NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
पुस्तकें
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका
‘यथार्थ स्वप्नलोकों की परिकल्पना’ देकर चले गए एरिक ऑलिन राइट
“मैं और कुछ नहीं, सितारों की वह स्वप्निल धूल था, जो यों ही आकाशगंगा के इस कोने में आ गिरा था।”
आशुतोष कुमार
28 Jan 2019
एरिक ऑलिन राइट (फाइल फोटो)
एरिक ऑलिन राइट। फाइल फोटो : साभार

अलविदा, कॉमरेड एरिक ऑलिन राइट!

यथार्थ यूटोपिया के स्वप्नद्रष्टा एरिक ऑलिन राइट ने कैंसर से जूझते हुए 23 जनवरी को दुनिया से विदा ली। 
यह कहते हुए -
“ मैं और कुछ नहीं, सितारों की वह स्वप्निल धूल था, जो यों ही आकाशगंगा के इस कोने में आ गिरा था।“

राइट बीसवीं और इक्कीसवीं सदी के सबसे प्रेरक मार्क्सवादी चिंतकों में थे। ' इक्कीसवीं सदी में पूँजी विरोधी कैसे बनें' वह किताब थी, जो उन्होंने अपने आख़िरी लम्हों में पूरी की। वामपक्ष के सबसे उदास वर्षों में विश्व-पूंजीवाद के गढ़ अमरीका में बैठे उन्होंने मार्क्सवाद का झंडा बुलंद रखा।

दुनिया भर में चलाए गए विस्तृत शोध परियोजनाओं के जरिए 'वर्ग' की क्लासिकी मार्क्सी संकल्पना को गहन विश्लेषणात्मक औजार की तरह विकसित कर राइट ने मार्क्सवाद से मुंह मोड़ चुके विद्वानों को दुबारा इधर देखने के लिए मजबूर किया। उन्होंने स्थापित किया कि वर्ग का सम्बंध आय के आयतन से नहीं, आय के शोषणमूलक स्रोतों से है।

मार्क्सवादियों के लिए मध्यवर्ग की व्याख्या एक चुनौती रही है। एक श्रेणी के रूप में मध्यवर्ग का विश्लेषण करते हुए उन्होंने उसे एक ऐसे वर्ग के रूप में परिभाषित किया, जिसे शोषण के तंत्र से उपजी आमदनी का हिस्सा मिलता है, लेकिन जो स्वयं शोषण से महफ़ूज नहीं है। इस अचूक विश्लेषण से बहुतेरे मध्यवर्गीय मुगालतों को मुक्ति मिली।

' इन्विज़निंग रीयल यूटोपियाज़'- यथार्थ स्वप्नलोकों की परिकल्पना- राइट की सबसे चर्चित महत्वाकांक्षी परियोजना थी। सोवियत प्रयोग के पतन के बाद दुनिया भर के बौद्धिक हलकों में यह अफ़वाह जमा दी गई थी कि मार्क्सवाद महज एक यूटोपिया है। राइट ने अपनी लंबी चौड़ी टीम के साथ ठोस शोधकार्यों पर आधारित ऐसी ढेरों परिकल्पनाएं विकसित कीं जो यूटोपियाई लगते हुए भी यथार्थपरक थीं।

दुनिया को बदलने के लिए सम्भव करने लायक असम्भव सपनों की जरूरत होती है। शोषण पर टिकी हुई विश्व व्यवस्था टिकाऊ नहीं हो सकती, इसी मार्क्सवादी यक़ीन ने राइट को दक्षिण पंथी अमानिशा से जूझने की वैचारिक मशाल मुहैय्या की। ताक़त, मुनाफ़ा और लालच की ताक़तें मनुष्यता को परास्त नहीं कर पाएंगी। लोग न सपने देखना छोड़ेंगे, न उन्हें सच करने की जद्दोजहद।

(लेखक शिक्षक और हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक हैं।)

Erik Olin Wright
Marxist
analytical Marxist
American analytical Marxist sociologist
Marxist Class Analysis
मार्क्सवाद
मार्क्सवादी चिंतक

Related Stories

बंगाल में सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देते 1200 मार्क्सवादी बुकस्टाल 


बाकी खबरें

  • शशि शेखर
    एमएलसी चुनाव परिणाम: राजद के मेरे अपने, फिर भी टूट गए सपने, क्यों?
    12 Apr 2022
    बिहार में 23 सीटों पर चुनाव लड़ कर राजद ने जिन छह सीटों पर जीत हासिल की है, उनमें से 3 पर भूमिहार, 1 पर वैश्य और 1 पर राजपूत जाति से आने वाले उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। राजद का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट…
  • सबरंग इंडिया
    करौली हिंसा को रोकने में विफल रहे अधिकारियों को निलंबित करें: PUCL
    12 Apr 2022
    हिंदुत्ववादी समूह द्वारा आयोजित रैली को मुस्लिम पड़ोस से गुजरने की अनुमति किसने दी और हिंसा होने पर अधिकारियों ने केवल दर्शकों की तरह काम क्यों किया?
  • अभिवाद
    सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'
    12 Apr 2022
    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के 'ग़ैर लोकतांत्रिक रवैये' की आलोचना की और कहा कि 'केंद्र राज्यों को अपनी कठपुतली बनाना चाहता है'।
  • भाषा
    झारखंड रोपवे दुर्घटना: वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने 10 और लोगों को सुरक्षित निकाला
    12 Apr 2022
    वायु सेना, सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा बचाव अभियान जारी है।
  • काशिफ काकवी
    मध्यप्रदेश: रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा, खरगोन में कर्फ़्यू, बड़वानी में तनाव
    12 Apr 2022
    सांप्रदायिक घटनाओं के गवाह रहे आदिवासी बहुल ज़िले खरगोन और बड़वानी में कांग्रेस का दबदबा है। अगले साल यहां विधानसभा चुनाव होने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License