NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
फादर स्टेन स्वामी को अस्पताल में शिफ्ट करें: झारखंड जनाधिकार महासभा
झारखंड जनाधिकार महासभा ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को पत्र लिखकर 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को एक अच्छे अस्पताल में स्थानांतरित करने पर विचार करने के लिए लिखा है, जो वर्तमान में तलोजा जेल में बंद हैं। महासभा ने कहा कि फादर स्टेन, झारखंड में दशकों से रह रहे हैं और "अपना पूरा जीवन आदिवासी अधिकारों और वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ते हुए बिताया है।"
सबरंग इंडिया
20 May 2021
फादर स्टेन स्वामी

सीजेपी ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बीके-15 की रिहाई की सिफारिश का आग्रह किया है
 
झारखंड जनाधिकार महासभा ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को पत्र लिखकर 84 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को एक अच्छे अस्पताल में स्थानांतरित करने पर विचार करने के लिए लिखा है, जो वर्तमान में तलोजा जेल में बंद हैं। महासभा ने कहा कि फादर स्टेन, झारखंड में दशकों से रह रहे हैं और "अपना पूरा जीवन आदिवासी अधिकारों और वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ते हुए बिताया है।" उन्होंने सरकार को याद दिलाया कि वह पार्किंसंस रोग से पीड़ित हैं जिसके कारण उन्हें, "गिलास से पानी पीने, स्नान करने और अपने आप कपड़े धोने में परेशानी होती है।" 
 
जानकारी के अनुसार 14 मई को फादर स्टेन स्वामी एक फोन कॉल पर बताया था कि वह अस्वस्थ थे, और बहुत कमजोर महसूस कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद यह पहली बार था जब उन्होंने कथित तौर पर अपने नाजुक स्वास्थ्य के बारे में बात की थी। रिपोर्टों के अनुसार "वह फोन पर बात करने के लिए भी बहुत कमजोर मालूम हो रहे थे और किसी अन्य को उनकी हालत के बारे में बताना पड़ा।" फोन पर बताया गया कि कि स्टेन को बुखार, खांसी और पेट की शिकायत है। रिपोर्टों के अनुसार, स्टेन को "जेल के आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा एंटीबायोटिक्स दिए गए" लेकिन इससे ज्यादा मदद नहीं मिली। उनका अभी तक कोविड के लिए परीक्षण नहीं किया गया है। उन्हें अभी तक अपना पहला टीका भी नहीं मिला है। झारखंड जनाधिकार महासभा ने राज्य सरकार से फादर को तत्काल शिफ्ट करने पर विचार करने को कहा है। यह पत्र मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे और गृह राज्य मंत्री (शहरी) सतेज पाटिल को भी कॉपी किया गया है।
 
इससे पहले सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बीके-15 के आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने की सिफारिश हाई पावर कमेटी से करने की मांग की थी। तलोजा और भायखला जेलों में बंदियों की कुछ दु:खद स्थिति के बारे में जानने के बाद, सीजेपी ने सरकार से पर्याप्त इलाज और देखभाल के लिए उन्हें रिहा करने का आग्रह किया है। सीजेपी की याचिका में फादर स्टेन स्वामी की स्थिति पर भी प्रकाश डाला गया है, जो आमतौर पर अपने दर्द को चुपचाप सहन करना पसंद करते हैं। फादर को मार्च में पार्किंसंस रोग से पीड़ित होने के बावजूद जमानत नहीं मिली थी। जेल जाने से पहले ही उनके हर्निया के ऑपरेशन हुए थे, जिससे अब उन्हें पेट में दर्द हो रहा है। अपने सहयोगी फादर जेवियर के साथ अपनी आखिरी कॉल के दौरान, स्वामी ने खांसी, बुखार, पेट दर्द में कोई राहत नहीं मिलने की शिकायत की थी।
 
सीजेपी की याचिका में अन्य राजनीतिक कैदियों का भी उल्लेख है जो अब सलाखों के पीछे बहुत अस्वस्थ हैं, और कोविड -19 के दौरान अत्यधिक असुरक्षित हैं, जिसमें 60 वर्षीय सुधा भारद्वाज भी शामिल हैं, जो पहले से ही फुफ्फुसीय तपेदिक, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, संधिशोथ से पीड़ित हैं। उनके दांत ऐसी स्थिति में हैं कि वह मुश्किल से ही खा पाती हैं। उनके बाल व वजन कम हो गया है और पिछले साल एक रिपोर्ट से पता चला कि वे एक्जेमिक हैं। 7 मई को टीका लगवाने के बाद, उन्हें तीन सप्ताह तक गंभीर दस्त, शरीर में कमजोरी, स्वादहीनता का सामना करना पड़ा। इस बीच, जेल अधिकारियों ने केवल एंटीबायोटिक्स ही दीं, जिसका उनकी स्थिति पर बहुत कम प्रभाव पड़ा।”
 
