NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
बिजनौर: महिला पुलिसकर्मी के उत्पीड़न मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान, एसपी ने डीजीपी को भेजी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। आमजन के अलावा अब पुलिस प्रशासन के अंदर से भी महिला उत्पीड़न की शिकायत सामने आ रही है। बिजनौर में तैनात महिला पुलिसकर्मी ने अपने सीनियर, एडिशनल एसपी पर शोषण और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
12 Aug 2020
Photo Courtesy : social media

“मैं बहुत परेशान हूं, मेरा आठ-नौ महीने से शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। एडिशनल एसपी मुझे अपने बंगले पर बुलाते हैं, मैं उनकी बात नहीं मान रही इसलिए मुझे लगातार परेशान किया जा रहा है।”

ये दर्द बिजनौर के डीसीआरबी अनुभाग में तैनात एक महिला पुलिसकर्मी का है, जिन्होंने अपने सीनियर एडिशनल एसपी लक्ष्मी निवास मिश्र पर शोषण और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित महिला पुलिसकर्मी के अनुसार वो इस मामले में एक बार पहले भी शिकायत कर चुकी हैं लेकिन बावजूद इसके उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है।

बता दें कि इस मामले में पीड़ित महिला पुलिसकर्मी की शिकायत के बाद बिजनौर के एसपी संजीव त्यागी ने एक रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय को भेजी है तो वहीं राज्य महिला आयोग ने भी इसे प्रमुखता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक (आईजी रेंज) को पत्र लिखकर रिपोर्ट तलब की है।

क्या है पूरा मामला?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार, 10 अगस्त को बिजनौर में तैनात एक  महिला पुलिसकर्मी ने मुरादाबाद पहुंचकर पुलिस महानिदेशक रमित शर्मा से बिजनौर के अपर पुलिस अधीक्षक के खिलाफ शोषण और उत्पीड़न की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।

पीड़िता ने मीडिया को बताया कि वह बिजनौर पुलिस लाइन स्थित डीसीआरबी में तैनात है। बैडमिंटन की खिलाड़ी भी है तथा जोन व जिला स्तर पर कई मेडल जीत चुकी है। पुलिस लाइन के बैडमिंटन हॉल में ही प्रैक्टिस करती है।

पीड़ित के मुताबिक 11 मार्च 2020 को पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों ने होली का त्योहार मनाया था। उसी दिन रात्रि में करीब दस बजे एक सिपाही के मोबाइल से अपर पुलिस अधीक्षक नगर बिजनौर ने बात करते हुए उन्हें बैडमिंटन हाल में बुलाया। पीड़ित ने रात अधिक होने पर आने से इनकार कर दिया। आरोप है कि इसी के चलते महिला आरक्षी के खिलाफ एएसपी ने रपट लिखा दी। जब महिला कांस्टेबल ने जीडी मुंशी ने रपट लिखने का कारण पूछा तो उन्होंने उसे बताया कि बैडमिंटन खेलने से इनकार करने पर रपट लिखी गई है।

पीड़ित महिला पुलिसकर्मी ने क्या आरोप लगाए हैं?

पीड़ित का आरोप है कि अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) लक्ष्मी निवास मिश्र द्वारा उन्हें लगभग आठ-नौ महीने से शारीरिक और मानसिक तौर से परेशान किया जा रहा है। एएसपी उनसे लगातार अमर्यादित और दो अर्थो वाली बातें कर रहे थे। जिसकी शिकायत उन्होंने पहले भी बिजनौर के पुलिस अधीक्षक से की है, जिस पर एएसपी को समझाया भी गया था लेकिन उसके बाद भी एएसपी की कथित तौर पर हरकतें जारी रहीं।

मीडिया खबरों के मुताबिक महिला कॉन्सटेबल का ये भी आरोप है कि कोरोना काल में उनकी ड्यूटी ऐसी जगह जानबूझ कर लगवाई गई,  जहां उन्हें अधिक परेशानियों का सामना करना पड़े। अब उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

