NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट: मॉब लिंचिंग पर जल्द कानून लाए केंद्र
लोकतंत्र की जगह भीड़ तंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Jul 2018
लोकतंत्र की जगह भीड़ तंत्र

देश भर में जारी मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर कड़ा रुख अख़्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोकतंत्र की जगह भीड़ तंत्र को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देशित किया है कि वो मॉब लिंचिग से निपटने के लिए अलग से कानून लाए। गोरक्षा के नाम पर होने वाली मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर नाराज़गी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी अपने हाथ में कानून नहीं ले सकता। कोर्ट ने राज्यों को सख्त आदेश दिया है कि वो चार हफ्ते में कोर्ट द्वारा दिए निर्देश लागू करे।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ की बेंच ने कहा कि विधिसम्मत शासन बना रहे यह सुनिश्चित करते हुए समाज में कानून-व्यवस्था कायम रखना राज्यों का काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘‘भीड़ अपने-आप में कानून नहीं बन सकती।”

सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा कि वह भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा से निपटने और ऐसी घटनाओं के दोषियों को सज़ा देने के लिए नये प्रावधान बनाने पर विचार करे। कोर्ट ने देश में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने और इन पर गाइडलाइंस तय करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया है। यह याजिका कोर्ट ने तुषार गांधी (महात्मा गाँधी के पर-पौत्र) और तहसीन पूनावाला (कांग्रेस नेता) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 28 अगस्त तय की है।

सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पी. एस. नरसिंहा ने केंद्र का पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार भीड़ द्वरा हिंसा को लेकर सजग और सतर्क है, लेकिन यह समस्या कानून व्यवस्था की है और कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकारों की ज़िम्मेदारी है। केंद्र तब तक इसमें दखल नहीं दे सकता जब तक राज्य खुद इसके लिए गुहार न लगाए।

इसके पहले जुलाई में भी शीर्ष अदालत ने कहा था कि भीड़ द्वारा हो रही हिंसा, चाहे वह गोरक्षा के नाम पर हो रही हो या किसी और वजह से, को रोकना राज्यों की जिम्मेदारी है। सितंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए राज्यों के प्रत्येक जिलों में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियुक्त करने की बात कही थी। इसके बाद जनवरी में कोर्ट ने तीन राज्य सरकारों से पूछा था कि उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया, और क्यों न राज्य सरकारों पर अवमाना की कार्यवाही की जाए।

गौरतलब है कि देश भर में अफवाह के आधार पर भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं में लगातार इज़ाफा हो रहा है। बीते साल भर में 27 लोगों को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया। यह अफवाहें सोशल मीडिया विशेषकर व्हाट्सऐप के माध्यम से फैलाई जाती हैं। जहाँ कभी बच्चा चोरी के नाम पर अफवाह फैलाई जाती है, जिसके बाद भीड़ बिना त्थय को जाँचे किसी बेगुनह को अपना निशाना बना लेती है।

भीड़ की हिंसा
मॉब लिंचिंग
सुप्रीम कोर्ट
mob lynching

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

बिहार: बीफ खाने के नाम पर खलील की हत्या, परिवार का आरोप; उच्च-स्तरीय जांच की मांग

भारत में हर दिन क्यों बढ़ रही हैं ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाएं, इसके पीछे क्या है कारण?

झारखंड : मॉब लिंचिंग क़ानून के बारे में क्या सोचते हैं पीड़ितों के परिवार?

झारखंड : नागरिक समाज ने उठाई  ‘मॉबलिंचिंग विरोधी क़ानून’ की नियमावली जल्द बनाने की मांग

पलवल : मुस्लिम लड़के की पीट-पीट कर हत्या, परिवार ने लगाया हेट क्राइम का आरोप

वोट बैंक की पॉलिटिक्स से हल नहीं होगी पराली की समस्या

शामली: मॉब लिंचिंग का शिकार बना 17 साल का समीर!, 8 युवकों पर मुकदमा, एक गिरफ़्तार


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License