NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
अर्थव्यवस्था
इस्लामोफोबिया की आड़ में बढ़ता दक्षिणपंथ
आतंकियों ने एंटी इमिग्रेंट पॉलिसी, श्वेत श्रेष्ठता, इस्लामिक नफरत जैसी नफरती विचरधाराओं को अपने आतंकी कृत्य के लिए जिम्मेवार ठहराया। यह सारी विचारधाराएं बहुत लम्बे समय तक दुनिया में नफरत पैदा करने का काम करते आ रही है। इसी नफरत के आधार पर धुर दक्षिणपंथ पार्टियां अपनी राजनीति करती हैं। और इस राजनीती और विचारधारा का सबसे बड़ा शिकार मुस्लिम समुदाय बनता है।
न्यूज़क्लिक टीम
18 Mar 2019

शुक्रवार को कुछ लोग हाथ में बंदूक लेकर न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें तकरीबन 50  लोगों की जान चली गयी और कई लोग घायल हुए। मस्जिद में मौजूद लोगों में ज्यादातर लोग दुनिया में अपने मूल निवास के हिस्से से परेशान होकर न्यूज़ीलैण्ड में रहने आये थे। यानी ज्यादातर प्रवासी थे और शरणार्थी के तौर पर न्यूज़ीलैण्ड में रह रहे थे। इन आतंकियों ने एंटी इमिग्रेंट पॉलिसी, श्वेत श्रेष्ठता, इस्लामिक नफरत जैसी नफरती विचरधाराओं को अपने आतंकी कृत्य के लिए जिम्मेवार ठहराया। यह सारी विचारधाराएं बहुत लम्बे समय तक दुनिया में नफरत पैदा करने का काम करते आ  रही है। इसी नफरत के आधार पर धुर दक्षिणपंथ पार्टियां अपनी राजनीति करती हैं। और इस राजनीती और विचारधारा  का सबसे बड़ा शिकार मुस्लिम समुदाय बनता है। जिसकी वजह से इस्लाम को पूरी दुनिया में खलनायक तौर पर देखे जाने की प्रवृतियां बढ़ रही है।  तो इसी विषय पर न्यूज़क्लिक से बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार और विदेश मामलों के जानकार प्रकाश के रे.... 

New Zealand's Christchurch
new zealand
Terrorism
islamic terrorism in world
islamophobia and right wing party
wolrd in danger
Donald Trump
anti migration
migration
anti semantic
anti sematic
usa on terrorism
nasalwad

Related Stories

दुनिया भर की: गर्मी व सूखे से मचेगा हाहाकार

पंजाब विधानसभा चुनाव: आर्थिक मुद्दों की अनदेखी

यूपी चुनाव: बुंदेलखंड से पलायन जारी, सरकारी नौकरियों का वादा अधूरा

कृषि संकट और नौकरी की कमी से बुंदेलखंड के लोग कर रहे हैं पलायन

विशेष: किसिम-किसिम के आतंकवाद

बिहार: कश्मीर में प्रवासी बिहारी मज़दूरों की हत्या के ख़िलाफ़ पटना सहित पूरे राज्य में मनाया गया विरोध दिवस

'कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं का मक़सद भारत की सामान्य स्थिति की धारणा को धूमिल करना है'—मिलिट्री थिंक-टैंक के निदेशक

9/11 के बाद भारत में भी हालात हुए हैं ख़राब

रिपोर्ट के मुताबिक सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की जलवायु योजनायें पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा कर पाने में विफल रही हैं 

आतंकवाद को सालों तक भुनाया जा सकता है : हिलाल अहमद


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License