पीड़िता ने बताया कि एक दिन पुलिस लाइन के आरआई का फोन आया। उन्होंने कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक नगर से इसी फोन पर बात कर लीजिए। पीड़ित ने बात की, तो उन्होंने कहा कि तुम हमें अपना आका बना लो, तुम्हारी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। कांस्टेबल ने बात मानने से साफ इनकार कर दिया। तब पीड़िता को और ज्यादा परेशान किया जाने लगा। पीड़िता का आरोप है कि उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। महिला का यह भी कहना है कि वह बिजनौर एसपी से भी इस बाबत शिकायत कर चुकी है जिसकी जांच एक महिला सीओ को सौंपी गई है। उसके बयान भी दर्ज हुए हैं पर उस पर एएसपी के करीबियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। महिला कांस्टेबल ने कार्रवाई की मांग की है।

पुलिस महानिरीक्षक ने क्या आश्वासन दिया?

आईजी रमित शर्मा ने कहा कि बिजनौर से आई एक महिला आरक्षी ने कई आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया है। मैंने बिजनौर एसपी को आदेश दिया है कि पूरे मामले की गहनता से जांच कर मुझे इसकी रिपोर्ट भेजी जाए।

आरोपी एएसपी का क्या कहना है?

बिजनौर के अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्र ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने मीडिया से इस संबंध में कहा कि सीएए के विरोध में बनाए गए आरोपी महिला कांस्टेबल को साजिश के तहत भड़का रहे हैं। मेरा इस महिला से कोई लेनादेना नहीं है। न तो मैने कभी महिला को कोई फोन किया है और न ही कोई मैसेज किया है। एक-दो दिन में पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा।

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने न्यूज़क्लिक को बताया कि आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से आईजी रेंज को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी तलब की है। पत्र की एक कॉपी एसपी को भी भेजी गई है। जन्माष्टमी के कारण छुट्टी के चलते अभी पीड़ित महिला पुलिसकर्मी से बात नहीं हो पाई है, लेकिन जल्द ही आयोग उनसे बात कर उनकी शिकायतें विस्तार से सुनेगा।

unnamed_0.jpg

सुषमा सिंह के अनुसार, आयोग ने इस मामले में संबंधित विभाग से विशाखा कमेटी के संबंध में भी संपूर्ण जानकारी मांगी है।

उन्होंने कहा, “आयोग ने महिला पुलिसकर्मी की शिकायतों पर सबसे पहले प्राथमिक रिपोर्ट तलब की है। जिसमें हमने विशाखा कमेटी की बेसिक गाइडलाइन्स पर विस्तार से जानकारी मांगी है, जैसे क्या विभाग में उत्पीड़न की शिकायतों के लिए विशाखा कमेटी बनी है, अगर बनी है तो उसके सदस्य कौन हैं, क्या कार्यवाई हुई है इस मामले पर अभी तक ये सब जानकारियां मांगी गई हैं। आयोग महिलाओं के न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और लगातार काम कर रहा है।”

जब पुलिस अधिकारी ही शोषण में लिप्त हों, न्याय की उम्मीद किससे की जाए!

समाजवादी पार्टी की नेता और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने प्रदेश में बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं का महिला शोषण सरकार के द्वारा संरक्षित होगा तो अधिकारी तो उसका अनुकरण करेंगे ही।

ऋचा सिंह ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, “जब पुलिस अधिकारी ख़ुद महिला पुलिसकर्मी के शोषण में लिप्त हों, तो न्याय की उम्मीद ही किससे की जाये। उत्तर प्रदेश अराजकता की भेंट चढ़ चुका है। पंथ और संप्रदाय के आधार पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार दोहरा चरित्र रखती हैं। ये नारा तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का लगाते हैं लेकिन काम बेटी सताओ और बेटी हटाओ है। दक्षिणपंथी राजनीति का मूल चरित्र ही है महिलाओं के प्रति असम्मान।”

