 13 ज़िलों के लोग
    11 Apr 2022
    बिहार के भागलपुर समेत पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 13 ज़िलों के लोग आज भी कैंसर के इलाज के लिए मुज़फ़्फ़रपुर और प्रदेश की राजधानी पटना या देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों का चक्कर काट…
  • रवि शंकर दुबे
    दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए
    11 Apr 2022
    रामनवमी और रमज़ान जैसे पर्व को बदनाम करने के लिए अराजक तत्व अपनी पूरी ताक़त झोंक रहे हैं, सियासत के शह में पल रहे कुछ लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगे हैं।
  • सुबोध वर्मा
    अमृत काल: बेरोज़गारी और कम भत्ते से परेशान जनता
    11 Apr 2022
    सीएमआईए के मुताबिक़, श्रम भागीदारी में तेज़ गिरावट आई है, बेरोज़गारी दर भी 7 फ़ीसदी या इससे ज़्यादा ही बनी हुई है। साथ ही 2020-21 में औसत वार्षिक आय भी एक लाख सत्तर हजार रुपये के बेहद निचले स्तर पर…
  • JNU
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !
    11 Apr 2022
    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दो साल बाद फिर हिंसा देखने को मिली जब कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्रों ने राम नवमी के अवसर कैम्पस में मांसाहार परोसे जाने का विरोध किया. जब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License