NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कुरान की 26 आयतें हटाने की याचिका ख़ारिज, याचिकाकर्ता वसीम रिज़वी पर 50 हज़ार का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने कुरान की 26 आयातों को हटाने संबंधी याचिका को “बिलकुल तुच्छ’’ बताया। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे देश के संविधान तथा न्यायपालिका पर मुसलमानों का भरोसा और मजबूत होगा।
भाषा
12 Apr 2021
कुरान की 26 आयतें हटाने की याचिका ख़ारिज, याचिकाकर्ता वसीम रिज़वी पर 50 हज़ार का जुर्माना

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रमुख वसीम रिजवी की ओर से दायर एक याचिका को “बेहद ओछा” बताया जिसमें पाक कुरान से 26 आयतों को हटाने का अनुरोध किया गया था तथा 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाकर इसे खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुरान की 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं।

रिजवी ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि इस्लाम समानता, निष्पक्षता, माफ करने और सहनशीलता की अवधारणाओं पर आधारित है लेकिन पाक किताब की उक्त आयतों की चरम व्याख्याओं के कारण धर्म मूल सिद्धांतों से दूर जा रहा है।

रिजवी की याचिका पर व्यापक आक्रोश देखने को मिला जब कई मुस्लिम संगठनों और इस्लामी धर्म गुरुओं ने वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ प्रदर्शन किए।

पिछले महीने, बरेली में रिजवी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें उनपर शीर्ष अदालत में यह याचिका दायर कर मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया।

मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत

लखनऊ: मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कुरान से 26 आयतें हटाने की उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की याचिका को निरस्त कर उन पर जुर्माना लगाये जाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि इससे देश के संविधान तथा न्यायपालिका पर मुसलमानों का भरोसा और मजबूत होगा।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने 'भाषा' से बातचीत में कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले का ‘‘दिल की गहराइयों’’ से स्वागत करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस निर्णय से साबित हो गया है कि आज भी मुल्क में तमाम मजहबी कौमों और किताबों का किस कदर सम्मान किया जाता है। इस फैसले से कौम के अंदर देश के संविधान और न्यायपालिका को लेकर भरोसा और मजबूत होगा।’’ साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की, ‘‘कुरान पर उंगली उठाने वाले वसीम रिजवी को कानून सख्त सजा दे ताकि भविष्य में कोई किसी भी मजहबी किताब पर बेहूदा सवाल उठाने की जुर्रत न कर सके।’’ आल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, ‘‘वह हिन्दुस्तान के मुसलमानों को मुबारकबाद देना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा 'हमें अपनी न्यायपालिका पर भरोसा है कि वह आगे भी इसी तरह इंसाफ करती रहेगी ताकि भविष्य में कोई इस्लाम ही नहीं बल्कि किसी मजहब पर कोई उंगली न उठा सके।'

मजलिसे उलमा—ए—हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जव्वाद ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे भारतीय संविधान में मुसलमानों का विश्वास और मज़बूत होगा।

उन्होंने कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय से इसी तरह के सख्त रुख की उम्मीद थी।

मौलाना ने सरकार से वसीम रिजवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उन्हें भारत की शांति और अमन भंग करने के लिए जेल भेजने की मांग की।

Supreme Court
Quran
Islam
Muslim

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल


बाकी खबरें

  • भाषा
    अदालत ने कहा जहांगीरपुरी हिंसा रोकने में दिल्ली पुलिस ‘पूरी तरह विफल’
    09 May 2022
    अदालत ने कहा कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर हुए घटनाक्रम और दंगे रोकने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय प्रशासन की भूमिका की जांच किए जाने की आवश्यकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,207 नए मामले, 29 मरीज़ों की मौत 
    09 May 2022
    राज्यों में कोरोना जगह-जगह पर विस्पोट की तरह सामने आ रहा है | कोरोना ज़्यादातर शैक्षणिक संस्थानों में बच्चो को अपनी चपेट में ले रहा है |
  • Wheat
    सुबोध वर्मा
    क्या मोदी सरकार गेहूं संकट से निपट सकती है?
    09 May 2022
    मोदी युग में पहली बार गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई है और ख़रीद घट गई है, जिससे गेहूं का स्टॉक कम हो गया है और खाद्यान्न आधारित योजनाओं पर इसका असर पड़ रहा है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: एक निशान, अलग-अलग विधान, फिर भी नया इंडिया महान!
    09 May 2022
    क्या मोदी जी के राज में बग्गाओं की आज़ादी ही आज़ादी है, मेवाणियों की आज़ादी अपराध है? क्या देश में बग्गाओं के लिए अलग का़ानून है और मेवाणियों के लिए अलग क़ानून?
  • एम. के. भद्रकुमार
    सऊदी अरब के साथ अमेरिका की ज़ोर-ज़बरदस्ती की कूटनीति
    09 May 2022
    सीआईए प्रमुख का फ़ोन कॉल प्रिंस मोहम्मद के साथ मैत्रीपूर्ण बातचीत के लिए तो नहीं ही होगी, क्योंकि सऊदी चीन के बीआरआई का अहम साथी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License