NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
सत्यवादी मोदी जी और उनके ऐतिहासिक ‘सच’!
तिरछी नज़र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी झूठ बोल कर सत्य को प्रतिष्ठा दिलावाते हैं। इसीलिए मैं मोदी जी से खुश हूं।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
29 Dec 2019
modi
फोटो साभार : Livemint

आख़िर प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली में चुनावी बिगुल बजा ही दिया। रामलीला मैदान में हुई उस रैली में प्रधानमंत्री जी ने बताया कि 2014 से आज तक उनकी सरकार में एनआरसी के बारे में चर्चा नहीं हुई। प्रधानमंत्री जी ने कुछ और बातें अवश्य कीं पर मीडिया में सबसे अधिक चर्चा इसी बात की हुई। सारे समाचार पत्रों, ख़बरिया चैनलों ने कहा कि मोदी जी ने कहा है कि एनआरसी लागू ही नहीं किया जा रहा है। रैली में मोदी जी ने बताया कि एनआरसी के बारे में उनकी सरकार में कोई बात तक नहीं हुई है।

logo tirchhi nazar_11.PNG

वैसे मोदी जी बहुत ही सच्चे हैं। हमेशा सच ही बोलते हैं। चुनावी सभाओं में तो विशेष रूप से हमेशा और हरदम सच ही बोलते हैं। चुनावी सभाओं में बार बार इतना सच बोलते हैं कि लोग महीनों-सालों तक उस सच का जिक्र करते रहते हैं।

चुनावों में उन्हें सिर्फ जनता को खुश करने की चिंता रहती है। इसलिए चुनाव में वे सिर्फ जनता को खुश करने के लिए बोलते हैं। मोदी जी जानते हैं कि जो कानों को अच्छा लगता है, मन को अच्छा लगता है, वही सच होता है। वे बिहार की जनता को खुश करने के लिए, चुनाव जीतने के लिए, तक्षशिला को बिहार में बता अपने भूगोल ज्ञान का सच बता देते हैं। उसी चुनाव में अपने इतिहास ज्ञान का सच मोदी जी तब बता रहे होते हैं जब वे, बिहार की जनता को बताते हैं कि सिकंदर-पोरस युद्ध बिहार में हुआ था।

सच्ची बात यह है कि मोदी जी सदा सच ही बोलते हैं और सच के सिवाय कुछ नहीं बोलते हैं। जब वे झूठ बोलते भी हैं तो भी सच को बाहर निकलवाने के लिए ही बोलते हैं। अब बताओ, भगत सिंह को फांसी लगे कोई नब्बे साल बीत चुके हैं पर मोदी जी के सिवाय किसी के भी दिमाग में यह प्रश्न आया क्या कि भगत सिंह से मिलने कोई भी कांग्रेसी जेल गया था या नहीं। नहीं आया न। सिर्फ मोदी जी के दिमाग में ही यह प्रश्न आया और उन्होंने यही प्रश्न जनता के सामने उठाया।

मोदी जी ने यह प्रश्न सिर्फ इसलिए उठाया कि उससे सच सामने आये। कुछ लोग जो बस बाल की खाल निकालना जानते हैं, उन्होंने उस काल के अखबार निकाल डाले। मोदी जी की बात से लोगों को पता चल गया कि नेहरू जेल में भगत सिंह से मिल कर आये थे। उनकी दशा के बारे में नेहरू ने ट्रिब्यून अखबार में चिंता भी प्रकट की थी। हालांकि यह अभी तक पता नहीं चला है कि कोई संघी भगत सिंह से मिल कर आया था या नहीं। प्रधानमंत्री जी ने इस बारे में सच भी बोला ही नहीं है।

अब दिल्ली में हाल की रैली की बात लीजिए। मोदी जी चुनावी रैलियों में जुमले भी फेंकते हैं। 2014 की चुनाव रैलियों में वे हर एक के खाते में पंद्रह लाख आने की बात कर रहे थे। लोग तो सच ही मान बैठे थे। लोगों को तब और भी अधिक यकीन हो गया जब लोगों से जबरदस्ती जनधन खाते खुलवाया गये। लोगों को लगा कि अब तो पंद्रह लाख आये ही आये। पर अमित शाह ने लोगों को बता दिया कि वह पंद्रह लाख रुपये उनके खाते में आने वाली बात तो चुनावी जुमला थी। पर वे सारे के सारे पैसे तो भाजपा के खाते में आ गये थे। लोगों के खाते में पैसे न आने थे, न आये और न आयेंगे।

