NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
समाज
भारत
राजनीति
वनाधिकार क़ानून : अगली सुनवाई 12 सितम्बर को
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 9 राज्यों को आदिवासियों के क्लेम पर दोबारा एफ़िडेविट जमा करने का आदेश दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Aug 2019
वनाधिकार क़ानून

एफ़आरए यानी वनाधिकार क़ानून जिसके की सुनवाई 24 जुलाई से टलती जा रही थी। 6 अगस्त को जब सुनवाई हुई तो कोर्ट ने 9 राज्यों से कहा कि वे दोबारा एफ़िडेविट जमा करें। Down To Earth की एक रिपोर्ट के अनुसार एसजीआई तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा : “9 राज्यों द्वारा आदिवासियों की ज़मीनों के क्लेम निरीक्षण उचित तरीक़े से नहीं हुआ था इसलिए उन्हें आदेश दिया गया है कि 15 दिन के भीतर पुनः निरीक्षण कर एफ़िडेविट जमा करें।"

एफ़आरए का पहला आदेश 13 फ़रवरी को आया था जिसमें कहा गया था कि उन सब आदिवासियों को जंगल से हटा दिया जाए जो अपने ज़मीनों के क्लेम जमा नहीं कर पाये हैं। देश भर में आदिवासियों संगठनों द्वारा विरोध होने पर इस फ़ैसले को 24 जुलाई तक टाल दिया गया था और राज्यों से पुनः निरीक्षण कर 12 जुलाई तक एफ़िडेविट जमा करने को कहा गया था। इस दौरान कई ऐसी खबरें आईं जिसमें ये पता चला कि राज्य सरकारों और वन विभाग ने कई जगहों पर आदिवासियों के क्लेम का उचित निरीक्षण नहीं किया था और कई मामलों में तो बग़ैर देखे ही क्लेम रद्द कर दिये गए थे।

इसी बीच देश भर में आदिवासियों पर ऊंची जाति के समुदायों और वन विभाग द्वारा की गई हिंसा की तमाम खबरें सामने आई थीं। सोनभद्र में आदिवासियों की हत्या का मामला हाल ही का है। न्यूज़क्लिक ने पहले भी आपको इस पर जानकारी दी है।

24 जुलाई को होने वाली सुनवाई जब टलते-टलते 6 अगस्त को हुई, तब ये पाया गया कि कई राज्यों ने उचित कार्रवाई नहीं की है और आधी-अधूरी या जल्दबाज़ी में रिपोर्ट सौंपी है।

इसके अलावा आदिवासियों पर लगातार बढ़ रही हिंसा के ख़िलाफ़ 23-24 जुलाई को देश भर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे।

सोनभद्र मामले में आदिवासी समुदाय की 2 महिलाओं ने हस्तक्षेप के लिए दो याचिकाएँ दायर की थीं।

6 अगस्त की सुनवाई में इस याचिका के अलावा अन्य 20 याचिकाओं पर कोर्ट ने कोई सुनवाई नहीं की।

हालांकि इस मामले को 12 सितम्बर तक टाल दिया गया है लेकिन आदिवासियों की ज़िंदगी, जंगल और ज़मीन पर लगातार बढ़ रहे क़ानूनी-ग़ैरक़ानूनी हमले रुक नहीं रहे हैं और सरकारें भी इसको लेकर कोई गंभीर क़दम उठाने में नाकाम साबित हो रही है।

fra
fra verdict
tribal rights
aadivasi
Supreme Court
fra case
fra 2019
Indian govt

Related Stories

लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

कोरबा : रोज़गार की मांग को लेकर एक माह से भू-विस्थापितों का धरना जारी

सुप्रीम कोर्ट को दिखाने के लिए बैरिकेड हटा रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

बाहरी साज़िशों और अंदरूनी चुनौतियों से जूझता किसान आंदोलन अपनी शोकांतिका (obituary) लिखने वालों को फिर निराश करेगा

लखीमपुर खीरी : किसान-आंदोलन की यात्रा का अहम मोड़

अगर मामला कोर्ट में है, तब क्या उसके विरोध का अधिकार खत्म हो जाता है? 

कार्टून क्लिक: किसानों का गला किसने घोंटा!

करनाल हिंसा के ख़िलाफ़ वकीलों का सुप्रीम कोर्ट से लेकर हरियाणा भवन तक रोष मार्च

किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की हैरान करने वाली चुप्पी


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के घटते मामलों के बीच बढ़ रहा ओमिक्रॉन के सब स्ट्रेन BA.4, BA.5 का ख़तरा 
    24 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के मामलों में 20 फ़ीसदी से ज़्यादा की कमी आयी है, लेकिन पिछले एक सप्ताह के भीतर स्ट्रेन BA.4 और BA.5 के दो-दो मामले सामने आ चुके है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?
    24 May 2022
    डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’ से रविवार को सम्मानित किया। यूनियन ने अंतरष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड मिलने पर ख़ुशी जताई तो वही केंद्र सरकार पर शोषण का आरोप…
  • भाषा
    बग्गा मामला: उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से पंजाब पुलिस की याचिका पर जवाब मांगा
    24 May 2022
    पंजाब में साहिबजादा अजित सिंह नगर (एसएएस नगर) के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मनप्रीत सिंह की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और बग्गा को नोटिस जारी किया है। 
  • एम. के. भद्रकुमार
    CSTO को यूक्रेन युद्ध में शामिल नहीं किया जाएगा
    24 May 2022
    मध्य एशिया के किसी भी नेता ने सार्वजनिक रूप से नहीं क़बूला है कि यूक्रेन युद्ध के बारे में सीएसटीओ कोई तत्काल चिंता का विषय है।
  • एस.के. पांडे
    किसकी मीडिया आज़ादी?  किसका मीडिया फ़रमान?
    24 May 2022
    जिस तरह भारत प्रेस की आज़ादी की रैंकिंग में फ़िसलता जा रहा है, वैसे में डराने-धमकाने और अधिकारों के हनन के बढ़ते मामलों के साथ मीडिया की आज़ादी के साथ-साथ यूनियनों के गठन की स्वतंत्रता को बचाने की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License