भीड़ की हिंसा के पैर्टन की तरह इसमें भी हाशिये और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर जानलेवा हमला हुआ। क़ासिम और समीउद्दीन को केवल उनकी मुस्लिम पहचान के लिए निशाना बनाया गया था।
यूपी के हापुड़ के पास पिलखुवा में मॉब लिंचिंग का शिकार हुए मोहम्मद क़ासिम के परिजन आज भी इंसाफ की राह देख रहे हैं। इस हमले में बुजुर्ग समीउद्दीन घायल हुए थे। यह हमला उन अफवाह के मद्देनजर किया गया था कि जिसके मुताबिक दोनों ने एक गाय को मारने की कोशिश की थी। भीड़ की हिंसा के पैर्टन की तरह इसमें भी हाशिये और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर जानलेवा हमला हुआ। क़ासिम और समीउद्दीन को केवल उनकी मुस्लिम पहचान के लिए निशाना बनाया गया था, जबकि किसी भी गौ हत्या का कोई सबूत नहीं था। इस वीडियो में, करवां-ए-मोहब्बत के साथ बात करते हुए पीडितों ने इस भयानक घटना की यादों को फिर से दोहराया।
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