पर बात तो हम अभी हाल में ही दिल्ली में हुई मोदी जी की चुनावी रैली की कर रहे थे। क्या करें, बात में से ही बात निकलती जा रही है। इस रैली की बात करें तो पुरानी रैलियों की बात निकल आती है। दिल्ली की रैली में मोदी जी ने कहा कि एनआरसी के बारे में तो कोई बात ही नहीं हुई है, न ही विचार विमर्श किया गया है और न ही कोई निश्चय। पर अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष के रूप में भी और गृहमंत्री के रूप में भी, बिना प्रधानमंत्री जी की मर्जी के, बार बार पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए कह चुके हैं। 

आप कहेंगे कि मोदी जी ने इस बार भी, दिल्ली की रैली में भी, झूठ ही बोला। और मैं हूं कि उनके सत्यवादी होने के गुण गा रहा हूं। मैं तो सिर्फ इतना कह रहा हूं कि मोदी जी सिर्फ सच को उगलवाने के लिए झूठ बोलते हैं। दिल्ली में भी मोदी जी झूठ इस लिए बोले कि उनके झूठ बोलने से सच बाहर आ जाये।

मोदी जी ने दिल्ली की धन्यवाद रैली में सिर्फ और सिर्फ इसलिये झूठ बोला जिससे कि असलियत सामने आ जाये। अब जैसे ही मोदी जी ने बताया कि उनकी सरकार ने एनआरसी के बारे में चर्चा तक नहीं की है, सारे लोग अमित शाह के पुराने वीडियो सामने ले कर आ गये। अमित शाह ने दसियों बार कहा है कि एनआरसी लागू होगा और पूरे देश में लागू होगा। अमित शाह ने तो एक कार्यक्रम में लागू होने का क्रम भी बता दिया, कि पहले सीएए और फिर एनआरसी।

अमित शाह यह भी बता चुके हैं कि 2024 तक पूरे देश में एनआरसी लागू कर दिया जायेगा। अमित शाह ने तो संसद तक में बोल दिया कि सरकार एनआरसी लागू करेगी। और सरकार के मुखिया, राष्ट्रपति जी ने भी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए, मोदी सरकार द्वारा लिखित भाषण पढ़ते हुए, कह दिया कि उनकी सरकार एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। पर आप चिंता न करें। मौका आने पर अमित शाह मोदीजी की दिल्ली रैली की बात को भी चुनावी जुमला बता देंगे।

आप कहेंगे कि मोदी जी झूठ पर झूठ बोलते हैं और बेझिझक बोलते हैं और मैं हूं कि उनकी सच्चाई का कायल हो रहा हूं। एक अध्ययन के अनुसार राष्ट्रपति ट्रम्प ने 993 दिन में 13,435 बार झूठ बोला। पर हमारे यहां तो कोई ऐसा अध्ययन ही नहीं हुआ। अगर हुआ होता तो मोदी जी अवश्य ही ट्रम्प से आगे निकल चुके होते। तब मेरी खुशी दुगुनी होती।

मैं मोदी जी की तुलना सत्यवादी राजा हरीशचन्द्र से करता हूं। राजा हरीशचन्द्र सत्य के लिए सच बोलते थे और हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी सत्य निकलवाने के लिए असत्य बोलते हैं। अंततः दोनों ही सत्य के पुजारी हैं। राजा हरीशचन्द्र सच बोल कर सत्य की पूजा करते थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी झूठ बोल कर सत्य को प्रतिष्ठा दिलावाते हैं। इसीलिए मैं मोदी जी से खुश हूं।

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
Satyavadi Modi ji
delhi election
BJP
Narendra modi

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

उर्दू पत्रकारिता : 200 सालों का सफ़र और चुनौतियां

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

राय-शुमारी: आरएसएस के निशाने पर भारत की समूची गैर-वैदिक विरासत!, बौद्ध और सिख समुदाय पर भी हमला

बना रहे रस: वे बनारस से उसकी आत्मा छीनना चाहते हैं

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License