NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों की पीएम मोदी के साथ बैठक से क्या उम्मीदें हैं?
ज़ाहिर है जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियां राज्य के विशेष दर्जे की बहाली, राजनीतिक बंदियों की रिहाई, संवाद शुरू करने के साथ अन्य मुद्दों को उठाएंगी।
अनीस ज़रगर
23 Jun 2021
Translated by महेश कुमार
कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों की पीएम मोदी के साथ बैठक से क्या उम्मीदें हैं?
Image Courtesy: Kashmir Reporter

श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर के क्षेत्रीय राजनीतिक दल 24 जून को नई दिल्ली में होने वाली सभी दलों की बैठक में भाग लेंगे, प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को पीपुल्स एलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के प्रमुख के रूप में इस बात की पुष्टि की है।

जम्मू-कश्मीर के 'विशेष दर्जे' की बहाली की वकालत करने वाले आधा दर्जन क्षेत्रीय दलों ने एलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के रूप में एक संयुक्त मोर्चा बनाया था जिसने मंगलवार को गुप्कर रोड पर एक बैठक की और दिल्ली में होने वाली बैठक में भाग लेने पर चर्चा की, दिल्ली की बैठक में दिल्ली की हुकूमत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे। केंद्र सरकार ने राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को आमंत्रित किया है जिसमें मुख्यत नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), सीपीआई (एम) के एमवाई तारिगामी और तत्कालीन राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों शामिल होंगे। 

“महबूबा, तारिगामी और मैं प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे। हमें उम्मीद है कि हम अपना एजेंडा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के सामने रखेंगे।'

पीएजीडी की बैठक के बाद, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (ANC) के मुजफ्फर शाह ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हमारी ओर से "अनुच्छेद 370 और 35ए पर कोई समझौता नहीं होगा।" जैसा कि पीएजीडी अलायंस के सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व से मिलने को तैयार हैं, नेताओं ने कहा कि सरकार को वरिष्ठ हुर्रियत नेता शब्बीर अहमद शाह सहित सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा कर देना चाहिए।

हालांकि, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि राजनीतिक कैदियों की रिहाई और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने से ही कश्मीर पर "चर्चा समाप्त नहीं होगी"।

 “अगर पूरे क्षेत्र में शांति के लिए कश्मीर में पुरानी स्थिति को बहाल नहीं किया जाता है तो  कोई समझौता करने की जरूरत नहीं है। सरकार तालिबान (अफगान) के साथ बातचीत में लगी हुई है, इसलिए उन्हें जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों से भी बात करनी चाहिए और समाधान के लिए पाकिस्तान से भी बातचीत करनी चाहिए। 

यह बैठक, क्षेत्रीय नेतृत्व के खिलाफ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से दो साल से किए जा रहे हमलों से एक "राहत" के रूप में आई है, जिनमें से अधिकांश नेताओं को महीनों तक मनमाने ढंग से हिरासत में ले लिया गया था क्योंकि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय लिया गया था और जम्मू और कश्मीर को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया गया था। 

प्रदेश के चुनाव समर्थक नेतृत्व ने, जो दिल्ली का 'हृदय परिवर्तन' होते देख रहे हैं और इसे अपनी "जीत" के रूप में देख रहे है, साथ ही उन्होने विभिन्न उद्देश्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश में 4 अगस्त की स्थिति की बहाली भी शामिल है।

“हम पीएजीडी के एजेंडे को दोहराएंगे। हम पीएम से, हमें संविधान के तहत दी गई गारंटी पर पुनर्विचार करने की अपील करेंगे,” माकपा नेता एम वाई तारिगामी ने कहा।

जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी), जोकि एक पूर्व पीएजीडी घटक है, ने "उम्मीद" जताई है कि यह "बातचीत कुछ बड़ा गुल खिलाएगी और लोकतंत्र की वापसी और जम्मू-कश्मीर के लोगों के सशक्तिकरण का रास्ता तैयार करेगी।"

जेकेपीसी के प्रवक्ता अदनान अशरफ मीर ने कहा, "... 5 अगस्त के बाद, जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच एक नया सामाजिक अनुबंध लिखने की सख्त जरूरत है।"

हालांकि, कश्मीर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले इमोन माजिद का मानना है कि भले ही भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने कश्मीर पार्टियों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन केंद्र सरकार "हुकूमत के नियंत्रण" में रहकर बात करेगी।

माजिद ने न्यूज़क्लिक को बताया, "अभी तक गुप्कर गठबंधन के पास कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे वह पेश करे क्योंकि लगता तो यही है कि मोदी सरकार बैठक के दौरान शर्तों को तय करेगी।"

उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों, जिन्हें नई दिल्ली की हुकूमत ने शक्तिविहीन बना दिया है, के समाने "राजनीतिक तौर पर खुद को ज़िंदा करने" का बड़ा अवसर है, लेकिन इसके लिए पीएजीडी को कड़ी मेहनत करनी होगी।

