NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
संकट : यूपी में लेखपालों के आंदोलन पर सरकार की सख़्ती, अब तक 500 बर्ख़ास्त, 8000 निलंबित
'सरकार लोगों की आवाज़ दबाना चाहती है, उनका दमन कर रही है। आवाज़ उठाने पर सरकार सज़ा देती है और इसी के तहत पूरे प्रदेश भर में करीब 500 लेखपालों को नौकरी से टर्मिनेट कर दिया है और लगभग 8000 लेखपालों सस्पेंड कर दिया है।'
सोनिया यादव
24 Dec 2019
lekhpals

एक ओर जहां उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून का जोरदार विरोध हो रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश के लेखपाल भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठें हैं लेकिन प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है। लेखपालों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्या हल करने के बजाय उन्हें प्रताड़ित कर रही है। राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था और सुशासन का दावा करने वाली योगी सरकार फिलहाल हर मोर्चे पर विफल ही नज़र आ रही है।

क्या है पूरा मामला?

उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर प्रदेश भर के लेखपाल बीते 10 दिसम्बर से अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में प्रदेश भर के 23 हजार से ज्यादा लेखपाल हिस्सा ले रहे हैं। ऐसे में राजस्व विभाग से जुड़े सभी कामकाज ठप हो गए हैं। हड़ताली लेखपालों ने 26 दिसम्बर तक हड़ताल जारी रखने और 27 दिसम्बर को लखनऊ में विधानसभा के घेराव का भी ऐलान किया है।

लेकिन इस बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल के बाद प्रशासन ने लेखपालों से हड़ताल समाप्त करने को कहा था। हड़ताल न समाप्त करने पर पहले कर्मचारियों पर आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) की कार्रवाई की गई फिर कार्यकारिणी के दस सदस्यों का निलम्बन कर दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी हड़ताल खत्म न होने पर जिलाधिकारियों ने सख्त कार्रवाई करते हुए सेवा समाप्त करने की संस्तुति कर दी है।

अब प्रशासन ने हड़ताल पर प्रतिबंध लगाते हुए कार्रवाई की है। जिसके तहत अभी तक लगभग 500 लेखपालों को निष्कासन का नोटिस थमा दिया गया है तो वहीं करीब आठ हज़ार लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है।

क्या है लेखपालों की मांग?

इस हड़ताल का समर्थन प्रदेश भर के लेखपाल कर रहे हैं। लेखपालोें की मांग है कि कार्य के आधार पर ग्रेड पे किया जाए। अभी तक 16 साल की सेवा पर कुछ लेखपालों को 2800 ग्रेड पे और कुछ को 4200 ग्रेड पे की वेतन विसंगति है। इसके अलावा पदनाम, राजस्व उपनिरीक्षक करने, प्रोन्नति काडर रिव्यू, पेंशन विसंगति दूर करने के साथ लेखपालों को 3.33 रुपये प्रतिदिन नियत यात्रा भत्ता की जगह वाहन भत्ता दिया जाए। इसी तरह 3.33 रुपये प्रतिदिन स्टेशनरी भत्ता में भी बढ़ोतरी की मांग है।

लेखपाल संघ की ओर से सरोज कुश्वाहा ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, ‘हम वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग 2016 से कर रहे हैं लेकिन हर बार प्रशासन हमारी मांग को जायज बताकर, सिर्फ आश्वासन देकर भूल जाता है। हमने जुलाई 2018 में भी प्रदर्शन किया था, पत्र लिखा था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए अब मज़बूरन हमें हड़ताल करनी पड़ी।'

प्रशासन द्वारा लेखपालों पर हड़ताल के लिए कार्रवाई की गई है। इस पर सरोज कहते हैं, ‘सरकार लोगों की आवाज़ दबाना चाहती है, उनका दमन कर रही है। आवाज़ उठाने पर सरकार सज़ा देती है और इसी के तहत पूरे प्रदेश भर में करीब 500 लेखपालों को नौकरी से टर्मिनेट कर दिया है और लगभग 8000 लेखपालों सस्पेंड कर दिया है। लेकिन हम डरे नहीं हैं, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।'

गौरतलब है कि इस कार्रवाई में प्रदेश सरकार ने अकेले महोबा में 82 लेखपालों की सेवा समाप्त करने का नोटिस दे दिया है। यहां अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे लेखपालों पर सोमवार 23 दिसंबर को डीएम ने कड़ी कार्रवाई की है।
Untitled-design-1-19.jpg
दरअसल प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर महोबा जिले में भी सैकड़ों लेखपाल अपनी मांगों को विगत कई दिनों से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर थे। जिसके बाद सोमवार को लेखपाल कलेक्टेट परिसर जा पहुंचे थे। और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद प्रशासन द्वारा ये कार्रवाई सामने आई है।

