NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
व्यवस्था के खिलाफ बोलने वाले लेखक-बुद्धिजीवी सत्ता को पसंद नहीं
ऐसे में जब कवि-लेखक, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों, मजदूरों, किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है तो क्या सबकुछ पुलिस, सरकार पर छोड़कर निश्चिंत हुआ जा सकता है?
शालू यादव
09 Feb 2019
anshu malviya

पिछले चार साल में जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है तबसे राज्य अपनी आम जनता और बुद्धिजीवियों के प्रति कहीं अधिक असहिष्णु,  असंवेदनशील और क्रूर हो चुका है। वर्तमान में सत्ता के फासीवादी चरित्र के खिलाफ बोलने वाला कोई भी भारतीय नागरिक आसानी से देशद्रोही घोषित किया जा सकता है।

गुरुवार, 7 फरवरी को जब देश के कोने-कोने से हज़ारों छात्र भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ दिल्ली में जंतर-मंतर पर 'यंग इंडिया अधिकार मार्च' में शामिल हुए तभी शाम को इलाहाबाद से खबर आती है कि सामाजिक कार्यकर्ता और कवि अंशु मालवीय व सफाई कर्मचारी नेता दिनेश को क्राइम ब्रांच ने कुम्भ मेला क्षेत्र से गिरफ़्तार कर लिया है। अंशु मालवीय कुम्भ क्षेत्र में सफाई मजदूरों को उचित दिहाड़ी देने की मांग कर रहे थे। मेलाधिकारी विजय करन ने इससे पहले अंशु मालवीय पर NSA लगाने की धमकी दी थी। 

मोदी सरकार का सफाई कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील रवैया कुम्भ मेले में इससे पहले भी उजागर हुआ है। प्रशासन की लापहरवाही के कारण अब तक कई सफाई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।  

ऐसे में प्रशासन के खिलाफ अंशु मालवीय जैसे  आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवियों की मुखरता सत्ता व्यवस्था को सुहा नहीं रही है। 

आखिर किस तर्क से सत्ता व्यवस्था, सरकार और प्रशासन की आलोचना करना गुनाह है? आज जब भाजपा सरकार स्वच्छता अभियान, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और अनेक लोकलुभावन वादों के नाम पर जनता को बरगलाने की कोशिश में है, ऐसे में कुम्भ मेला जिसमें सरकार 4300 करोड़ रुपये ख़र्च होने का दावा कर रही है उसमें सफाई कर्मचारियों के ये हालात और उनके पक्ष में आवाज़ उठाने वाले लोगों पर दमनात्मक कार्यवाई भाजपा सरकार के गणतंत्र विरोधी चरित्र को बखूबी उज़ागर करता है।

ऐसे में जब अंशु मालवीय जैसे सामाजिक कार्यकर्ता सत्ता व्यवस्था के खिलाफ बोलते है तो उन्हें गिरफ़्तार कर लिया जाता है। हालांकि अंशु मालवीय को कुछ घण्टों बाद  रिहा कर दिया गया। लेकिन ऐसे में  जब कवि-लेखक, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों, मजदूरों, किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई की जा रही है तो  क्या सबकुछ  पुलिस, सरकार  पर छोड़कर निश्चिंत हुआ जा सकता है? हमें यह समझना होगा कि  सामाजिक कार्यकर्ताओं पर संकट देश पर भी संकट है और इस संकट से मुक्त होने के लिए इस फासिस्ट सत्ता व्यवस्था के ख़िलाफ़ लेखक संगठनों  बुद्धिजीवियों, छात्रों का एकजुट होकर सक्रिय रहना आवश्यक है।

(लेखिका संस्कृतिकर्मी और इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष हैं।)

Uttar pradesh
Yogi Adityanath
PRYAGRAJ KUMBH 2019
safai karmachari
manual scavenger
anshu malviya
poet
social activists

Related Stories

आजमगढ़ उप-चुनाव: भाजपा के निरहुआ के सामने होंगे धर्मेंद्र यादव

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही मस्जिद ईदगाह प्रकरण में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!

उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    महामारी के दौर में बंपर कमाई करती रहीं फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक में ऑक्सफैम इंटरनेशनल ने " प्रोफिटिंग फ्रॉम पेन" नाम से रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में उन ब्यौरे का जिक्र है जो यह बताता है कि कोरोना महामारी के दौरान जब लोग दर्द…
  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    हैदराबाद फर्जी एनकाउंटर, यौन हिंसा की आड़ में पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगे
    26 May 2022
    ख़ास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बातचीत की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर से, जिन्होंने 2019 में हैदराबाद में बलात्कार-हत्या के केस में किये फ़र्ज़ी एनकाउंटर पर अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया।…
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   
    26 May 2022
    बुलडोज़र राज के खिलाफ भाकपा माले द्वारा शुरू किये गए गरीबों के जन अभियान के तहत सभी मुहल्लों के गरीबों को एकजुट करने के लिए ‘घर बचाओ शहरी गरीब सम्मलेन’ संगठित किया जा रहा है।
  • नीलांजन मुखोपाध्याय
    भाजपा के क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करने का मोदी का दावा फेस वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता
    26 May 2022
    भगवा कुनबा गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने का हमेशा से पक्षधर रहा है।
  • सरोजिनी बिष्ट
    UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश
    26 May 2022
    21 अप्रैल से विभिन्न जिलों से आये कई छात्र छात्रायें इको गार्डन में धरने पर बैठे हैं। ये वे छात्र हैं जिन्होंने 21 नवंबर 2021 से 2 दिसंबर 2021 के बीच हुई दरोगा भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License