NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
तमिलनाडु : श्मशाम घाट के रास्ते में दबंग जातियों का गाँव, दलित का शव ले जाने से रोका   
तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में एक दलित व्यक्ति के शव को पुल के रास्ते से जाने नहीं दिया गया। दलित समुदाय के लोगों ने मृतक शरीर को रस्सी की मदद से पुल से नीचे उतारा और तब श्मशान घाट तक ले गए। इस इलाके में दलित शव के साथ हुई यह पहली घटना नहीं है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Aug 2019
dalit death
Image Courtesy : The News Minute

भारत में जातिगत भेदभाव की एक और घृणित घटना सामने आयी है। तमिलनाडु के वेल्लोर जिले में एक दलित व्यक्ति के शव को पुल के रास्ते से जाने नहीं दिया गया। दलित समुदाय के लोगों ने एक मृतक शरीर को रस्सी की मदद से पुल से नीचे उतारा। नीचे बांस का पालना था। पालने पर मृतक के शव को रखा। उसके बाद श्मशान घाट तक ले गए। ऐसा केवल इसलिए किया गया क्योंकि श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ता दो दबंग जातियों के गाँव से होकर जाता था। और दंबंग जाति के लोगों ने शमशान घाट तक जाने का रास्ता नहीं दिया था। 

द न्यूज मिनट तहत यह कहानी तब सामने आई, जब 17 अगस्त को नारायणपुरम गाँव में एक 20 फीट ऊंचे पुल से नीचे की ज़मीन पर शव नीचे गिरा रहे मर्दों के एक समूह का ऑनलाइन वीडियो सामने आया, जिसके बाद शव को वहाँ से श्मशान ले जाया गया। शव नारायणपुरम दलित कॉलोनी से संबंधित 55 वर्षीय कुप्पन का था, जिनकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

कुप्पन के भतीजे विजय ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, " शनिवार को, जब हमने अपने चाचा के शव को पुल की पट्टियों के माध्यम से ले जाने की कोशिश की तो पहरेदारों ने हमें प्रवेश देने से इंकार कर दिया। झड़प के डर से, ग्रामीणों ने पुल से शव को गिराने के लिए एक पालने का इस्तेमाल किया और उसका अंतिम संस्कार किया। ”

रिपोर्ट के मुताबिक नदी की ओर जाने वाली जमीन या रास्तों को अरासंतपुरम-नारायणपुरम पुल बनने के बाद प्रमुख जातियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। ग्रामीणों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि गाँव के दलित समुदाय के लोगों को ऐसा करना पड़ा है। उन्होंने इससे पहले भी ऐसा कई बार किया है।  

कुप्पन के भतीजे ने न्यूज़मिनट को बताया कि वे पिछले 20 सालों से श्मशान घाट तक पहुँचने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। दबंग जाति के लोग जमीन के मालिक हैं और हमें लाशों के साथ जाने नहीं देते हैं। हिन्दू जातियों का अलग शमशान घाट है, जिसे हमें इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता है। पुल बनने के 15 साल पहले, हम मृतक शवों को पानी में छोड़ देते थे। लेकिन अब हमें  दाह संस्कार करने के लिए पुल से नीचे उतरना पड़ता है। हमने कई जिला अधिकारियों से अपील की है कि वह हमारी मदद करें, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 

इस बीच तिरुपतपुर के उपजिलाधिकारी प्रियंका पंकजम ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि हमें इस घटना के बारें में बुधवार शाम को ही पता चला, इस घटना की जांच का आदेश दे दिया गया है। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।

tamil nadu
Dalits
upper caste
lower caste
caste discrimination
inequality
Attack on dalits

Related Stories

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

बागपत: भड़ल गांव में दलितों की चमड़ा इकाइयों पर चला बुलडोज़र, मुआवज़ा और कार्रवाई की मांग

दलित किशोर की पिटाई व पैर चटवाने का वीडियो आया सामने, आठ आरोपी गिरफ्तार

यूपी: प्रयागराज सामूहिक हत्याकांड में पुलिस की जांच पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

यूपी: प्रयागराज हत्या और बलात्कार कांड ने प्रदेश में दलितों-महिलाओं की सुरक्षा पर फिर उठाए सवाल!

जंगलराज: प्रयागराज के गोहरी गांव में दलित परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या

पड़ताल: जौनपुर में 3 दलित लड़कियों की मौत बनी मिस्ट्री, पुलिस, प्रशासन और सरकार सभी कठघरे में

राजस्थान में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, तमिलनाडु में चाकू से हमला कर ली जान

बिजनौर: क्या राष्ट्रीय स्तर की होनहार खिलाड़ी को चुकानी पड़ी दलित-महिला होने की क़ीमत?

महाराष्ट्र: ‘काला जादू’ के शक में 7 दलितों की पिटाई, 70 साल के बुजुर्ग को भी नहीं छोड़ा


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License