NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सरहदों के झगड़ों ने मां-बच्चों को अलग किया, अब साबित भी करना है कि हम 'संदिग्ध' नहीं!
पाकिस्तान से लौटे राशिद बिजनौरी के बेटे को गुरुवार रात पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की। बाद में शहर के गणमान्य लोगों की दख़ल के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Sep 2019
Bijnor
प्रतीकात्मक तस्वीर

पिता हिन्दुस्तानी और मां पाकिस्तानी लेकिन बच्चे? बच्चों का कौन सा मुल्क है? किस मुल्क पर उनका अधिकार है? किस मुल्क को अपना कहें बच्चे? पिता गुज़र गए, मां को भारत की नागरिता नहीं मिली। मां अपने साथ बच्चों को पाकिस्तान ले गई, लेकिन वहां बच्चों को पनाह नहीं मिली। बच्चों को मां को छोड़कर भारत आना पड़ा लेकिन यहां भी उनका स्वागत पुलिस ने किया। आज के माहौल में आप पाकिस्तान से लौटे हों और मुसलमान भी हों तो समझिए आप संदिग्ध हो गए। अब ऐसे 'संदिग्ध' से पुलिस पूछताछ तो करेगी। और यही हुआ।

जी हां, ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि सच है। यह हुआ है उत्तर प्रदेश के बिजनौर ज़िले में मशहूर कलाकार राशिद बिजनौरी के बच्चों के साथ। पाकिस्तान से लौटे राशिद बिजनौरी के बेटे को गुरुवार रात पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ की।

स्थानीय पत्रकारों और अन्य लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक बिजनौर के मोहल्ला चाहशीरी में रहने वाले राशिद बिजनौरी एक मशहूर हास्य कलाकार रहे। मूलरूप से अमरोहा के निवासी उनके पिता आबिद अली आबिद एक शायर थे और बिजनौर कलेक्ट्रेट में कर्मचारी थे। राशिद के भाई शाहिद बिजनौरी भी एक अच्छे कलाकार हैं। उनकी भतीजी शगुफ्ता भी एक टीवी कलाकार हैं।

कहने का मतलब ये कि राशिद बिजनौरी और उनका परिवार बिजनौर में एक बाइज़्ज़त और जाना-पहचाना नाम है। राशिद बिजनौरी ने अब से कई साल पहले एक पाकिस्तानी महिला से विवाह किया था। उनके दो बच्चे हुए, एक लड़का और एक लड़की। लड़के की उम्र करीब 21-22 साल है जबकि लड़की उससे बड़ी है। और एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं।  

राशिद बिजनौरी का निधन पिछले साल 6 नवंबर 2018 में हो गया और यहीं से दिक्कत शुरू हो गई। उनकी पत्नी नाज़नीन फ़ातिमा पाकिस्तान से हैं, हालांकि शादी के बाद से ही वह उनके साथ बिजनौर में रहीं, लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली। बताया जाता है कि इस दौरान राशिद बिजनौरी ने उनकी नागरिकता के लिए कई बार कोशिश की, लेकिन नागरिकता नहीं मिली।

अब पति राशिद के निधन के बाद फातिमा को पाकिस्तान में रहने वाले अपने भाई की बीमारी के बारे में पता चलता है तो वे अपने दोनों बच्चों को लेकर पाकिस्तान चली गईं। लेकिन बच्चों का जन्म भारत में हुआ और पिता भी भारतीय हैं इसलिए बच्चों को पाकिस्तान में पनाह नहीं मिली। और बच्चे भी पाकिस्तान में नहीं रहना चाहते। वे हिन्दुस्तान में ही रहना चाहते हैं। वीज़ा ख़त्म होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने दोनों भाई-बहन को हिन्दुस्तान वापस भेज दिया। दोनों अब यहां काजीपाड़ा में किराये के मकान में रह रहे हैं।

लेकिन पाकिस्तान जाना ही जैसे इन बच्चों का गुनाह बन गया है। उनके पाकिस्तान जाने और लौटने की सूचना पुलिस तक पहुंची तो वे दोनों पुलिस की 'संदिग्धों की सूची' में आ गए। हालांकि बताया जाता है कि लड़के का बड़बोलापन और दोस्तों के बीच पाकिस्तान की कहानियां सुनाना भी उनकी मुश्किल का सबब बना। गुरुवार की देर शाम पुलिस ने राशिद बिजनौरी के पुत्र असद उर्फ बबलू को उठा लिया और थाने ले गई। देर रात तक पुलिस और एलआईयू टीम बबलू से पूछताछ करती रही। बाद में शहर के कई गणमान्य लोग थाने पहुंचे और उनके परिवार की विरासत का हवाला दिया तब जाकर पुलिस ने असद को छोड़ा।

दो भाई-बहन जिनके पिता का साया उनके सर से उठ गया। जिनकी मां उनके बिना पाकिस्तान में हैं और वे मां के बिना हिंदुस्तान में हैं और एक-दूसरे को याद कर-करके तड़प रहे हैं। उन्हें अब ये भी साबित करना पड़े कि वे पाकिस्तान के एजेंट नहीं हैं, सौ फीसदी हिन्दुस्तानी हैं तो उनके दिल पर क्या गुज़रेगी आप अंदाज़ा लगा सकते हैं।

india-pakistan
border issue
Citizenship
hindu-muslim
UttarPradesh

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?

बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़

ख़ान और ज़फ़र के रौशन चेहरे, कालिख़ तो ख़ुद पे पुती है

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला


बाकी खबरें

  • रवि कौशल
    डीयूः नियमित प्राचार्य न होने की स्थिति में भर्ती पर रोक; स्टाफ, शिक्षकों में नाराज़गी
    24 May 2022
    दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फैसले की शिक्षक समूहों ने तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि इससे विश्वविद्यालय में भर्ती का संकट और गहरा जाएगा।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पश्चिम बंगालः वेतन वृद्धि की मांग को लेकर चाय बागान के कर्मचारी-श्रमिक तीन दिन करेंगे हड़ताल
    24 May 2022
    उत्तर बंगाल के ब्रू बेल्ट में लगभग 10,000 स्टाफ और सब-स्टाफ हैं। हड़ताल के निर्णय से बागान मालिकों में अफरा तफरी मच गयी है। मांग न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल का संकेत दिया है।
  • कलिका मेहता
    खेल जगत की गंभीर समस्या है 'सेक्सटॉर्शन'
    24 May 2022
    एक भ्रष्टाचार रोधी अंतरराष्ट्रीय संस्थान के मुताबिक़, "संगठित खेल की प्रवृत्ति सेक्सटॉर्शन की समस्या को बढ़ावा दे सकती है।" खेल जगत में यौन दुर्व्यवहार के चर्चित मामलों ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ़…
  • आज का कार्टून
    राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 
    24 May 2022
    2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फ़ैसला दिया तो लगा कि देश में अब हिंदू मुस्लिम मामलों में कुछ कमी आएगी। लेकिन राम मंदिर बहस की रेलगाड़ी अब मथुरा और काशी के टूर पर पहुँच गई है।
  • ज़ाहिद खान
    "रक़्स करना है तो फिर पांव की ज़ंजीर न देख..." : मजरूह सुल्तानपुरी पुण्यतिथि विशेष
    24 May 2022
    मजरूह सुल्तानपुरी की शायरी का शुरूआती दौर, आज़ादी के आंदोलन का दौर था। उनकी पुण्यतिथि पर पढ़िये उनके जीवन से जुड़े और शायरी से जुड़ी कुछ अहम बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License