NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
तमिलनाडु में कावेरी विवाद तेज़, किसानों ने नदी किनारे ख़ुद को गर्दन तक दफ़न किया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने तीन महीने का और वक़्त मांगा। केंद्र सरकार की अपील से किसानों का होगा नुकसान।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Apr 2018
farmers protest

तमिलनाडु में कावेरी विवाद तेज़ हो गया है। राज्य की विपक्षी दलों ने 6 अप्रैल को बंद बुलाया था जिसके बाद वहां जन-जीवन असामान्य हो गया था। नेताओं ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की तुरंत मांग की। राज्यव्यापी बंद में किसान शामिल हुए। विरोध करते हुए त्रिची में किसानों ने खुद को गर्दन तक पूरा शरीर कावेरी नदी के किनारे रेत के भीतर दफ़न कर दिया था। 7 अप्रैल को मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के नेतृत्व में नौ राजनीतिक दलों ने राज्य भर के कावेरी बेसिन वाले ज़िलों में रैली शुरू किया है जिसके बाद आंदोलन तेज़ होता जा रहा है।

ज्ञात हो कि 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद कावेरी जल बंटवारा विवाद पर फैसला सुनाया था जिसमें चार राज्यों को उनके वार्षिक शेयर - तमिलनाडु - 404.25 टीएमसीएफटी, कर्नाटक - 284.75 टीएमसीएफटी, केरल - 30 टीएमसीएफटी और पुडुचेरी - 7 टीएमसीएफटी दिए जाने का फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार को तीन सप्ताह के भीतर इस फैसले के कार्यान्वयन के लिए एक "योजना" बनाने का निर्देश दिया था। तब से, तमिलनाडु के किसान और नेता केंद्र सरकार से इस फैसले के अनुसार कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं और एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने की मांग कर रहे हैं जो प्रभावी रूप से अदालत के अंतिम आदेश को लागू करे। हालांकि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस मामले का निपटारा करने में देरी की और जब निर्दिष्ट समय समाप्त हो गया तब केंद्र ने अदालत से उसके फैसले में कुछ स्पष्टीकरण के लिए दरवाजा खटखटाया और अदालत के आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय मांगा। दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने अदालत का आदेश न लागू करने को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ एक 'अवमानना' याचिका दायर किया। सर्वोच्च न्यायालय ने अवमानना याचिका को स्वीकार कर लिया है और अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होना निर्धारित है।

इस अवमानना याचिका में तमिलनाडु सरकार ने केंद्र पर "किसानों के हितों और राज्य के व्यापक हितों की रक्षा" करने से इनकार करने का आरोप लगाया है और सर्वोच्च न्यायालय से अपील किया है कि अदालत का आदेश तुरंत लागू कराया जाए। हालांकि, इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में की गई अपील से ज़ाहिर होता है कि ये विवाद जल्द ख़त्म होने वाला नहीं है।

केंद्र सरकार ने दावा किया कि चार राज्य - तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी- का इस 'योजना' के तैयार करने को लेकर अलग विचाार थे, जो कि वास्तव में यह मामला नहीं है। केवल कर्नाटक ने केंद्र को सुझाव दिया था कि योजना किस तरह तैयार किया जाना चाहिए। शेष तीन राज्य सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अमल करना चाहते थे।

इस 'योजना' के लागू करने के लिए तीन महीने की विस्तारित समय सीमा की अपील करते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि इस साल मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसके कारण तमिलनाडु के किसानों के हितों से समझौता नहीं होगा। देर होने के चलते यहां के किसानों पर एक और फसल के नुकसान का ख़तरा बना हुआ है।

कावेरी विवाद
कावेरी नदी
तमिलनाडु
किसान विरोधी

Related Stories

तूतीकोरीन : आंदोलनकारियों की आवाज़ दबाना चाहती है सरकार ?

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई): इतने वर्षों बाद भी क्या हम इसके उद्देश्यों को पूरा कर पाए?

झारखंडः क्या 'पकरी बरवाडीह कोयला भंडार' की स्थिति तुतीकोरिन जैसी होगी?

वेदांता की सहायक कंपनी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर पुलिस फायरिंग से 11 लोगों की मौत

चेन्नई में SC/ST Act को कमज़ोर बनाये जाने के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन

तमिलनाडु क्यों कावेरी प्रबंधन बोर्ड चाहता है

तमिलनाडु के विपक्षी दलों ने 'राम राज्य रथ यात्रा’ को अनुमति देने का विरोध किया

कावेरी जल विवाद : सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के पानी में कटौती की

मध्य प्रदेश में एक अराजनीतिक हुड़दंग


बाकी खबरें

  • वी. श्रीधर
    आर्थिक रिकवरी के वहम का शिकार है मोदी सरकार
    03 Jun 2022
    सकल घरेलू उत्पाद के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी से बहुत दूर है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 
    03 Jun 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,041 नए मामले सामने आए हैं। देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 21 हज़ार 177 हो गयी है।
  • mundka
    न्यूज़क्लिक टीम
    मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'
    02 Jun 2022
    देश की राजधानी दिल्ली के पश्चिम इलाके के मुंडका गाँव में तीन मंजिला इमारत में पिछले महीने हुई आग की घटना पर गुरुवार को शहर के ट्रेड यूनियन मंच ने श्रमिकों की असमय मौत के लिए जिम्मेदार मालिक,…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग
    02 Jun 2022
    दिल्ली में मुंडका जैसी आग की ख़तरनाक घटनाओं के ख़िलाफ़ सेंट्रल ट्रेड यूनियन के संयुक्त मंच दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया।
  • bjp
    न्यूज़क्लिक टीम
    बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !
    02 Jun 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे में आज अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं बीजेपी सरकार जिस तरह बॉलीवुड का इस्तेमाल कर रही है, उससे क्या वे अपना एजेंडा सेट करने की कोशिश कर रहे हैं?
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License