NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कला
समाज
साहित्य-संस्कृति
इतवार की कविता : पहले कितने ख़त आते थे...
इतवार की कविता में आज पढ़िये शायर शकील जमाली की लिखी पुराने दिनों को याद करती हुई यह नज़्म...
न्यूज़क्लिक डेस्क
20 Feb 2022
इतवार की कविता : पहले कितने ख़त आते थे...

इतवार की कविता में आज पढ़िये शायर शकील जमाली की लिखी पुराने दिनों को याद करती हुई यह नज़्म...

 

दिल रोता है...

 

पहले कितने ख़त आते थे

आंखें रौशन हो जाती थीं

भरे पुरे घर 

रौशनियों से भर जाते थे

पहले कितने ख़त आते थे....

 

उतने... जितने 

ऊँचे वाली मस्जिद की 

उस मौलसिरी पर फूल आते थे, 

 

उतने.... जितने 

कभी महल सादात के बाहर

ढाल के नीचे वाली 

ऊँची इम्ली पर 

पत्थर पड़ते थे, 

 

उतने... जितने 

एम एम इन्टर कालिज के 

नाले के पीछे 

गूलर के पेड़ों के ऊपर 

शोर मचाते शोख़ परिन्दे 

 

उतने.... जितने 

अब्बा के लम्बे कुर्ते की 

दोनों चाक की जेबों में 

पैसे होते थे 

 

उतने.... जितने 

स्टेशन पर उगे 

पुराने पीपल के 

लहराते पत्ते 

 

उतने.... जितने 

माँ की बोई राबेलों में 

डलिया भर भर 

फूल आते थे 

 

हाय न अब वो ख़त 

न ख़तों के लाने वाले.... 

हाय न वो दरवाज़े 

आंगन, ड्योढी, सहन पुराने वाले, 

 

सब ग़ायब हैं..... 

मौलसिरी का पेड़ 

वो इम्ली 

अपने घर का नीम, 

जमीला फूफी वाले घर का 

वो मीठे अमरूदों वाला पेड़..... 

किजिया चाची के आंगन की 

काने बेरों वाली बेरी

अम्मा मिनिया का मैदान 

जहाँ पर हमने 

अपना अपना बचपन काटा

कन्चे खेले

धूम मचाई

झगड़े बांधे 

जंगें जीतीं.... 

मुँह की खाई, 

 

सब ग़ायब हैं 

माँ ग़ायब है 

अब्बा गुम हैं 

मुझ से बड़े दो भाई कम हैं 

सददी आपा... 

मन्नो बाजी.... 

एक बड़ी माँ जैसी भाभी... 

सब ग़ायब हैं 

 

जितना ढूँढूं 

जितना खोजूं

जितना सोचूँ..... 

दुख होता है 

दिल रोता है...

itwaar ki kavita
poetry on nostalgia
shakeel jamali
shakeel jamali poetry

Related Stories

इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा

इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'

इतवार की कविता : माँओं के नाम कविताएं

इतवार की कविता : आग़ा हश्र कश्मीरी की दो ग़ज़लें

इतवार की कविता : "मैंने रिहर्सल की है ख़ुद को दुनियादार बनाने की..."


बाकी खबरें

  • भाषा
    ईडी ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला को धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए तलब किया
    27 May 2022
    माना जाता है कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला से यह पूछताछ जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनिमियतता के मामले में की जाएगी। संघीय एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    एनसीबी ने क्रूज़ ड्रग्स मामले में आर्यन ख़ान को दी क्लीनचिट
    27 May 2022
    मेनस्ट्रीम मीडिया ने आर्यन और शाहरुख़ ख़ान को 'विलेन' बनाते हुए मीडिया ट्रायल किए थे। आर्यन को पूर्णतः दोषी दिखाने में मीडिया ने कोई क़सर नहीं छोड़ी थी।
  • जितेन्द्र कुमार
    कांग्रेस के चिंतन शिविर का क्या असर रहा? 3 मुख्य नेताओं ने छोड़ा पार्टी का साथ
    27 May 2022
    कांग्रेस नेतृत्व ख़ासकर राहुल गांधी और उनके सिपहसलारों को यह क़तई नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई कई मजबूरियों के बावजूद सबसे मज़बूती से वामपंथी दलों के बाद क्षेत्रीय दलों…
  • भाषा
    वर्ष 1991 फ़र्ज़ी मुठभेड़ : उच्च न्यायालय का पीएसी के 34 पूर्व सिपाहियों को ज़मानत देने से इंकार
    27 May 2022
    यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने देवेंद्र पांडेय व अन्य की ओर से दाखिल अपील के साथ अलग से दी गई जमानत अर्जी खारिज करते हुए पारित किया।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    “रेत समाधि/ Tomb of sand एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं”
    27 May 2022
    ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला पहला हिंदी उपन्यास है। इस पर गीतांजलि श्री ने कहा कि हिंदी भाषा के किसी उपन्यास को पहला अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार दिलाने का जरिया बनकर उन्हें बहुत…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License