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भारत
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रेलवे: लोको पायलेट कल से दो दिन की भूख हड़ताल पर
हड़ताल ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के बैनर तले 17 और 18 जुलाई को होगी I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Jul 2018
railway worker

भारतीय रेलवे के लोको पायलेट कल से अपनी मांगो को लेकर भूख हड़ताल पर जाने वाले हैं। यह हड़ताल ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के  बैनर तले  17 और 18 जुलाई को होगी। हड़ताल देश व्यापि है, जिसमें देश भर के रेलवे कर्मचारी हिस्सा लेंगें। हड़ताल का मुख्य कारण रनिंग अलाउंस के रिविज़न में देरी होना और 2016 से पहले सेवानिवृत  हुए कर्मचारियों की पेंशन और 2016 के बाद सेवा निवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन में भारी अंतर होना है। दरअसल रेलवे के लोको पायलटों को यात्रा भत्ते के साथ-साथ रनिंग अलाउंस भत्ता भी मिलता है, जो उनकी तनख्वा का लगभग 30 फीसदी होता है। जो रेल  चलाने के प्रत्येक किलोमीटर के अनुसार देय होता है।

ऑल इंडिया रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के अनुसार जब–जब वेतन में बढोत्तरी होती है उसी के अनुसार रनिंग अलाउंस मे भी वृद्धी होती है। 7 वे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद वेतन और भत्तों में तो बढ़ोत्तरी हो गई लेकिन रनिंग अलाउंस को रिवाइज़ नहीं किया गया। संगठन का आरोप है कि रेलवे के अलाउंस न बढाने के कारण कर्मचारियों में खासी नराज़गी है। इससे पहले भी ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन समय-समय पर इस माँग के लिए आंदोलन करता रहा है पर रेलवे ने माँगो को अमली-जामा नहीं पहनाया।

वहीं कर्मचारियों की दूसरी माँग है कि 2016 से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों की  पेंशन और 2016 के बाद समान पद से रिटायर हुए कर्मचारियों की  पेंशन को समांतर करा जाए। दरअसल कर्मचारियों की पेंशन उनके सेवानिवृत्त होने के समय, उनके वेतन के अनूरूप तय होती है। इसलिए वह कर्मचारी जो कुछ सालों पहले सेवा निवृत्त हो गए थे, और वो कर्मचारी जो उसी पद से  बाद में सेवानिवृत होते है उनकी पैंशन में अंतर आ जाता है। क्योंकि पहले सेवानिवृत हो चुके कर्मचारी और बाद में सेवानिवृत हुए कर्मचारीयों के वेतन में वेतन आयोग की सिफारिशों के  कारण और अन्य बढोत्तरी के कारण वेतन में अंतर होता है, इसी कारणवश समान रैंक वाले कर्मचारियों की पेंशंन में अंतर आ जाता है।  
   
लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव एम.के.प्रसाद के अनुसार “रनिंग अलाउंस  आर.ए.सी 1980 के फार्मुले के अनुसार दिया जाता रहा है, मगर 2017 में वेतन आयोग कि सिफारिशों के बावजूद  रनिंग अलाउंस को रिवाइज़ नहीं किया गया है। फिलहाल सारे कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हुए भूख हड़ताल पर रहेंगे, मगर अगर हमारी माँगो को रेलवे नहीं मानता है तो अगली बार हमें ट्रेन सेवाओं को बाधित करना पड़ेगा। हम इससे पहले भी  कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन रेलवे द्वारा  कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई  है।“

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