Allahabad University.jpg

ऋचा आगे कहती हैं, “तीन दिन पहले ही पुलिस थाने में बदसलूकी से परेशान उरई की लड़की ने घर आकर आत्महत्या कर ली। बुलन्दशहर की सड़कों पर लड़कों की छेड़खानी ने सुदीक्षा की जान ले ली। एक को बड़ी स्कॉलरशिप मिली थी पढ़ने के लिये तो दूसरी बेहद गरीब परिवार से थी,  जो अपनी मेहनत से अपना जीवन चला रही थी। लेकिन दोनों की हत्या इस देश के सिस्टम ने कर दी है। पुलिस कह रही है अब अपराधियों पर कार्यवाही होगी, मुद्दा बनने के बाद हो सकता है ऐसा हो भी जाये लेकिन उस मामले का क्या जहां पुलिस थाने की प्रताड़ना के चलते लड़की ने आत्महत्या कर ली, मां-बेटी को लोकभवन के सामने आत्मदाह को मज़बूर होना पड़ा। इन सबका न्याय कैसे होगा?”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था लगातार महिला उत्पीड़न और शोषण की खबरों को लेकर चर्चा में है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार भले ही बेहतर कानून व्यवस्था का दावा कर रही हो लेकिन हक़ीक़त ये है कि आमजन की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही खुद पुलिस प्रशासन के अंदर से भी अब उत्पीड़न की शिकायत सामने आ रही है।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार 2017 से सत्ता में है लेकिन क़ानून-व्यवस्था के अन्य मोर्चों के साथ ही सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी नाकाम ही रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं। पुलिस हर दो घंटे में बलात्कार का एक मामला दर्ज करती है, जबकि राज्य में हर 90 मिनट में एक बच्चे के ख़िलाफ़ अपराध की सूचना दी जाती है। 2018 में बलात्कार के 4,322 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि नाबालिगों के मामलों में, 2017 में 139 के मुकाबले 2018 में 144 लड़कियों के बलात्कार के मामले सामने आए थे।

UP police
Yogi Adityanath
UttarPradesh
sexual harassment
crimes against women
bijnor

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

चंदौली पहुंचे अखिलेश, बोले- निशा यादव का क़त्ल करने वाले ख़ाकी वालों पर कब चलेगा बुलडोज़र?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

प्रयागराज में फिर एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या, दो साल की बच्ची को भी मौत के घाट उतारा

प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

उत्तर प्रदेश: योगी के "रामराज्य" में पुलिस पर थाने में दलित औरतों और बच्चियों को निर्वस्त्र कर पीटेने का आरोप


बाकी खबरें

  • putin
    एपी
    रूस-यूक्रेन युद्ध; अहम घटनाक्रम: रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश 
    28 Feb 2022
    एक तरफ पुतिन ने रूसी परमाणु बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया है, तो वहीं यूक्रेन में युद्ध से अभी तक 352 लोगों की मौत हो चुकी है।
  • mayawati
    सुबोध वर्मा
    यूपी चुनाव: दलितों पर बढ़ते अत्याचार और आर्थिक संकट ने सामान्य दलित समीकरणों को फिर से बदल दिया है
    28 Feb 2022
    एसपी-आरएलडी-एसबीएसपी गठबंधन के प्रति बढ़ते दलितों के समर्थन के कारण भाजपा और बसपा दोनों के लिए समुदाय का समर्थन कम हो सकता है।
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 8,013 नए मामले, 119 मरीज़ों की मौत
    28 Feb 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1 लाख 2 हज़ार 601 हो गयी है।
  • Itihas Ke Panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    रॉयल इंडियन नेवल म्युटिनी: आज़ादी की आखिरी जंग
    28 Feb 2022
    19 फरवरी 1946 में हुई रॉयल इंडियन नेवल म्युटिनी को ज़्यादातर लोग भूल ही चुके हैं. 'इतिहास के पन्ने मेरी नज़र से' के इस अंग में इसी खास म्युटिनी को ले कर नीलांजन चर्चा करते हैं प्रमोद कपूर से.
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    मणिपुर में भाजपा AFSPA हटाने से मुकरी, धनबल-प्रचार पर भरोसा
    27 Feb 2022
    मणिपुर की राजधानी इंफाल में ग्राउंड रिपोर्ट करने पहुंचीं वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह। ज़मीनी मुद्दों पर संघर्षशील एक्टीविस्ट और मतदाताओं से बात करके जाना चुनावी समर में परदे के पीछे चल रहे सियासी खेल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License