सीजेपी के पत्र में अधिवक्ता सुरेंद्र गाडलिंग के बिगड़ते स्वास्थ्य का भी उल्लेख है, जिन्हें उनकी पत्नी द्वारा चस्मा भेजने की कोशिश की गई जो कि उन्हें नहीं दिया गया था। जुलाई 2020 में, उन्होंने कोविड के लक्षण बताए। वे दस्त और अत्यधिक खांसी के बारे में चिंतित थे लेकिन उन्हें कोई दवा नहीं मिली। इसी तरह, महेश राउत को भी उनकी बहन द्वारा भेजा गया थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर नहीं मिला, क्योंकि जेल अधिकारियों ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। सीजेपी की पत्र याचिका जेल अधिकारियों की उदासीनता की ओर भी इशारा करती है जो अदालत के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं क्योंकि किसी भी परिवार को बीके -15 से 20 मिनट का वीडियो कॉल नहीं मिला है। ऑडियो कॉल के लिए, करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों ने अपेक्षित न्यूनतम -10 मिनट की कॉल के विपरीत केवल तीन से चार मिनट की कॉल का प्रबंधन किया है। यहां तक ​​कि अधिकारियों द्वारा छानबीन के बाद भी जेल के अंदर और बाहर एक महीने की देरी से पत्र आते हैं।
 
झारखंड जनाधिकार महासभा ने भी तलोजा जेल में बढ़ते कोविड मामलों की रिपोर्टों के बारे में चिंता व्यक्त की है, और आग्रह किया है कि "स्टेन को तुरंत एक अच्छे अस्पताल में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और पर्याप्त चिकित्सा उपचार दिया जाना चाहिए" क्योंकि वह "एक बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति हैं। उनका दूसरों के खिलाफ हिंसा का कोई इतिहास नहीं है।" आदिवासी समूहों, ग्राम सभाओं, नागरिक समाज, कई राजनीतिक नेताओं और दलों द्वारा पहले भी स्टेन स्वामी के समर्थन में आवाज उठाई गई है। महासभा ने कहा कि उन्हें जमानत मिलने की भी उम्मीद है।

साभार : सबरंग 

Jharkhand
Stan Swamy
Citizens for Justice and Peace
CJP

Related Stories

मोदी जी, देश का नाम रोशन करने वाले इन भारतीयों की अनदेखी क्यों, पंजाबी गायक की हत्या उठाती बड़े सवाल

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

एनआईए स्टेन स्वामी की प्रतिष्ठा या लोगों के दिलों में उनकी जगह को धूमिल नहीं कर सकती

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन
    30 May 2022
    "हमें तो पुलिस के किसी भी जांच पर भरोसा नहीं है। जब पुलिस वाले ही क़ातिल हैं तो पुलिसिया न्याय पर हम कैसे यकीन कर लें? सीबीआई जांच होती तो बेटी के क़ातिल जेल में होते। हमें डरे हुए हैं। "
  • एम.ओबैद
    मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 
    30 May 2022
    "हम लोगों को स्कूल में जितना काम करना पड़ता है। उस हिसाब से वेतन नहीं मिलता है। इतने पैसे में परिवार नहीं चलता है।"
  • अरुण कुमार
    गतिरोध से जूझ रही अर्थव्यवस्था: आपूर्ति में सुधार और मांग को बनाये रखने की ज़रूरत
    30 May 2022
    इस समय अर्थव्यवस्था गतिरोध का सामना कर रही है। सरकार की ओर से उठाये जाने वाले जिन क़दमों का ऐलान किया गया है, वह बस एक शुरुआत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस
    30 May 2022
    स्टूडेंट्स से प्रयोगात्मक परीक्षा में अवैध वसूली करने का कोई आदेश नहीं है। यह सुनते ही वह बिफर पड़े। नाराज होकर प्रबंधक ने पहले गाली-गलौच किया और बाद में जूते निकालकर मेरी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत
    30 May 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 17 हज़ार 698 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License