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राजनीति
तमिलनाडु : पीएसयू कामगारों ने एकतरफा बोनस-घोषणा का विरोध किया
सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों ने 25 फीसद बोनस की मांग की थी।
नीलाबंरन ए
28 Oct 2021
Tamil Nadu PSU Workers Protest

तमिलनाडु की द्रमुक सरकार द्वारा राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए फेस्टिवल बोनस की एकतरफा घोषणा ने कर्मचारियों को रंज कर दिया है। इस घोषणा के तहत परिवहन, बिजली, विपणन निगम, मेट्रो, पानी और चाय बागान निगम में काम करने वाले वर्ग सी और डी के लगभग 2.87 लाख कमर्चारियों को 8.33 फीसदी बोनस और 1.67 फीसदी अनुग्रह राशि दी जाएगी। 

परिवहन, बिजली और विपणन निगम की ट्रेड यूनियनों ने राज्य सरकार की घोषणा की निंदा करते हुए तुरंत विरोध प्रदर्शन किया और 25 फीसदी बोनस की मांग की। हालांकि ट्रेड यूनियनों ने आने वाले त्योहारी सीजन को देखते हुए हड़ताल करने से परहेज किया। 

परिवहन कर्मियों का विरोध 

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा बोनस की घोषणा करने के एक दिन बाद, तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) के कर्मचारियों ने 25 अक्टूबर को तड़के राज्य भर में सभी बस डिपो पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सार्वजनिक परिवहन सेवाएं ठप हो गईं। 

“सभी कार्यकर्ताओं ने अपने राजनीतिक और ट्रेड यूनियन संबद्धता के परे जाकर राज्य सरकार के फैसले का एकमुश्त विरोध किया है। पिछली अन्नाद्रमुक सरकार की तरह, मौजूदा द्रमुक सरकार ने भी बोनस देने के पहले इस विषय में ट्रेड यूनियनों के साथ कोई बातचीत नहीं की,”टीएनएसटीसी कर्मचारी संघ के महासचिव अरुमुगा नैनार ने कहा, जो भारतीय ट्रेड यूनियनों के केंद्र (सीटू) से संबद्ध हैं। 

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन सेंटर, अन्नाद्रमुक के अन्ना थोझिल सांगा पेरवई, हिंद मजदूर सभा और अन्य ट्रेड यूनियनों ने भी सरकार की घोषणा का विरोध किया है। 

परिवहनकर्मियों ने 25 अक्टूबर की तड़के बस डिपो में प्रदर्शन किया। 

डीएमके ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 1998 में डीएमके सरकार द्वारा लागू की गई पेंशन योजना को बहाल करने का वादा किया था, जिसे 2003  में अन्नाद्रमुक ने वापस ले लिया था। नैनार ने कहा, "कर्मचारी सूबे की नई द्रमुक सरकार से अपने चुनावी घोषणापत्र के अनुसार समाधान की उम्मीद कर रहे थे,लेकिन अब वे इसके कार्यों से खुद को निराश महसूस करते हैं।" 

टैंजेडको ने भी घोषणा की निंदा की 

तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन (TANGEDCO) के कर्मचारियों ने ठेके के कामगारों को बोनस का लाभ न दिए जाने की आलोचना की है। तमिलनाडु बिजली कर्मचारियों के केंद्रीय संगठन (सीओटीईई) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "राज्य सरकार ने ट्रेड यूनियनों से परामर्श किए बिना 10 फीसदी बोनस की घोषणा कर दी है।" TANGEDCO में ट्रेड यूनियनों की समन्वय समिति ने 25 फीसदी बोनस की मांग करते हुए 25 अक्टूबर को चेन्नई में विरोध प्रदर्शन किया था।

टैंजेडकोकर्मियों ने कॉरपोरेशन के चेन्नई स्थित मुख्यालय सहित पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया। 

“मजदूरों ने कोरोना महामारी को देखते हुए 20 फीसदी का बोनस स्वीकार किया था लेकिन जीवित रहने की लागत के साथ 10 फीसदी बोनस तो बहुत कम है," सीओटीईई के अध्यक्ष जयशंकर ने न्यूज़क्लिक को बताया। 

अन्नाद्रमुक और द्रमुक 'कोई अंतर नहीं'

राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों को 1993 से 20 फीसदी बोनस का भुगतान किया जा रहा था, लेकिन 2001 में तत्कालीन जे जयललिता द्वारा इसे घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया था। 

नैनार ने कहा, “उसी सरकार को परिवहन कर्मचारियों द्वारा लंबी हड़ताल के बाद 20 फीसदी बोनस बहाल करना पड़ा था। पूर्व की अन्नाद्रमुक सरकार ने 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन का हवाला दिया और बोनस को घटाकर 10 फीसदी कर दिया। नई द्रमुक सरकार भी श्रमिकों के मुद्दों पर पिछली सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है।”

परिवहन एक के बाद एक सरकारों की नीतियों से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है। अगस्त 2019 से वेतन संशोधन वार्ता में सरकार देरी हो रही है। पिछले वर्षों में श्रमिकों ने वेतन संशोधन और श्रमिकों के नियमितीकरण की मांग को लेकर कई विरोध-प्रदर्शन किए थे। तब की सरकारों ने पीएसयू को हुए नुकसान को बोनस घटाने की वजह बताया था, लेकिन नैनार ने कहा कि 'महत्त्वपूर्ण सेवाओं को बोझ नहीं समझना चाहिए।”.

अंग्रेजी में मूल रूप से प्रकाशित लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

Tamil Nadu PSU Workers Protest Unilateral Bonus Announcement

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Tamil Nadu Transport Workers
TANGEDCO
Bonus Announcement
DMK Government
AIADMK
CITU
COTEE
AITUC
ATP
Diwali Bonus
DMK Manifesto

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