NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
वेतन जारी होने पर हिन्दूराव अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल ख़त्म
इन डॉक्टरों को तीन माह से वेतन नहीं मिला था। इससे नाराज डॉक्टर 16 मई से ही सड़कों पर थे इस दौरन उन्होंने सड़क पर ही ओपीडी लगाकर मरीजों को देखा।
मुकुंद झा
21 May 2019
Doctor Protest

दिल्ली नगर निगम के सबसे बड़े अस्पताल हिन्दूराव में कार्य कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने वेतन जारी होने पर अपनी हड़ताल मंगलवार को खत्‍म कर दी है। यह हड़ताल सोमवार से शुरू हुई थी। जबकि 16 मई से ही  डॉक्टर वेतन और अन्य मूलभूत सविधाओं को लेकर रोजाना तीन घंटे का प्रदर्शन कर रहे थे।

इन डॉक्टरों को तीन माह से वेतन नहीं मिला था। इससे नाराज डॉक्टर 16 मई से ही सड़कों पर थे इस दौरन उन्होंने  सड़क पर ही ओपीडी लगाकर मरीजों को देखा।

हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल के चलते सोमवार दिल्ली सरकार ने बेसिक टैक्स असेसमेंट (बीटीए) की पहली किस्त एक महीने पहले ही जारी कर दी, ताकि डॉक्टरों को सैलरी दी जा सके। नहीं तो अमूमन यह क़िस्त जून के महीने में दी जाती है।  इसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी की हड़ताल मंगलवार सुबह खत्म हो जाएगी लेकिन डॉक्टर इस बात पर अड़े थे कि जबतक उनके खाते में दो महीने की सैलरी नहीं आएगी, तब तक वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।

इस दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर अवतार सिंह और केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता विजय गोयल ने भी वहां जाकर डॉक्टरों को समझाने की कोशिश की परन्तु डॉक्टर अपनी बात पर अड़े रहे कि जबतक सैलरी नहीं आयेगी तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगी। अंतत: करीब 12 बजे जब डॉक्टरों के खाते में वेतन आ गया और उनकी अन्य सभी मांगों को लिखित रूप में मान लिया गया तब डॉक्टरों ने हड़ताल को वापस लेने का निर्णय किया।

IMG-20190521-WA0004.jpg

सोमवार को ही दिल्ली सरकार ने कुल 459.29 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से नॉर्थ एमसीडी को 206.5 करोड़, साउथ एमसीडी को 17.80 करोड़ और ईस्ट एमसीडी को 234.12 करोड़ रुपये मिले हैं। इससे तत्कालिक राहत तो मिल गई है लेकिन इससे निगम की अन्य समस्या का हल होगा यह बहुत मुशिकल लग रहा क्योंकि वेतन सिर्फ रेजिडेंट डॉक्टर के ही नहीं रुका था, बल्कि सीनियर डॉक्टरों को भी तीन महीने से वेतन नहीं मिला है, इसके आलावा उत्तरी दिल्ली के नगर निगम के शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिला है।

IMG-20190520-WA0007.jpg

यही वजह है कि मंगलवार को ही सीनियर डॉक्टर्स ने भी ऐलान किया की अगर उनका वेतन नहीं दिया तो वो भी हड़ताल पर जा सकते हैं। म्युनिसिपल डॉक्टर एसोसिएशन के मुताबिक सीनियर डॉक्टरों को भी तीन माह से वेतन नहीं मिला है। जिससे उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में जल्द एसोसिएशन की जर्नल बॉडी की बैठक बुलाकर हड़ताल पर फैसला लिया जाएगा।

