NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
तेलंगाना आरटीसी की हड़ताल जारी, अब कर्मचारियों को राजनीतिक दलों  का भी समर्थन
सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी संगठनों की बेमियादी हड़ताल बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रही। हड़ताल के समर्थन में कर्मचारियों की विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों के नेताओं के साथ बैठक हुई। इसी के साथ सीपीएम ने ‘आरटीसी को बचाओ’ के नाम पर शहर में रैली निकाली।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Oct 2019
TSRTC workers strike

तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम के करीब 48 हजार कर्मचारियों के आंदोलन को सही ठहराते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं तथा सामाजिक संगठनों ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को कर्मचारियों के उठाये मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) यूनियन के नेताओं ने हैदराबाद प्रेस क्लब में विभिन्न राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों के नेताओं के साथ बैठक की।
बैठक में सीपीएम की तेलंगाना इकाई के सचिव टी वीरभद्रम, तेलंगाना जन समिति के प्रमुख कोडनडरम और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी चंद्र कुमार ने बैठक में भाग लिया।
बैठक में सहमति बनी कि आरटीसी के समर्थन में जल्द एक राज्य व्यापी बंद बुलाया जाएगा।
राजनीतिक दलों के अलावा केंद्रीय ट्रेड यूनियन, बैंक एम्प्लाइज़ यूनियन और शिक्षक संगठनों ने भी इस हड़ताल और बंद का समर्थन किया है।

आपको बता दें कि सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी संगठनों की बेमियादी हड़ताल बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों ने राज्य भर में कई जगहों पर प्रदर्शन किये।
तेलांगना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने हड़ताल को अवैध बताते हुए हड़ताली कर्मचारियों को ‘खुद ही बर्खास्त हुए’ बता दिया है।

अन्य दल कर्मचारियों के साथ आए हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम)  ने ‘आरटीसी को बचाओ’ के नाम पर शहर में रैली निकाली।
तेलंगाना भाजपा के विधान परिषद सदस्य रामचंद्र राव ने कहा कि सरकार को फायदे के लिए नहीं बल्कि सेवा के लिए काम करना चाहिए।
राव ने कहा, ‘‘सरकार कारोबार करने के लिए नहीं है। वह जन सेवा और जन कल्याण के लिए है। सरकार को यह बात दिमाग में रखनी चाहिए।’’
यह बिल्कुल सही है कि सार्वजानिक परिवहन सेवा मुनाफे के लिए नहीं बल्कि नागरिको के सुविधा के लिए होती है। लेकिन जो बीजेपी तेलंगाना में इसका विरोध कर रही है वही बीजेपी अन्य  राज्यों में जहाँ उसकी सत्ता है वहां सार्वजानिक परिवहन को निजी हाथो में बेचने की कोशिश लगातार कर रही है। हरियाणा, मुंबई सहित तमाम राज्यों में बीजेपी ने यह कोशिश की लेकिन श्रमिक संगठनों ने उन्हें काफी हद तक रोका है। यहाँ अच्छा है कि बीजेपी भी निजीकरण के खिलाफ संघर्ष में उतरी है, लेकिन इसे अधिकतर लोग राजनीती से अधिक कुछ नहीं कह रहे हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बीजेपी इसके विरोध में है तो इस पूरे मामले को नजरंदाज कर दिया जाए। श्रमिकों का संघर्ष बिल्कुल जायज है और जनता के हित  में है, अगर ऐसा नहीं होता तो निजीकरण का समर्थन करने वाली पार्टी कभी इसका विरोध नहीं करती।
तेलुगू देशम पार्टी के वरिष्ठ नेता रावुला चंद्रशेखर ने कहा कि आरटीसी के कुछ मार्गों का निजीकरण एक अनुचित विचार है और पहले एक बार ऐसा ही करने पर पूर्ववर्ती आंध्र प्रदेश के एक मुख्यमंत्री को पद छोड़ना पड़ा था।


निगम के 48 हजार कर्मचारियों के काम पर नहीं आने और सरकारी बसें सड़कों पर नहीं उतरने की वजह से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
हालांकि टीएसआरटीसी का कहना है कि उसने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कदम उठाये हैं और बसों समेत 11 हजार वाहनों की व्यवस्था होने से उन्हें परेशानी नहीं आई।
टीएसआरटीसी के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के सदस्यों ने आरटीसी का सरकार में विलय करने, अनेक पदों पर भर्ती करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर निगम की संयुक्त कार्य समिति के आह्वान पर तेलंगाना राज्य में पांच अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी।
हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया था कि किसी भी परिस्थिति में आरटीसी का सरकार में विलय नहीं किया जाएगा।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

 

TRS
TRS GOVT
TSRTC
Telangana State Road Transport Corporation
K Chandrasekar Rao
CPM
TDP
CITU
Workers Strike

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

दिल्ली: बर्ख़ास्त किए गए आंगनवाड़ी कर्मियों की बहाली के लिए सीटू की यूनियन ने किया प्रदर्शन

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी

झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!


बाकी खबरें

  • श्रुति एमडी
    किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप
    18 May 2022
    खनन की अनुमति 3 फ़ीट तक कि थी मगर 20-30 फ़ीट तक खनन किया जा रहा है।
  • मुबाशिर नाइक, इरशाद हुसैन
    कश्मीर: कम मांग और युवा पीढ़ी में कम रूचि के चलते लकड़ी पर नक्काशी के काम में गिरावट
    18 May 2022
    स्थानीय कारीगरों को उम्मीद है कि यूनेस्को की 2021 की शिल्प एवं लोककला की सूची में श्रीनगर के जुड़ने से पुरानी कला को पुनर्जीवित होने में मदद मिलेगी। 
  • nato
    न्यूज़क्लिक टीम
    फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने
    17 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के विस्तार के रूप में फिनलैंड-स्वीडन के नेटो को शामिल होने और तुर्की के इसका विरोध करने के पीछे के दांव पर न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सोनिया यादव
    मैरिटल रेप : दिल्ली हाई कोर्ट के बंटे हुए फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, क्या अब ख़त्म होगा न्याय का इंतज़ार!
    17 May 2022
    देश में मैरिटल रेप को अपराध मानने की मांग लंबे समय से है। ऐसे में अब समाज से वैवाहिक बलात्कार जैसी कुरीति को हटाने के लिए सर्वोच्च अदालत ही अब एकमात्र उम्मीद नज़र आती है।
  • ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    विजय विनीत
    ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद
    17 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने की। कोर्ट ने कथित शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित रखने और नमाज़ जारी रखने के आदेश दिये हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License