NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
वाम दल हड़ताली आशा कार्यकर्ताओं के साथ आए, नीतीश से हस्तेक्षप की मांग
बिहार में वाम दलों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आशाकर्मियों की मांगों को पूरा करते हुए हड़ताल समाप्त करवानी चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं पहले की तरह बहाल हो सकें।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
08 Dec 2018
आशा कर्मियों का आंदोलन

वाम दलों ने बिहार में पिछले 8 दिनों से लगभग एक लाख आशा कार्यकर्ताओं की राज्यव्यापी अनिश्चतकालीन हड़ताल के साथ एकजुटता जाहिर की है और इस मसले पर बिहार सरकार के संवेदनहीन रुख की कड़ी आलोचना भी की है। 
पटना में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, सीपीआईएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार, एसयूसीआईसी के राज्य सचिव अरूण कुमार, फारवर्ड ब्लॉक के अमेरिका महतो और आरएसपी के वीरेन्द्र ठाकुर ने संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और आशाकर्मियों की मांगों को पूरा करते हुए हड़ताल समाप्त करवानी चाहिए ताकि स्वास्थ्य सेवाएं पहले की तरह बहाल हो सकें।

47385925_1955721754515307_5963321877270102016_o.jpg
आपको बता दें कि बिहार में कार्यरत लगभग 1 लाख आशाकर्मी सरकारी कर्मचारी का दर्जा, 18 हजार रुपये मासिक मानेदय, योग्यताधारी आशा को नर्सिंग स्कूलों में 50 प्रतिशत सीट रिजर्व करने, प्रशिक्षण के उपरांत आशा के कार्य अवधि वर्ष तक उम्र सीमा में छूट देते हुए एएनएम पद पर पदस्थापन करने, योग्यताधारी आशा फैसलिटेटरों को प्रखंड सामुदायिक समन्वय के 50 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति करने, सभी को ईएसआई-ईपीएफ, अन्य सामाजिक सुरक्षा सहित 12 सूत्री मांगों पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। 
वाम नेताओं ने कहा कि हड़ताल पर जाने के 15 दिन पहले आशाकर्मियों ने सरकार को सूचना दी थी लेकिन सरकार ने इस पर कोई नोटिस नहीं लिया। इससे स्वास्थ्य और आशाकर्मियों के प्रति बिहार सरकार का संवेदनहीन चरित्र उजागर हो रहा है।
आशाकर्मियों की हड़ताल से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ा है। लगभग 32 जिलों के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र इस हड़ताल से प्रभावित हुए हैं। 5 दिसंबर का टीकाकरण अभियान पूरी तरह ठप रहा। इससे जनता को भारी परेशानी हो रही है। इसके लिए पूरी तरह बिहार सरकार की जिम्मेदारी बनती है। यदि उसने समय रहते आशाकर्मियों से किसी स्तर पर वार्ता की होती तो आज स्वास्थ्य सेवाओं पर इस कदर दबाव नहीं बनता।
सभी वाम पार्टियों ने मुख्यमंत्री से आंदोलनरत कर्मियों से वार्ता करने और उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई करने की मांग करते हुए राज्य के गरीबों के हित में इस हड़ताल को अविलंब समाप्त करवाने की मांग की है। 

asha wokers
Asha Workers Strike
Bihar
Nitish Kumar
left parties
Left unity
CPI(M)
CPI
CPI(ML)

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    डोनबास में हार के बाद अमेरिकी कहानी ज़िंदा नहीं रहेगी 
    26 Apr 2022
    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को बेहद अहम बताया है।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात : विधायक जिग्नेश मेवानी की गिरफ़्तारी का पूरे राज्य में विरोध
    26 Apr 2022
    2016 में ऊना की घटना का विरोध करने के लिए गुजरात के दलित सड़क पर आ गए थे। ऐसा ही कुछ इस बार हो सकता है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पिछले 5 साल में भारत में 2 करोड़ महिलाएं नौकरियों से हुईं अलग- रिपोर्ट
    26 Apr 2022
    क़ानूनी कामकाजी उम्र के 50% से भी अधिक भारतवासी मनमाफिक रोजगार के अभाव के चलते नौकरी नहीं करना चाहते हैं: सीएमआईई 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें अलर्ट 
    26 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,483 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 30 लाख 62 हज़ार 569 हो गयी है।
  • श्रिया सिंह
    कौन हैं गोटाबाया राजपक्षे, जिसने पूरे श्रीलंका को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है
    26 Apr 2022
    सैनिक से नेता बने गोटाबाया राजपक्षे की मौजूदा सरकार इसलिए ज़बरदस्त आलोचना की ज़द में है, क्योंकि देश का आर्थिक संकट अब मानवीय संकट का रूप लेने लगा है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License