NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...
यह एक बहुत ही सुखद समाचार रहा। सरकार जी पर हमला किसने किया, कब किया, कैसे किया, किसी को भी नहीं पता। परन्तु सरकार जी सकुशल लौट आए, यह सबको पता है।
डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
16 Jan 2022
bjp punjab

सरकार जी बच कर लौट आए। सरकार जी पंजाब से जिंदा लौट आए। सरकार जी पांच जनवरी को पंजाब के चुनाव पूर्व दौरे पर गए थे, और 'जिंदा लौट' आए। बताया जाता है कि ऐसा सरकार जी ने स्वयं ही किसी अफसर को भटिंडा के हवाई अड्डे पर कहा था। सरकार जी ने पंजाब सरकार के किसी अफसर से कहा कि अपने मुख्यमंत्री को थैंक्स कहना कि मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट आया। और ऐसे कहा जैसे कि वास्तव में ही जान बचा कर लौट आए हों।

यह एक बहुत ही सुखद समाचार रहा। सरकार जी पर हमला किसने किया, कब किया, कैसे किया, किसी को भी नहीं पता। परन्तु सरकार जी सकुशल लौट आए, यह सबको पता है। यह एक बहुत ही अच्छी खबर है। सबको पता होनी ही चाहिए। सरकार जी की सुरक्षा में जिन्होंने भी जो भी कोताही बरती है सरकार जी उन्हें दिल से माफ नहीं करेंगे। वैसे दिमाग से शुक्रगुजार हैं, चुनाव के लिए एक शानदार मुद्दा जो दे दिया। अतः इसके लिए भटिंडा जिले की, फिरोजपुर जिले की सारी की सारी पुलिस को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। और इन जिलों की ही क्यों, पूरे पंजाब की पुलिस को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। पंजाब सरकार को ही बर्खास्त कर देना चाहिए। आखिर उन्होंने सरकार जी की सुरक्षा में कोताही बरती तो कैसे बरती।

वैसे सरकार जी की सुरक्षा तो एसपीजी नाम की एक सुरक्षा संस्था के पास है। उसकी अनुमति के बिना तो सरकार जी के पास परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, सिवाय कैमरामैनों के। कैमरामैन जरूर सरकार जी के पास कहीं भी जा सकते हैं और कहीं भी (कैमरे से) शूट कर सकते हैं। ईश्वर न करे, सरकार जी को कोई किसी और चीज से शूट करने की सोचे भी। हां! कैमरे से जहां मरजी, जैसे मरजी, जितनी बार मरजी शूट कर सकते हैं। सरकार जी उसके लिए हर समय, हर जगह तैयार बैठे या खड़े रहते हैं और कैमरे के सामने आने से तो सुरक्षाकर्मी भी दूर हट जाते हैं।

सरकार जी की सरकार ने तो हाल में ही कानून भी बना दिया है कि देश की सीमा के पचास किलोमीटर अंदर तक की मांएं अपने बच्चों को बीएसएफ-बीएसएफ कह कर डरायेंगी। पहले बीएसएफ द्वारा डराने का अधिकार सिर्फ पंद्रह किलोमीटर अंदर तक ही होता था। जहां यह घटना हुई वह जगह तो पाकिस्तान सीमा से सटी हुई है। यही कोई दस-बारह किलोमीटर दूर। बीएसएफ भी नहीं डरा पाई और घटना हो गई। और बीएसएफ है गृह मंत्रालय के आधीन। एसपीजी भी गृह मंत्रालय के पास ही है। पर गृह मंत्रालय की कोई गलती नहीं है और न ही एसपीजी या बीएसएफ की कोई गलती है। बस सारी की सारी गलती सिर्फ और सिर्फ पंजाब सरकार की ही है। उसी के सिपाही चाय पी रहे थे। बाकी सब तो ड्यूटी पर थे। पंजाब सरकार को तो बर्खास्त कर ही देना चाहिए।

आज कल जो भी समाचार प्राप्त होता है, सबसे पहले सोशल मीडिया से ही प्राप्त होता है। तो हमें भी सबसे पहले वाट्सएप से ही पता चला कि सरकार जी किसानों के रास्ता बंद आंदोलन और रैली में खाली पड़ी कुर्सियों के कारण पंजाब में हुसैनीवाला के रास्ते से ही लौट आए। बड़ा कारण रैली की खाली कुर्सियां ही रहीं नहीं तो रास्ता बदल कर ही रैली कर आते।

वह तो हमने घर लौट कर, शाम को गोदी मीडिया देखा तब जाकर असलियत पता चली। पता चला कि सरकार जी पर तो हमला हुआ था, वे तो बाल बाल बचे थे। वहां सभी चैनलों पर यही खबर थी कि सरकार जी पंजाब से जिंदा लौट आए हैं। वह भी पाकिस्तान की सीमा से बस दस किलोमीटर दूर से ही। 

