देश में हर रोज़ हो रहीं घटनाओं के बीच बहुत सी ख़बरें आगे-पीछे हो जाती हैं। ख़बरों के इस राउंड-अप में पुरानी ताजी ख़बरों को एक साथ बताया गया है। जिसमें आर्थिक-राजनीतिक सब तरह की ख़बरें हैं।
सुब्ह-ए-बनारस में सूरज की लालिमा के साथ अपनी सांसों को आवाज़ बनाकर शहनाई के जरिए रंग भरने वाले बिस्मिल्लाह खां को गंगा का किनारा आज भी ढूंढता है। बनारस में जो नदी आठों पहर अमनपसंद लोगों का पांव पखारती…
अब यह तो विपक्ष वालों की सरासर बेईमानी है कि पीएम जी के संदेश में से थैंक्यू को छोडक़र, ‘जिंदा लौट आया’ को ही पकडक़र बैठ गए हैं।… और प्लीज, पीएम जी की नहीं हुई सभा में खाली कुर्सियों के ताने मारना बंद…
गोरख पाण्डेय ने 43 साल पहले देश के हाकिमों से पूछा था कि “किस चीज़ से डरते हैं वे/तमाम धन-दौलत/ गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज के बावजूद?”, आज भी ये सवाल मौज़ू है और साथ ही उसका जवाब भी।