जम्मू में, कांग्रेस पार्टी के एक दलित नेता, तारा चंद – जो 2009 से 2014 तक जम्मू और कश्मीर के उपमुख्यमंत्री थे - सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित लोगों में से एक हैं।

तारा चंद ने न्यूज़क्लिक को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को कांग्रेस पार्टी की बैठक होगी, जिसके बाद एजेंडा तय किया जाएगा।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, जो बैठक में शामिल होंगे, ने हालांकि दावा किया कि वे जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य की मांग पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

आजाद ने कहा, "राज्य के दर्जे की मांग सबसे ऊपर होगी। यह एजेंडा में सबसे ऊपर रहेगी। और सरकार ने सदन के पटल पर भी इसका वादा किया था। पूर्ण राज्य का दर्जा ...न कि उपराज्यपाल का राज्य।"

नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी) के नेता भीम सिंह ने कहा कि भले ही राज्य का दर्जा बहाल करना सभी दलों की एक आम मांग है, लेकिन वे अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग करेंगे।

सिंह के हवाले से कहा गया है कि, "सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि हमें बैठक के निमंत्रण को स्वीकार करना चाहिए और संविधान द्वारा गारंटी अन्य अधिकारों की बहाली के साथ-साथ पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करवाने के लिए बैठक में भाग लेना चाहिए।"

एलोरा पुरी, जो जम्मू विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान पढ़ाते हैं, ने न्यूज़क्लिक को बताया कि ऐसा लगता है कि जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं को इस निमंत्रण ने "चौंका" दिया है।

“यह मोदी सरकार की खासियत है कि वह वे बिना किसी खास प्रयास के निर्णय ले लेते हैं। उनके पास अभी कोई एजेंडा नहीं है। पूरी के अनुसार, ऐसा लगता है कि उन पर किसी तरह का दबाव काम कर रहा है"।

"वे (केंद्र सरकार) पहले ही डीडीसी (जिला विकास परिषद) चुनावों के ज़रीए राजनीतिक गतिविधि शुरू कर चुके हैं। अब उन्हें इससे आगे जाना होगा। यह क्षेत्रीय दलों को बैठक में शामिल कर  परिसीमन को किसी तरह की वैधता देने का एक प्रयास भी है। हम देख सकते हैं राजनीतिक प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा रहा है और इसके लिए राज्य का दर्जा बहाल किया जा सकता है।"

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

What Kashmir Parties Expect From June 24 Meeting with PM Modi

J&K Political Parties
PAGD
Farooq Abdullah
mehbooba mufti
MY Tarigami
Article 370
J&K Delimitation
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    बनारस को धार्मिक उन्माद की आग में झोंकने का घातक खेल है "अज़ान बनाम हनुमान चालीसा" पॉलिटिक्स
    19 Apr 2022
    हनुमान चालीसा एक धार्मिक पाठ है। इसे किसी को जवाब देने के लिए नहीं, मन और आत्मा की शांति के लिए पढ़ा जाता है। अब इसका इस्तेमाल नफ़रती राजनीति के लिए किया जा रहा है। दिक्कत यह है कि बहुत से पढ़े-लिखे…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मध्य प्रदेश फसल घोटाला: माकपा ने कहा- 4000 करोड़ के घोटाले में बिचौलिए ही नहीं भाजपाई भी हैं शामिल
    19 Apr 2022
    माकपा ने इस घोटाले का आरोप बीजेपी पर लगाते हुए कहा है कि पिछले डेढ़ दशक से भी लंबे समय से चल रहे गेहूं घोटाले में बिचौलिए ही नहीं प्रशासन और भाजपाई भी बड़े पैमाने पर शामिल हैं। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: कई राज्यों में मामले बढ़े, दिल्ली-एनसीआर में फिर सख़्ती बढ़ी 
    19 Apr 2022
    देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारों ने कोरोना के नियमों का पालन करने जोर दिया है, और मास्क नहीं पहनने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा |
  • अजय कुमार
    मुस्लिमों के ख़िलाफ़ बढ़ती नफ़रत के ख़िलाफ़ विरोध में लोग लामबंद क्यों नहीं होते?
    19 Apr 2022
    उत्तर भारत की मज़बूत जनाधार वाली पार्टियां जैसे कि समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बाकी अन्य दलों के नेताओं की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया, जिससे यह लगे कि भारत के टूटते ताने-बाने को बचाने के…
  • संदीप चक्रवर्ती
    केवल आर्थिक अधिकारों की लड़ाई से दलित समुदाय का उत्थान नहीं होगा : रामचंद्र डोम
    19 Apr 2022
    आर्थिक और सामाजिक शोषण आंतरिक रूप से जुड़े हुए हैं। माकपा की पोलिट ब्यूरो में चुने गए पहले दलित सदस्य का कहना है कि सामाजिक और आर्थिक दोनों अधिकारों की लड़ाई महत्वपूर्ण है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License