हुआ यूं कि सरकार जी पंजाब में, फिरोजपुर में एक चुनाव प्रचार रैली करने के लिए गए थे। उस रैली में पंजाब के लोगों को हजारों-लाखों करोड़ रुपए की रिश्वत, मतलब कि सौगात दी जानी थी। चुनाव की घोषणा से पूर्व की चुनावी रैलियों में जो भी सौगात दी जाती है वह रिश्वत ही तो होती है ना। एक बार चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा कर दी तो फिर इस सौगातखोरी पर लगाम लग जायेगी इसलिए फिरोजपुर में होने वाली यह रैली बहुत ही महत्वपूर्ण थी। सरकार जी रैली न कर पाए, रिश्वत न दे पाए, इसका सरकार जी को बहुत ही अफसोस हुआ और हमें भी।

हां! एक बात और। सरकार जी की सुरक्षा के लिए जगह-जगह होते महामृत्युंजय मंत्र का जाप होते देख दिमाग में आया कि ये तो पहले से ही होने चाहिए थे। अगर कहीं कुछ हो गया होता तो इनका क्या लाभ। अब आगे से सरकार जी की सुरक्षा टीम में कुछ पंडित भी शामिल कर लेने चाहिए। जैसे ही सरकार जी कहीं दौरे पर निकलें, पंडितों की टीम महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुरू कर दे। और कितना अच्छा हो अगर सरकार जी कहीं बाहर निकलें तो शुभ मुहूर्त में ही निकलें। आखिर हमारे पास सदियों पुराने इतने अच्छे सुरक्षा कवच जो हैं, उनका इस्तेमाल सरकार जी की सुरक्षा में क्यों न किया जाए।

(व्यंग्य स्तंभ ‘तिरछी नज़र’ के लेखक पेशे से एक चिकित्सक हैं।)

tirchi nazar
Satire
Political satire
BJP Punjab
BJP
Congress
Charanjit Singh Channi
Punjab security lapse

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

उर्दू पत्रकारिता : 200 सालों का सफ़र और चुनौतियां

तिरछी नज़र: सरकार-जी, बम केवल साइकिल में ही नहीं लगता

विज्ञापन की महिमा: अगर विज्ञापन न होते तो हमें विकास दिखाई ही न देता

तिरछी नज़र: बजट इस साल का; बात पच्चीस साल की

…सब कुछ ठीक-ठाक है

राय-शुमारी: आरएसएस के निशाने पर भारत की समूची गैर-वैदिक विरासत!, बौद्ध और सिख समुदाय पर भी हमला

तिरछी नज़र: ओमीक्रॉन आला रे...

तिरछी नज़र: ...चुनाव आला रे

चुनावी चक्रम: लाइट-कैमरा-एक्शन और पूजा शुरू


बाकी खबरें

  • Ramjas
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल
    01 Jun 2022
    वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इण्डिया(SFI) ने दक्षिणपंथी छात्र संगठन पर हमले का आरोप लगाया है। इस मामले में पुलिस ने भी क़ानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। परन्तु छात्र संगठनों का आरोप है कि…
  • monsoon
    मोहम्मद इमरान खान
    बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग
    01 Jun 2022
    पटना: मानसून अभी आया नहीं है लेकिन इस दौरान होने वाले नदी के कटाव की दहशत गांवों के लोगों में इस कदर है कि वे कड़ी मशक्कत से बनाए अपने घरों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं। गरीबी स
  • Gyanvapi Masjid
    भाषा
    ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ताओं हरिशंकर जैन एवं विष्णु जैन को पैरवी करने से हटाया गया
    01 Jun 2022
    उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु जैन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पैरवी कर रहे थे। इसके साथ ही पिता और पुत्र की जोड़ी हिंदुओं से जुड़े कई मुकदमों की पैरवी कर रही है।
  • sonia gandhi
    भाषा
    ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी को धन शोधन के मामले में तलब किया
    01 Jun 2022
    ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को आठ जून को पेश होने को कहा है। यह मामला पार्टी समर्थित ‘यंग इंडियन’ में कथित वित्तीय अनियमितता की जांच के सिलसिले में हाल में दर्ज किया गया था।
  • neoliberalism
    प्रभात पटनायक
    नवउदारवाद और मुद्रास्फीति-विरोधी नीति
    01 Jun 2022
    आम तौर पर नवउदारवादी व्यवस्था को प्रदत्त मानकर चला जाता है और इसी आधार पर खड़े होकर तर्क-वितर्क किए जाते हैं कि बेरोजगारी और मुद्रास्फीति में से किस पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना बेहतर…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License