NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
हम यूक्रेन की निष्पक्षता पर बातचीत करने के लिए प्रतिनिधि मंडल भेजने को तैयार- रूस
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ कीव और यूक्रेन के अन्य शहरों के आसपास लड़ाई चल रही है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की शरणार्थी संस्था के मुताबिक़, इस युद्ध की वज़ह से फिलहाल 1 लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं।
पीपल्स डिस्पैच
26 Feb 2022
Russia

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार, 25 फरवरी को कहा कि वे यूक्रेन की निष्पक्षता पर बात करने के लिए मिंस्क में प्रतिनिधिमंडल भेजने के लिए तैयार हैं। इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमिर जेलेंस्की ने पुतिन को फोन किया, जो अपने देश के लोगों से लड़ने की अपील करने के साथ-साथ पुतिन से बैठकर बात करने की अपील भी कर रहे थे। इस बीच मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ यूक्रेन की राजधानी कीव के आसपास और दूसरे शहरों में लड़ाई जारी है।

इससे पहले जेलेंस्की ने कहा था कि रूसी हमले में नागरिक और सैन्यकर्मियों को मिलाकर अब तक 137 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ़ और भी ज़्यादा कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की अपील की है। इस बीच स्थानीय अधिकारियों ने दावा किया है कि डोनेत्सक गणराज्य में यूक्रेन के सैनिकों की भारी गोलाबारी में कम से कम दो दर्जन नागरिकों की मौत हो चुकी है। 

यूक्रेन सरकार द्वारा जारी वक्तव्य के मुताबिक़, रूसी सैनिकों ने देश के उत्तरी इलाके में चेर्नोबिल क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है। गुरुवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थानीय प्रशासन ने बड़े धमाके के बाद रात के कर्फ्यू का ऐलान कर दिया। यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि यह धमाके दुश्मन के रॉकेट पर जवाबी हमले के चलते हुए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि यह धमाका एक रूसी जंगी विमान में हुआ था, जिसके ऊपर इंटरसेप्टर से हमला किया गया था, जिसके चलते यह विमान एक बिल्डिंग पर आकर गिरा।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की शरणार्थी संस्था के मुताबिक़, इस जंग के चलते अब तक 1 लाख से ज़्यादा लोगों का विस्थापन हो चुका है। यूक्रेन के अधिकारियों ने यह दावा भी किया कि रूसी सैनिकों ने खार्कीव पर भी हमला करना शुरू कर दिया है, जो यूक्रेन में दूसरा सबसे बड़ा शहर है और डोंबास क्षेत्र के पास स्थित है।

बता दें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के सुरक्षाबलों को डोंबास रिपब्लिक पर हमला करने से रोकने के लिए एक "विशेष ऑपरेशन" की अनुमति के बाद रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में प्रवेश किया था।  पुतिन ने कहा कि यह कदम यूक्रेन के "असैन्यकरण" और "नाजीवादी प्रवृत्ति को खत्म" करने के लिए भी है। यूरोपीय संघ, अमेरिका और नाटो के सदस्यों ने इसे यूक्रेन पर "पूर्ण हमला" करार दिया है और उन्होंने गुरुवार को रूस पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की।  

लगातार उभरती चिंताएं

नाटो द्वारा लगातार पूर्ववर्ती विस्तार और अपनी सीमाओं के पास नाटो द्वारा सैन्य तैनाती के डर को वज़ह बताते हुए रूस लंबे वक़्त से अमेरिका और नाटो से यह विस्तार रोकने और यूक्रेन को कभी नाटो में शामिल ना करने के वायदे की अपील कर रहा था। लेकिन नाटो और यूक्रेन दोनों ने ही इस तरीके का भरोसा नहीं दिया और यहां तक कहा कि रूस की इन मांगों पर विचार-विमर्श भी संभव नहीं है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने आरटी को दिए एक इंटरव्यू में रूसी कार्रवाई के लिए पश्चिम पर दोषारोपण करते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 8 साल में डोंबास क्षेत्र में यूक्रेन द्वारा की जाने वाली हिंसा को नजरंदाज़ किया। जिसके चलते रूस को कार्रवाई करने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने पुतिन के दावे को दोहराते हुए कहा कि "यहां मुख्य उद्देश्य पिछले 8 सालों से जारी युद्ध को बढ़ने से रोकना और उसका खात्मा करना है।"

बता दें मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और रूस के अन्य शहरों में गुरुवार शाम को युद्ध का विरोध करते हुए सैकड़ों लोग सड़कों पर निकले और टकराव का खात्मा करने की अपील की। रूस के सुरक्षाबलों ने कोविड प्रोटोकॉल औक सार्वजनिक कानून व्यवस्था के भंग होने का हवाला देते हुए सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया। इन विरोध प्रदर्शनों का रूस की विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया है।

साभार : पीपल्स डिस्पैच

Russia
ukraine
Anti-war protests in Russia
Chernobyl
Donbass
Donetsk Peoples Republic
EU
Luhansk Peoples Republic
NATO
NATO eastward expansion
US
vladimir putin
Volodymyr Zelenskyy

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई खाद्य असुरक्षा से बढ़ रही वार्ता की ज़रूरत


बाकी खबरें

  • लव पुरी
    क्या यही समय है असली कश्मीर फाइल को सबके सामने लाने का?
    04 Apr 2022
    कश्मीर के संदर्भ से जुडी हुई कई बारीकियों को समझना पिछले तीस वर्षों की उथल-पुथल को समझने का सही तरीका है।
  • लाल बहादुर सिंह
    मुद्दा: क्या विपक्ष सत्तारूढ़ दल का वैचारिक-राजनीतिक पर्दाफ़ाश करते हुए काउंटर नैरेटिव खड़ा कर पाएगा
    04 Apr 2022
    आज यक्ष-प्रश्न यही है कि विधानसभा चुनाव में उभरी अपनी कमजोरियों से उबरते हुए क्या विपक्ष जनता की बेहतरी और बदलाव की आकांक्षा को स्वर दे पाएगा और अगले राउंड में बाजी पलट पायेगा?
  • अनिल अंशुमन
    बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध
    04 Apr 2022
    भाकपा माले विधायकों को सदन से मार्शल आउट कराये जाने तथा राज्य में गिरती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों के विरोध में 3 अप्रैल को माले ने राज्यव्यापी प्रतिवाद अभियान चलाया
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक हज़ार से भी कम नए मामले, 13 मरीज़ों की मौत
    04 Apr 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.03 फ़ीसदी यानी 12 हज़ार 597 हो गयी है।
  • भाषा
    श्रीलंका के कैबिनेट मंत्रियों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया
    04 Apr 2022
    राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से सरकार द्वारा कथित रूप से ‘‘गलत तरीके से निपटे जाने’’ को लेकर मंत्रियों पर जनता का भारी दबाव था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License