इससे पहले अंदोलन कर रहे है डॉक्टर्स ने सामूहिक आत्मदाह की अनुमति मांगी थी

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ. संजीव चौधरी ने कहा कि डॉक्टरों के पास अब घर चलाने के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। यहाँ तक कई लोगो के गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे है, इससे ही परेशान होकर ही हम सड़क पर आए। इसके साथ ही डॉक्टरों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर सामूहिक आत्महत्या की अनुमति मांगी थी। संजीव चौधरी ने बताया कि समय पर वेतन, पीने का साफ पानी, डाक्टरों को सुरक्षा, जूनियर व सीनियर डाक्टरों के लिए समय-समय पर साक्षात्कार करवाने के संबंध में प्रशासन से लगातार बातचीत भी चल रही थी जिसे अभी लिखित रूप से मान लिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा अगर हमारी ये मांगे पूरी नहीं हुईं तो हम फिर अंदोलन करेंगे।

कई अन्य संगठनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया था

डॉक्टरों की इस हड़ताल का, दिल्ली मेडिकल एसोसियशन, इंडियन मेडिकल एसोसियशन और  फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने भी समर्थन किया था। फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. सुमेध ने कहा कि दिल्ली सरकार और निगम के अस्पतालों में डॉक्टरों को वेतन की समस्या अब आम हो चुकी है। हमेशा उन्हें अपने काम के पैसों के लिए हड़ताल करनी पड़ती है। डॉक्टरों के पास आय के कोई अन्य स्रोत नहीं हैं, ऐसे में अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल का हम समर्थन करते हैं और हम उनके साथ हैं।

इन डॉक्टरों ने कहा की साल में कम से कम दो-तीन बार अपने वेतन के लिए नगर निगम और दिल्ली सरकार के समक्ष गिड़गिड़ाना पड़ता है,  हम अब चाहते हैं कि ऐसा न हो और इसका कोई स्थायी समाधान निकला जाए। हमें सरकार और नगर निगम के बीच फुटबाल न बनाया जाए।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली: नगर निगम की ख़स्ता हालत, सरकारें ख़ामोश

doctor
doctors strike
Private doctors strike
Delhi
unemployment
resident
salary
delay in salary
AAP
AAP Govt
BJP
BJP government

Related Stories

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

मूसेवाला की हत्या को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक हत्या’ बताया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

जन-संगठनों और नागरिक समाज का उभरता प्रतिरोध लोकतन्त्र के लिये शुभ है

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

वाम दलों का महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ कल से 31 मई तक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई


बाकी खबरें

  • सरोजिनी बिष्ट
    विधानसभा घेरने की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशाएं, जानिये क्या हैं इनके मुद्दे? 
    17 May 2022
    ये आशायें लखनऊ में "उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन- (AICCTU, ऐक्टू) के बैनर तले एकत्रित हुईं थीं।
  • जितेन्द्र कुमार
    बिहार में विकास की जाति क्या है? क्या ख़ास जातियों वाले ज़िलों में ही किया जा रहा विकास? 
    17 May 2022
    बिहार में एक कहावत बड़ी प्रसिद्ध है, इसे लगभग हर बार चुनाव के समय दुहराया जाता है: ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का और दरभंगा ठोप का’ (मतलब रोम में पोप का वर्चस्व है, मधेपुरा में यादवों का वर्चस्व है और…
  • असद रिज़वी
    लखनऊः नफ़रत के ख़िलाफ़ प्रेम और सद्भावना का महिलाएं दे रहीं संदेश
    17 May 2022
    एडवा से जुड़ी महिलाएं घर-घर जाकर सांप्रदायिकता और नफ़रत से दूर रहने की लोगों से अपील कर रही हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 43 फ़ीसदी से ज़्यादा नए मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए 
    17 May 2022
    देश में क़रीब एक महीने बाद कोरोना के 2 हज़ार से कम यानी 1,569 नए मामले सामने आए हैं | इसमें से 43 फीसदी से ज्यादा यानी 663 मामले दिल्ली एनसीआर से सामने आए हैं। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    श्रीलंका की मौजूदा स्थिति ख़तरे से भरी
    17 May 2022
    यहां ख़तरा इस बात को लेकर है कि जिस तरह के राजनीतिक परिदृश्य सामने आ रहे हैं, उनसे आर्थिक बहाली की संभावनाएं कमज़ोर होंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License