NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
भारत
भारतीय वैज्ञानिकों ने "स्वदेशी गायों से उत्पाद" पर अनुसंधान योजना को वापस लेने का आह्वान किया
इस कार्यक्रम का नेतृत्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) कर रहा है जबकि कई अन्य मंत्रालय और अनुसंधान परिषद इसको फ़ंड करने वाले हैं।
संदीपन तालुकदार
03 Mar 2020
स्वदेशी गायों से उत्पाद"
Image Courtesy: Amazon.in

विभिन्न संस्थानों और स्ट्रीम के लगभग 500 से अधिक भारतीय वैज्ञानिकों ने स्वदेशी गायों पर शोध कार्यक्रम को वापस लेने के लिए विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय से अपील किया है। इस कार्यक्रम को साइंटिफिक यूटिलाइजेशन थ्रो रिसर्च ऑग्मेंटेशन-प्राइम प्रोडक्ट्स फ्रॉम इंडिजिनस काऊ (एसयूटीआरए पीआईसी-SUTRA PIC) कहा जाता है और यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के नेतृत्व में किया जा रहा है जबकि कई अन्य मंत्रालय और अनुसंधान परिषद इसको फंड करने वाले हैं।

अकादमिक तथा अनुसंधान संस्थानों और ज़मीनी स्तर के संगठनों से शोध प्रस्तावों की मांग करते हुए इस कार्यक्रम ने पांच विषयगत क्षेत्रों की घोषणा की थी। ये पांच विषय स्वदेशी गायों की विशिष्टता हैं जैसे- चिकित्सा तथा स्वास्थ्य के लिए स्वदेशी गायों से प्रमुख उत्पाद, कृषि अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी गायों से प्रमुख उत्पाद, भोजन तथा पोषण के लिए स्वदेशी गायों से प्रमुख उत्पाद और स्वदेशी गायों पर आधारित उपयोगिता वस्तु से प्रमुख उत्पाद।

वैज्ञानिकों ने इस अपील में कहा है कि अनुसंधान कार्यक्रम का ये प्रस्ताव वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उलझन पैदा कर रहा है। अपील में कहा गया है, "थीम 1 का दावा है कि भारतीय गायें (यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सी नस्ल की) के कुछ 'अद्वितीय' और 'विशेष' गुण हैं। यह इस थीम के तहत धार्मिक शास्त्रों से प्राप्त काल्पनिक गुणों की जांच के लिए पैसे को बर्बाद किए जाने की संभावना का मार्ग खोलता है। थीम 2 का दावा है कि प्राचीन आयुर्वेदिक सूत्र असाधारण विकारों की एक श्रृंखला के लिए गाय उत्पाद आधारित उपचार का सुझाव देते हैं।

ऐसा लगता है कि विकारों की इस सूची में कई आधुनिक विकार शामिल हैं, जिसके लिए साक्ष्य-आधारित आधुनिक चिकित्सा उपचार का या तो अभाव है या दीर्घकालिक या महंगा या कठिन है। हालांकि, ये सूची सामान्य ज्ञान को चुनौती देती है क्योंकि कैंसर, मधुमेह, रक्तचाप और हाइपरलिपिडिमिया जैसी कई बीमारियां इन प्राचीन सूत्रों के लेखकों को नहीं पता थीं।"

इस अपील में आगे कहा गया है,"ये 'कॉल फॉर प्रोपोजल' शुरू से आखिर तक अवैज्ञानिक रूप से तैयार की गई है। ये दस्तावेज़ पूरी तरह मान्यताओं पर आधारित है। विज्ञान आमतौर पर मौजूद मान्यताओं की वैधता को नहीं मान सकता। वैधता को परीक्षण के लिए रखा जाना चाहिए, जो कॉल फॉर प्रोपजल में अनुपस्थित है।“ अपील आगे जोड़ती है।

अपील का मसौदा तैयार करने में लगे वैज्ञानिकों में से एक टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के एक वैज्ञानिक अनिकेत सुले ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि इस कार्यक्रम के थीम उद्देश्यपूर्ण वैज्ञानिक जांच द्वारा तैयार किए गए हैं। साइंस में सूले के हवाले से लिखा गया है, "उन्हें यह साबित करना चाहिए कि पैसा खर्च करने से पहले इस शोध को करने की कुछ योग्यता है।"

यह कोई पहली बार नहीं है जब केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने गायों पर शोध को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। साल 2017 में भाजपा सरकार ने वैज्ञानिक रूप से "पंचगव्य" को मान्यता देने को लेकर शोध करने के लिए एक समिति का गठन किया था। ये पंचगव्य गाय के दूध, दही, घी, गोबर और मूत्र का मिश्रण है जिसमें उपचार के गुण होने का दावा किया जाता है।

भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने भी पिछले साल कहा था कि उनका स्तन कैंसर गोमूत्र से ठीक हो गया था। साध्वी द्वारा किए गए इस दावे को देश भर के कैंसर चिकित्सा विज्ञानियों की भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Indian Scientists Call for Withdrawal of Research Plan on “Products from Indigenous Cows”

SUTRA PIC
Scientific Temperament in India
DST
Ministry of Science and Technology
GOVERNMENT OF INDIA
Gomutra
BJP government

Related Stories


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License