NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने आबे के उत्तराधिकारी के रूप में सुगा को प्रधानमंत्री चुना
पार्टी नेतृत्व के लिए आबे के मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहीडे सुगा के चुनाव को वर्तमान व्यवस्था के दक्षिण की ओर झुकाव को जारी रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
पीपल्स डिस्पैच
14 Sep 2020
जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने आबे के उत्तराधिकारी के रूप में सुगा को प्रधानमंत्री चुना

जापान की सत्तारूढ़ रूढ़िवादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शिंजो आबे के उत्तराधिकारी का सोमवार 14 सितंबर को चयन कर लिया है। एलडीपी नेतृत्व के वोट ने स्पष्ट विजेता के रूप में योशीहीडे सुगा को भारी अंतर से वापसी कर दी। सुगा ने पार्टी के मौजूदा सांसदों और प्रांतीय विधायकों द्वारा डाले गए मतों के चलते कुल 534 प्रतिनिधि मतों में से 377 मतों से जीत हासिल की जबकि उनके निकटतम दावेदार फुमियो किशिदा 79 मतों से बहुत पीछे थे।

आबे द्वारा तबीयत बिगड़ने का हवाला देते हुए 28 अगस्त को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद इस नेतृत्व के वोट की आवश्यकता थी। हालांकि पार्टी के सदस्यों के बीच स्पष्ट वोट के लिए आह्वान किया गया था। बड़े पैमाने पर आबे के समर्थक नेतृत्व ने क़रीबी नाम का चुनाव किया। इसने सुगा का सहयोग किया, जबकि उदारवादी और शांति समर्थक सिबेरु यिशिबा जो सर्वेक्षणों के अनुसार लगभग 1 मिलियन पार्टी के सदस्यों के बीच अधिक लोकप्रिय थे वे तीसरे स्थान पर रहे।

अपने अन्य दावेदारों के विपरीत सुगा एलडीपी के भीतर किसी भी बड़े धड़े से संबंधित नहीं है, जिससे उनके लिए नेतृत्व से समर्थन हासिल करना आसान हो गया है। 71 वर्षीय सुगा साल 2012 से आबे के अधीन मुख्य कैबिनेट सचिव के रूप में सेवा कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगी रहे हैं। 16 सितंबर को प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद उन्हें आबे की आर्थिक और विदेश नीति के अनुसरण करने की उम्मीद होगी।

पार्टी के किसी धड़े का हिस्सा नहीं होने के बावजूद आबे और एलडीपी के अधिकांश मंत्री और डाइट (राष्ट्रीय संसद) के सदस्य की तरह सुगा दक्षिणपंथी निप्पन कैगी के सदस्य हैं। निप्पन कैगी वामपंथी और स्त्री विरोधी एक समूह है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किए गए जापानी युद्ध अपराधों को हटाने के लिए इतिहास की पाठ्यपुस्तकों को संशोधित करने की वकालत करता है।

काफी हद तक आबे की तरह सुगा जापानी संविधान के अनुच्छेद 9 को हटाने के लिए निप्पन कैगी के आह्वान का भी समर्थन करते हैं जो स्टैंडिंग मिलिट्री को प्रतिबंधित करता है और जापान को युद्ध की घोषणा करने से रोकता है। अमनपसंद और प्रगतिशील समूहों ने अनुच्छेद 9 को हटाने के लिए आबे के प्रयासों का लंबे समय से विरोध किया है और साथ ही अपनी आधिकारिक सहयोगियों को शामिल करने के लिए "सेल्फ डिफेंस" क्लॉज की उनकी सरकार की पुनर्व्याख्या को लेकर भी विरोध किया है।

japan
Yoshihide Suga
Liberal Democratic Party election
Shinzo Abe
prime minister

Related Stories

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

जापान-अमेरिका की 'द्वीप श्रृंखला' से बढ़ेगी चीन और रूस की नाराज़गी

सुरक्षित ओलंपिक के लिये वायरस आपातकाल बढ़ायेगा जापान

प्रमुख विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से कहा: सभी स्रोतों से टीका खरीदा जाए, सेंट्रल विस्टा को रोका जाए

केंद्र ले मौजूदा कोरोना संकट की ज़िम्मेदारी, राज्यों के साथ साझेदारी की ज़रूरत : एआईपीएसएन

क्यों दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक साझेदारी यानी आरसीईपी में भारत शामिल नहीं हुआ?

भारत को चीन-विरोधी गठजोड़ में नहीं शामिल होना चाहिए

आबे के सत्ता से बाहर हो जाने के बाद मोदी अकेले क्यों पड़ गये हैं ?

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस्तीफ़ा देंगे


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License