NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सीबीआई के पूर्व चीफ नागेश्वर को नहीं मिली माफ़ी, अवमानना के दोषी करार
सर्वोच्च न्यायालय ने नागेश्वर राव पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही मंगलवार को अदालत चलने तक अदालत में ही एक कोने में बैठे रहने की सज़ा दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
12 Feb 2019
M. Nageswara Rao

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया है। 

नागेश्वर राव ने सीबीआई का अंतरिम निदेशक रहने के दौरान शीर्ष अदालत के प्रतिबंध के बावजूद मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की जांच कर रहे एजेंसी के अधिकारी तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक ए.के. शर्मा का तबादलता कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे अदालत की अवमानना करार देते हुए नागेश्वर राव पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। 

साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने सजा में कहा कि जब तक आज अदालत चलती रहेगी, नागेश्वर राव अदालत में ही एक कोने में बैठे रहेंगे।

गौरतलब है कि ए.के.शर्मा मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की जांच की अगुवाई कर रहे थे। 

रिपोर्ट के अनुसार सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सवाल किया कि सीबीआई का एक अंतरिम निदेशक अगर इतने सारे ट्रांसफर नहीं करता तो क्या आसमान गिर जाता?

इस दौरान राव की तरफ से पेश हुए एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दलील दी कि राव का 30 साल का बेदाग करियर है और वह अपनी गलती के लिए माफी मांग चुके हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह राव के माफीनामे को अस्वीकार करते हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

CBI
Supreme Court
M Nageswara Rao
Contempt of Court
BIHAR SHELTER HOME CASE
MUZAFFARPUR SHELTER HOME CASE
A K SHARMA CBI

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

सरकारी एजेंसियाँ सिर्फ विपक्ष पर हमलावर क्यों, मोदी जी?

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?


बाकी खबरें

  • उपेंद्र स्वामी
    अंतरिक्ष: हमारी पृथ्वी जितने बड़े टेलीस्कोप से खींची गई आकाशगंगा के ब्लैक होल की पहली तस्वीर
    13 May 2022
    दुनिया भर की: ब्लैक होल हमारे अंतरिक्ष के प्रमुख रहस्यों में से एक है। इन्हें समझना भी अंतरिक्ष के बड़े रोमांच में से एक है। इस अध्ययन के जरिये अंतरिक्ष की कई अबूझ पहेलियों को समझने में मदद
  • परमजीत सिंह जज
    त्रासदी और पाखंड के बीच फंसी पटियाला टकराव और बाद की घटनाएं
    13 May 2022
    मुख्यधारा के मीडिया, राजनीतिक दल और उसके नेताओं का यह भूल जाना कि सिख जनता ने आखिरकार पंजाब में आतंकवाद को खारिज कर दिया था, पंजाबियों के प्रति उनकी सरासर ज्यादती है। 
  • ज़ाहिद खान
    बादल सरकार : रंगमंच की तीसरी धारा के जनक
    13 May 2022
    बादल सरकार का थिएटर, सामाजिक-राजनीतिक बदलाव का थिएटर है। प्रतिरोध की संस्कृति को ज़िंदा रखने में उनके थर्ड थिएटर ने अहम रोल अदा किया। सत्ता की संस्कृति के बरअक्स जन संस्कृति को स्थापित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    असम : विरोध के बीच हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 3 मिलियन चाय के पौधे उखाड़ने का काम शुरू
    13 May 2022
    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस साल फ़रवरी में कछार में दालू चाय बाग़ान के कुछ हिस्से का इस्तेमाल करके एक ग्रीनफ़ील्ड हवाई अड्डे के निर्माण की घोषणा की थी।
  • पीपल्स डिस्पैच
    इज़रायल को फिलिस्तीनी पत्रकारों और लोगों पर जानलेवा हमले बंद करने होंगे
    13 May 2022
    टेली एसयूआर और पान अफ्रीकन टीवी समेत 20 से ज़्यादा प्रगतिशील मीडिया संस्थानों ने वक्तव्य जारी कर फिलिस्तीनी पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की हत्या की निंदा की है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License