हिंदी में तथाकथित ‘ज्ञान’ की बातें तो ख़ूब होती हैं लेकिन विज्ञान की बातें बहुत कम होती हैं। इसके साथ ही हिंदी समाज लगातार अंधश्रद्धा-अंधविश्वास में फंसता जा रहा है। इसी सब पर वरिष्ठ लेखक और विज्ञान कथाकार देवेंद्र मेवाड़ी से ख़ास बातचीत। देवेंद्र मेवाड़ी करीब 50 वर्षों से आम जनता के लिए आम ज़ुबान में विज्ञान लिख रहे हैं, उसे किस्सा-कहानी के अंदाज़ में सुना रहे हैं, समझा रहे हैं। इसके लिए उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान भी मिल चुके हैं।
हिंदी में तथाकथित ‘ज्ञान’ की बातें तो ख़ूब होती हैं लेकिन विज्ञान की बातें बहुत कम होती हैं। इसके साथ ही हिंदी समाज लगातार अंधश्रद्धा-अंधविश्वास में फंसता जा रहा है। इसी सब पर वरिष्ठ लेखक और विज्ञान कथाकार देवेंद्र मेवाड़ी से ख़ास बातचीत। देवेंद्र मेवाड़ी करीब 50 वर्षों से आम जनता के लिए आम ज़ुबान में विज्ञान लिख रहे हैं, उसे किस्सा-कहानी के अंदाज़ में सुना रहे हैं, समझा रहे हैं। इसके लिए उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान भी मिल चुके हैं।
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