इस संबंध में डीएम अवधेश कुमार तिवारी ने मीडिया को बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप यह लेखपाल कार्य नही कर रहे थे। जिसके चलते दूर दराज के नगर गांवों ओर कस्बों से आने वालों की समस्याओ का समय से समाधान नहीं हो पा रहा है। लगातार तमाम हिदायतों के बाद भी यह सभी आज कलेक्टेट परिसर में धरना करने लगे। जिसको लेकर शासन के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है।

इस बड़ी कार्रावई से लेखपाल संघ सहित तमाम कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। लेखपालों ने इसे प्रशासन का उत्पीडात्मक रवैया करार दिया है और इस कदम की निंदा करने के साथ आंदोलन जारी रखन की बात कही है।

निलंबित हुए एक लेखपाल ने न्यूज़क्लिक को बताया, ‘सरकार हमें डरा रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हम अपना हक मांग रहे हैं, कोई भीख नहीं। सरकार बड़े-बड़े वादे और आश्वासन तो देती है लेकिन जब अमल की बात आती है तो पिछे हट जाती है।’

एक अन्य लेखपाल ने कहा, ‘ सरकार सबके साथ, सबके विकास की बात करती है, लेकिन जब अपना हक मांगों तो सज़ा देती है। हम मोदी और योगी जी से पूछना चाहते हैं, बहुत आश्वासन हो गए अब हमारे अच्छे दिन कब आएंगे?’

खबरों के अनुसार प्रयागराज, कानपुर, कासगंज समेत तमाम छोटे-बड़े इलाकों के लेखपालों को सरकार ने सेवा समाप्ती का नोटिस थमा दिया है। जिससे एक बार फिर लेखपाल योगी सरकार के प्रशासन पर जमकर सवाल उठा रहे हैं और पूछ रहे हैं कि हमारे अच्छे दिन कहां हैं?

UttarPradesh
Lekhpals
yogi sarkar
Salary Increment
Protests
UP Administration

Related Stories

हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं

पेपर लीक प्रकरणः ख़बर लिखने पर जेल भेजे गए पत्रकारों की रिहाई के लिए बलिया में जुलूस-प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट का घेराव

झारखंड: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज विरोधी जन सत्याग्रह जारी, संकल्प दिवस में शामिल हुए राकेश टिकैत

सूडान में तख्तापलट के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन जारी, 3 महीने में 76 प्रदर्शनकारियों की मौत

यूपीः योगी सरकार पर अभ्यर्थियों ने लगाया शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा
    27 May 2022
    सेक्स वर्कर्स को ज़्यादातर अपराधियों के रूप में देखा जाता है। समाज और पुलिस उनके साथ असंवेदशील व्यवहार करती है, उन्हें तिरस्कार तक का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लाखों सेक्स…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब अजमेर शरीफ निशाने पर! खुदाई कब तक मोदी जी?
    27 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं हिंदुत्ववादी संगठन महाराणा प्रताप सेना के दावे की जिसमे उन्होंने कहा है कि अजमेर शरीफ भगवान शिव को समर्पित मंदिर…
  • पीपल्स डिस्पैच
    जॉर्ज फ्लॉय्ड की मौत के 2 साल बाद क्या अमेरिका में कुछ बदलाव आया?
    27 May 2022
    ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में प्राप्त हुई, फिर गवाईं गईं चीज़ें बताती हैं कि पूंजीवाद और अमेरिकी समाज के ताने-बाने में कितनी गहराई से नस्लभेद घुसा हुआ है।
  • सौम्यदीप चटर्जी
    भारत में संसदीय लोकतंत्र का लगातार पतन
    27 May 2022
    चूंकि भारत ‘अमृत महोत्सव' के साथ स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, ऐसे में एक निष्क्रिय संसद की स्पष्ट विडंबना को अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पूर्वोत्तर के 40% से अधिक छात्रों को महामारी के दौरान पढ़ाई के लिए गैजेट उपलब्ध नहीं रहा
    27 May 2022
    ये डिजिटल डिवाइड सबसे ज़्यादा असम, मणिपुर और मेघालय में रहा है, जहां 48 फ़ीसदी छात्रों के घर में कोई डिजिटल डिवाइस नहीं था। एनएएस 2021 का सर्वे तीसरी, पांचवीं, आठवीं व दसवीं कक्षा के लिए किया गया था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License