NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
दिल्ली: डीयू के शिक्षकों का हल्ला बोल, मुख्यमंत्री आवास तक मार्च
शिक्षकों ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार मोदी सरकार के साथ मिलकर उच्च शिक्षा को तबाह कर रही है। शिक्षकों ने समय पर वेतन और कॉलेजों की आज़ादी बरकरार रखने की मांग की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Mar 2021
दिल्ली: डीयू के शिक्षकों का हल्ला बोल, मुख्यमंत्री आवास तक मार्च

दिल्ली विश्वविद्यालय के हज़ारों शिक्षकों ने हड़ताल के बाद आज यानी 15 मार्च को डीयू कुलपति कार्यालय से दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास तक मार्च किया। इस मार्च का आह्वान दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने किया था। शिक्षकों ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार मोदी सरकार के साथ मिलकर उच्च शिक्षा को तबाह कर रही है।

आपको बता दें कि डूटा ने 11 मार्च को 12 कॉलेजों के शिक्षकों को समय पर वेतन न मिलने के विरोध में डीयू शटडाउन कर अपना विरोध ज़ाहिर किया था। जिसके बाद शुक्रवार, 12 मार्च को दिल्ली सरकार के डायरेक्टरेट ऑफ़ higher एजुकेशन (D.O.H.E) ने 12 कॉलेजों के लिए फ़ंड जारी किया। हालांकि शिक्षक इसे नाकाफ़ी बता रहे हैं और सरकार से पूरा फंड रिलीज़ करने की मांग कर रहे हैं।

न्यूज़क्लिक से बात करते हुए DUTA की कोषाध्यक्ष आभा देव हबीब ने कहा, "कॉलेजों को 15-16 महीनों से समय पर वेतन और पेंशन के लिए अनुदान नहीं मिल रहा है। शिक्षकों को महीनों तक वेतन नहीं मिलता है, और जब हम विरोध करते हैं, तब दिल्ली सरकार कुछ फंड जारी करती है, जैसे वे हमारे ऊपर कोई एहसान कर रहे हैं।" आभा ने कहा कि शुक्रवार को जारी की गई राशि पर्याप्त नहीं है, कुछ कॉलेज जैसे कि भगिनी निवेदिता कॉलेज को अभी भी कोई अनुदान नहीं मिला है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध 12 कॉलेज आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, डॉ. भीमराव आम्बेडकर कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वुमेन और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज हैं। इन कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों के समाने पिछले काफी समय से  वेतन का संकट है।

विरोध रैली को संबोधित करते हुए, DUTA के अध्यक्ष राजीव रे ने दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर दिल्ली सरकार हमारे खिलाफ नीतियां बनाती है, तो हम निश्चित रूप से अपनी आवाज उठाएंगे। हम यहां अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। हम अनुचित कुछ भी नहीं मांग रहे हैं। हम शिक्षा प्रणाली को बचाने के लिए लड़ रहे हैं, और हम इस लड़ाई को जीतेंगे।"

DUTA की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण ने न्यूज़क्लिक को बताया , "दिल्ली सरकार ने लोकतांत्रिक होने का दिखावा किया, लेकिन अब उनका ढोंग नहीं चलेगा। केंद्र सरकार की तरह, वे भी उच्च शिक्षा का निजीकरण करना चाहते हैं, ये हमे स्वीकार्य नहीं हैं। लेकिन उन्हें क्या याद रखना चाहिए, वह यह है कि वे यह कोशिश करने वाली पहली सरकार नहीं हैं। हमने इसे पहले कभी नहीं होने दिया, और अब भी हम इसे नहीं होने देंगे। "

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, भूपिंदर चौधरी ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "दिल्ली सरकार इन 12 कॉलेजों पर पूर्ण नियंत्रण रखना चाहती है और उन्हें विश्वविद्यालय से अलग करना चाहती है। इन कॉलेजों के लिए अनुदान केजरीवाल सरकार से आता है, लेकिन वे उनके शासन में नहीं हैं। अब, राज्य सरकार नए अध्यादेशों और नीतियों को बनाने की कोशिश कर रही है, जिनका पालन इन कॉलेजों को करना होगा, जो किसी को भी स्वीकार्य नहीं है।"

मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने बैरिकेड लगाकर मार्च रोक दिया। जिसके बाद हजारों शिक्षक वही सड़क पर बैठकर अपना विरोध करने लगे और दिल्ली सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी शुरू कर दी। जिसके बाद पांच सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर सीएम के आवास पर गया और अपना मांग पत्र सौंपा।

इसके साथ ही डूटा ने दिल्ली सरकार से आग्रह किया है कि वह कॉलेज के साथ हो रहे गतिरोध को समाप्त करे। डूटा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने वेतन के तहत 82.79 करोड़ रुपये के अलावा 9.50 करोड़ रुपये की राशि जारी की लेकिन भगनी निवेदिता कॉलेज को कोई अनुदान नहीं मिला है। हैरान करने वाली बात यह है कि इन बारह कॉलेजों को दिल्ली के एनसीटी के उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी किए गए पैटर्न ऑफ असिस्टेंस नामक एक दस्तावेज को अपने शासी निकाय में अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। डूटा मांग करता है कि दिल्ली सरकार इन 12 संस्थानों के सार्वजनिक चरित्र को बनाए रखने के हित में इन नए दिशानिर्देशों को वापस ले। डूटा ने इस संबंध में डीयू कुलपति को भी एक पत्र लिखा है। जिसमें इस गतिरोध को समाप्त करने का आग्रह किया है।

delhi government
Arvind Kejriwal
DUTA protest
Delhi University Teachers Protest
DU Protest
Salary Release
Release of Grants for Colleges

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई

आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों ने क्यों कर रखा है आप और भाजपा की "नाक में दम”?

आंगनवाड़ी की महिलाएं बार-बार सड़कों पर उतरने को क्यों हैं मजबूर?

DTC ठेका कर्मचारियों ने अभियान चलाकर केजरीवाल सरकार को दी चेतावनी, 'शवयात्रा' भी निकाली

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

डीयू कैंपस खोलने की मांग और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विरोध में छात्र-शिक्षकों का प्रदर्शन

दिल्ली: ऐक्टू ने किया निर्माण मज़दूरों के सवालों पर प्रदर्शन

दिल्ली सरकार के विश्वविद्यालय के सफ़ाई कर्मचारियों ने कपड़े उतार कर मुख्यमंत्री आवास पर किया प्रदर्शन!


बाकी खबरें

  • protest
    न्यूज़क्लिक टीम
    दक्षिणी गुजरात में सिंचाई परियोजना के लिए आदिवासियों का विस्थापन
    22 May 2022
    गुजरात के दक्षिणी हिस्से वलसाड, नवसारी, डांग जिलों में बहुत से लोग विस्थापन के भय में जी रहे हैं। विवादास्पद पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। लेकिन इसे पूरी तरह से…
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: 2047 की बात है
    22 May 2022
    अब सुनते हैं कि जीएसटी काउंसिल ने सरकार जी के बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए सांस लेने पर भी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया है।
  • विजय विनीत
    बनारस में ये हैं इंसानियत की भाषा सिखाने वाले मज़हबी मरकज़
    22 May 2022
    बनारस का संकटमोचन मंदिर ऐसा धार्मिक स्थल है जो गंगा-जमुनी तहज़ीब को जिंदा रखने के लिए हमेशा नई गाथा लिखता रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश करने वाले इस मंदिर में हर साल गीत-संगीत की…
  • संजय रॉय
    महंगाई की मार मजदूरी कर पेट भरने वालों पर सबसे ज्यादा 
    22 May 2022
    पेट्रोलियम उत्पादों पर हर प्रकार के केंद्रीय उपकरों को हटा देने और सरकार के इस कथन को खारिज करने यही सबसे उचित समय है कि अमीरों की तुलना में गरीबों को उच्चतर कीमतों से कम नुकसान होता है।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: महंगाई, बेकारी भुलाओ, मस्जिद से मंदिर निकलवाओ! 
    21 May 2022
    अठारह घंटे से बढ़ाकर अब से दिन में बीस-बीस घंटा लगाएंगेे, तब कहीं जाकर 2025 में मोदी जी नये इंडिया का उद्ïघाटन कर पाएंगे। तब तक महंगाई, बेकारी वगैरह का शोर मचाकर, जो इस साधना में बाधा डालते पाए…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License