NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
उप्र : नहीं रुक रहीं उन्मादी भीड़ की हिंसा
उत्तर प्रदेश में बच्चा चोरी को लेकर फैल रही अफ़वाहों के बीच बच्चाचोरी के शक में बलिया और बांदा में लोगों ने एक महिला और चार मज़दूरों की पिटाई कर दी।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Aug 2019
child lifting

बलिया से मिली ख़बर के मुताबिक़ शहर कोतवाली क्षेत्र के बाहरी इलाक़े में भीख मांगने वाली रीना नामक महिला को शुक्रवार मोहल्ले के लोगों ने बच्चा चोर समझकर घेर लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि सूचना पाकर बलिया के यातायात उपनिरीक्षक सुरेश चन्द्र द्रिवेदी मौक़े पर पहुंचे और भीड़ के आक्रोश से उस महिला को बाहर निकाला।

इसके बाद पुलिस महिला को कोतवाली ले गई, जहां जांच पड़ताल के बाद यह पता चला कि महिला बैरिया इलाक़े की रहने वाली है और भीख मांग कर अपना गुज़ारा करती है।

आपको बता दें कि क़रीब एक महीने से उत्तर प्रदेश में बच्चाचोरी की अफ़वाह पर भीड़ द्वारा हिंसा की कई घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। ऐसे तमाम घटनाएँ हैं जहां भीड़ ने बच्चाचोरी के शक में या तो किसी व्यक्ति की पिटाई की है, या उन्हें जान से मार दिया है। 

स्तिथि इतनी भयावह हो चुकी है कि केवल उत्तर प्रदेश में विगत 4 दिनों के अंदर अलग अलग स्थानों पर भीड़तंत्र की क्रूरता के लगभग 20 से ज़्यादा मामले हो चुके हैं। 

कई मामले तो ऐसे हैं जिनमें परिवार वालों को ही बच्चाचोर समझ कर मारा गया है। 

इसके अलावा ये ज़्यादातर घटनाएँ दलितों, मज़दूरों, मानसिक तौर पर बीमार लोगों और भिखारियों पर हुई है।

उधर बांदा से प्राप्त समाचार के अनुसार अतर्रा क़स्बे में बच्चा चोर समझ कर भीड़ ने शुक्रवार को चार मज़दूरों को पिटाई कर दी और बाद में पुलिस हवाले कर दिया।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि ग्रामीण क्षेत्र से क़स्बे में मज़दूरी करने आये चार मज़दूर काम नहीं मिलने पर लोहिया नहर पुल के पास बैठे हुए थे।

पुलिस के मुताबिक़ कुछ लोगों ने उनके बच्चाचोर होने की अफ़वाह फैला दी, जिससे भीड़ इकट्ठा हो गई और उनकी पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया था। क़रीब तीन घण्टे की पूछताछ में मज़दूरों से हक़ीक़त का पता चला तो उन्हें छोड़ दिया गया है।

थानाध्यक्ष रामेंद्र तिवारी ने कहा, ''शुक्रवार को मैं एक साक्ष्य के सिलसिले में ज़िले से बाहर था। शाम को थाने वापस आने पर घटना की जानकारी मिली है। भीड़ में शामिल लोगों की पहचान कर अगली कार्रवाई की जाएगी।"

(भाषा से इनपुट के साथ)

UttarPradesh
rumors of child molestation
mob lynching
CRIMES IN UP
yogi aditynatah and lynching
BJP
yogi sarkar

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..
    03 Apr 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी कुछ ज़रूरी राजनीतिक ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : आग़ा हश्र कश्मीरी की दो ग़ज़लें
    03 Apr 2022
    3 अप्रैल 1879 में जन्मे उर्दू शायर, अफ़सानानिगार और प्लेराइट आग़ा हश्र कश्मीरी की जयंती पर पढ़िये उनकी दो ग़ज़लें...
  • april fools
    डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    एप्रिल फूल बनाया, हमको गुस्सा नहीं आया
    03 Apr 2022
    अभी परसों ही एक अप्रैल गुजरा है। एप्रिल फूल बनाने का दिन। अभी कुछ साल पहले तक एक अप्रैल के दिन लोगों को बेवकूफ बनाने का काफी प्रचलन था। पर अब लगता है लोगों ने यह एक अप्रैल को फूल बनाने का चक्कर अब
  • ज़ाहिद खान
    कलाकार: ‘आप, उत्पल दत्त के बारे में कम जानते हैं’
    03 Apr 2022
    ‘‘मैं तटस्थ नहीं पक्षधर हूं और मैं राजनीतिक संघर्ष में विश्वास करता हूं। जिस दिन मैं राजनीतिक संघर्ष में हिस्सा लेना बंद कर दूंगा, मैं एक कलाकार के रूप में भी मर जाऊंगा।’’
  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    CBI क्यों बनी 'तोता', कैसे हो सकती है आजाद, CJI ने क्यों जताई चिंता
    02 Apr 2022
    दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेन्ट एक्ट-1946 के तहत सन् 1963 में स्थापित सीबीआई और देश की अन्य जांच एजेंसियों को क्यों सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना चाहिए? एक सुसंगत लोकतंत्र के लिए इन संस्थाओं का…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License