NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
अंतरराष्ट्रीय
पश्चिम एशिया
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने यूएन से अहमद की न्यायेतर हत्या के लिए जांच व न्याय की मांग की
83 संगठनों ने यह भी मांग की है कि इज़रायल 62 अन्य फ़िलिस्तीनियों के शवों के साथ अहमद का शव उनके परिवार को दे।
पीपल्स डिस्पैच
15 Jul 2020
iss

83 मानवाधिकार समूहों और नागरिक समाज संगठनों के बड़े अंतरराष्ट्रीय समूह ने यूनाइटेड नेशन (यूएन) स्पेशल प्रोसीजर को अत्यंत महत्वपूर्ण एक पत्र लिखा है जिसमें अहमद इरेकट की सुनियोजित और न्यायेतर हत्या की गहन जांच की अपील की गई है। 14 जुलाई को अल-हक वेबसाइट पर प्रकाशित अपील में इस समूह ने यूएन से आग्रह किया है कि वह ये सुनिश्चित करे कि इस नृशंस हत्या को लेकर न्याय दिया जाए और जो ज़िम्मेदार हैं उन्हें क़ानून के अनुसार जवाबदेह ठहराया जाए।

इन संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र से आह्वान किया है कि वे इज़रायली दंडमुक्ति को समाप्त करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें जिसके परिणामस्वरूप इज़रायली सैनिक इस साल की पहले छह महीने तक 21 फिलिस्तीनियों की हत्या कर चुके हैं। उन्होंने अहमद की हत्या के अपराधियों और अन्य लोगों पर भी युद्ध अपराध और मानवता के ख़िलाफ़ अपराध के लिए अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत मुक़दमा चलाने की मांग की है।


27 वर्षीय अहमद इरेकट को 23 जून को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में एक सैन्य चौकी के पास इज़रायली सैनिकों द्वारा उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब उन्होंने अपनी कार पर नियंत्रण खो दिया और चौकी के पास फुटपाथ पर कार चली गई। अहमद अपनी बहन और मां को अपनी बहन की शादी के दिन लेने के लिए गया था। इज़रायली सेना ने झूठा दावा किया था कि अहमद ने चौकी पर सैनिकों पर हमला किया था और खतरा मोल लिया था।


इस अपील में शामिल होने वाले प्रमुख संगठनों में ऐडामीर प्रिज़नर सपोर्ट एंड ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन (Addameer Prisoner Support and Human Rights Association), अल मेजान सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (Al Mezan Center for Human Rights), डिफेंस फॉर चिल्ड्रन इंटरनेशनल- पैलेस्टाइन (Defense for Children International (DCI) – Palestine), अल-हक, पैलेस्टाइन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (पीसीएचआर-Palestinian Centre for Human Rights), अदालाह जस्टिस प्रोजेक्ट (Adalah Justice Project), कई अंतर्राष्ट्रीय बीडीएस संगठन, जेविस वायस फॉर पीस, वेनेजुएला वर्कर्स सॉलिडैरिटी सहित कई अन्य संगठन शामिल हैं।

इसके अलावा ये अपील इन हत्याओं के एक अन्य पहलू पर प्रकाश डालती है जैसे इज़रायली सैनिकों द्वारा की गई फिलिस्तीनियों की हत्या कर अवैध रूप से शवों को अपने क़ब्ज़े में रखना, जो मारे गए फिलिस्तीनियों के परिवारों और समुदायों के लिए सामूहिक दंड देने के जैसा होना। अहमद का शव भी उनकी हत्या के 20 दिनों से अधिक समय बाद उनके परिवार को नहीं दिया गया है ताकि वे अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार दफन कर सकें। कुल मिलाकर इजरायल अभी भी 63 फिलिस्तीनियों के शवों को रखे हुए है जिन्हें मार दिया गया। इस कार्यप्रणाली को साल 2016 में 'निषिद्ध दुर्व्यवहार' के रुप में यूएन कमेटी अगेंस्ट टॉर्चर द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस संयुक्त अपील में संयुक्त राष्ट्र से इज़रायल पर दबाव डालने के लिए कहा गया है कि वह उन सभी फिलिस्तीनियों के शवों को बिना शर्त छोड़ दे जो वर्तमान में उसके क़ब्ज़े में है।

Israel
Palestine
israel palestine war
West Bank
israel attack on wedding day

Related Stories


बाकी खबरें

  • जितेन्द्र कुमार
    मुद्दा: बिखरती हुई सामाजिक न्याय की राजनीति
    11 Apr 2022
    कई टिप्पणीकारों के अनुसार राजनीति का यह ऐसा दौर है जिसमें राष्ट्रवाद, आर्थिकी और देश-समाज की बदहाली पर राज करेगा। लेकिन विभिन्न तरह की टिप्पणियों के बीच इतना तो तय है कि वर्तमान दौर की राजनीति ने…
  • एम.ओबैद
    नक्शे का पेचः भागलपुर कैंसर अस्पताल का सपना अब भी अधूरा, दूर जाने को मजबूर 13 ज़िलों के लोग
    11 Apr 2022
    बिहार के भागलपुर समेत पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 13 ज़िलों के लोग आज भी कैंसर के इलाज के लिए मुज़फ़्फ़रपुर और प्रदेश की राजधानी पटना या देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों का चक्कर काट…
  • रवि शंकर दुबे
    दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए
    11 Apr 2022
    रामनवमी और रमज़ान जैसे पर्व को बदनाम करने के लिए अराजक तत्व अपनी पूरी ताक़त झोंक रहे हैं, सियासत के शह में पल रहे कुछ लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगे हैं।
  • सुबोध वर्मा
    अमृत काल: बेरोज़गारी और कम भत्ते से परेशान जनता
    11 Apr 2022
    सीएमआईए के मुताबिक़, श्रम भागीदारी में तेज़ गिरावट आई है, बेरोज़गारी दर भी 7 फ़ीसदी या इससे ज़्यादा ही बनी हुई है। साथ ही 2020-21 में औसत वार्षिक आय भी एक लाख सत्तर हजार रुपये के बेहद निचले स्तर पर…
  • JNU
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !
    11 Apr 2022
    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दो साल बाद फिर हिंसा देखने को मिली जब कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्रों ने राम नवमी के अवसर कैम्पस में मांसाहार परोसे जाने का विरोध किया. जब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License